Ranchi : झारखंड के सरकारी स्कूलों के पुरुष शिक्षकों का गृह जिले में तबादला नहीं हो सकेगा. मतलब यह कि राज्य सरकार दूसरे जिलों में कार्यरत 7400 शिक्षकों को अपने गृह जिला में आने का अवसर नहीं देने जा रही है. यह मौका केवल सरकारी सेवा वाले पति-पत्नी, महिला, दिव्यांग और असाध्य रोग से पीड़ित शिक्षकों को ही मिल सकेगा. यह प्रावधान शिक्षक स्थानांतरण की संशोधित नियमावली में किया गया है. नियमावाली को विधि विभाग की मंजूरी के बाद कार्मिक विभाग की सहमति के लिए भेजा गया है. कार्मिक विभाग से आने के बाद उसे कैबिनेट भेजा जाएगा.
पांच जोन में शिक्षकों का तबादला किया जाना था
झारखंड के सरकारी स्कूलों के शिक्षकों की स्थानांतरण नियमावली 2019 में तैयार की गई थी. इसमें जिले के अंदर ही पांच जोन में शिक्षकों का तबादला किया जाना था. शिक्षक संगठन लगातार शिक्षकों को अंतर जिला स्थानांतरण का मौका देने की सरकार से मांग कर रहे थे. इसके लिए वर्तमान में सरकार ने नियमावली में संशोधन करने का एलान किया. और अब सभी शिक्षकों को इसका लाभ मिलता नहीं दिख रहा है. राज्य के प्रारंभिक स्कूलों के करीब 7400 शिक्षक ऐसे हैं, जो दूसरे जिलों में कार्यरत हैं. वह अपने गृह जिला में लौटना चाहते हैं. इसमें कुछ ही शिक्षकों का गृह जिले में अंतर जिला स्थानांतरण हो सकेगा. महिला शिक्षिका अपने गृह जिले में आ सकेंगी. लेकिन पुरुष शिक्षकों को यह अवसर नहीं मिलेगा. वैसे शिक्षक जिनके पति या पत्नी राज्य या केंद्र सरकार की सेवा में हैं उन्हें दूसरे जिलों में एक बार तबादला का अवसर मिलेगा. यदि कोई शिक्षक असाध्य रोग से पीड़ित हैं तो उसे अपने गृह जिले में तबादले का मौका मिल सकेगा.
क्षेत्रीय भाषा की जानकारी से मिलेगी स्थानांतरण की अनुमति
महिला, पति-पत्नी, दिव्यांग और असाध्य रोग से पीड़ित शिक्षकों को गृह जिले में आने में भी मशक्कत करनी पड़ेगी. यह तभी संभव हो सकेगा, जब उन्हें क्षेत्रीय भाषा की जानकारी होगी. अगर कोई अभ्यर्थी किसी क्षेत्रीय भाषा के आधार पर नियुक्त हुआ है तो उसे दूसरे क्षेत्रीय भाषा वाले जिलों में स्थानांतरण का मौका नहीं मिलेगा. वहीं, अगर जिस विषय के शिक्षक होंगे अगर संबंधित जिले में उस विषय के शिक्षक की आवश्यकता नहीं हुई तो तबादला नहीं हो सकेगा.
गृह जिला में तबादला का अवसर नहीं दिया जा सकता
शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने कहा – सभी शिक्षकों को गृह जिला में तबादला का अवसर नहीं दिया जा सकता है. सभी का एक साथ तबादला करेंगे तो स्कूल अस्त-व्यस्त हो जाएंगे. महिला, सरकारी सेवा वाले पति-पत्नी, दिव्यांग और असाध्य रोग से पीड़ित शिक्षकों का गृह जिले में तबादला की तैयारी है. इसके लिए ही स्थानांतरण नियमावली में संशोधन किया जा रहा है.
गृह जिले में तबादला का अवसर दिया जाना चाहिए
अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ के मुख्य प्रवक्ता नसीम अहमद ने कहा, ‘झारखंड के करीब 7400 शिक्षक दूसरे जिलों में कार्यरत हैं. उन्हें गृह जिले में तबादला का अवसर दिया जाना चाहिए. 2016 में शिक्षा विभाग ने 12 हजार शिक्षको पोस्टिंग के दौरान कई शिक्षको को दूसरे जिलो में नियुक्ति दे दी गई थी. स्थानांतरण नियमावली में संशोधन भी इसी मामले को लेकर हो रहा है. इसके लिए संगठन की ओर से शिक्षा विभाग को अवगत करा दिया गया है.
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