Ranchi : राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान- रिम्स में आए दिन ऑक्सीजन खत्म होने की बात सामने आती थी. 12 नवंबर 2020 को भी अचानक ऑक्सीजन सिलेंडर खत्म हो जाने से कोविड आईसीयू में भर्ती एक दर्जन से अधिक गंभीर मरीजों की जान सांसत में आ गई थी. सभी मरीज हाईफ्लो सपोर्ट पर थे. अब रिम्स के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कोरोना संक्रमित मरीजों को ऑक्सीजन की समस्या नहीं होगी और ना ही ऑक्सीजन की कमी के कारण उनकी मौत होगी.
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ट्रॉमा सेंटर में हुआ ऑक्सीजन टैंक का उद्घाटन
रिम्स ट्रॉमा सेंटर में 13 हजार किलोलीटर क्षमता वाले लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन टैंक का विधिवत उद्घाटन किया गया. प्लांट का उद्घाटन रिम्स के निदेशक डॉ कामेश्वर प्रसाद ने किया. इस दौरान रिम्स के चिकित्सा अधीक्षक डॉ विवेक कश्यप, ट्रॉमा सेंटर इंचार्ज डॉ पीके भट्टाचार्य, नर्स रामरेखा राय मौजूद रहे.
टैंक से 225 मरीजों को लगातार मिलेगा ऑक्सीजन
रिम्स के निदेशक डॉ कामेश्वर प्रसाद ने कहा कि लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन टैंक की शुरुआत हो जाने से ट्रामा सेंटर के 125 मरीज और पेइंग वार्ड के 100 मरीजों को ऑक्सीजन सप्लाई में कोई दिक्कत नहीं होगी. उन्होंने कहा कि इससे पहले सिलेंडर से ऑक्सीजन का सप्लाई होता था और इसमें दिक्कत आती थी. अब पाइप के जरिए दोनों ही विभागों में लगातार ऑक्सीजन का सप्लाई होगा. टैंक को फुल कर देने के बाद 15 दिनों तक लगातार ऑक्सीजन का सप्लाई हो सकता है.
रिम्स के पास उपलब्ध रहेगा सरप्लस ऑक्सीजन
ट्रॉमा सेंटर के इंचार्ज डॉ प्रदीप कुमार भट्टाचार्य ने कहा कि लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन टैंक अस्पताल के लिए बेहद जरूरी उपकरण है. आंतरिक समस्याओं के कारण इसे शुरू करने में कुछ विलंब जरूर हुआ है, लेकिन अब हमारे पास इतना ऑक्सीजन रिजर्व रहेगा कि ट्रामा के 120 मरीजों के अलावा रिम्स पेइंग वार्ड के 100 मरीजों तक हम ऑक्सीजन की सप्लाई कर सकेंगे. उन्होंने कहा लिक्विड ऑक्सीजन टैंक के जरिए वेंटिलेटर, नॉन इनवेसिव वेंटिलेटर और प्लेन मास्क द्वारा ऑक्सीजन की सप्लाई अनवरत होगा. टैंक को फुल करने के बाद 10-15 दिनों तक ऑक्सीजन की सप्लाई होगी. महीने में दो से तीन बार टैंक को रिफिल करना पड़ेगा.
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