मनरेगा मजदूर मंच के सदस्य बनेंगे कोरोना योद्धा, दो लाख परिवारों से करेंगे संपर्क
Ranchi : राज्य सरकार मनरेगा मजदूरों व प्रवासी मजदूरों के बीच कोविड-19 को लेकर जागरूकता फैलायेगी. इसके लिए राज्यभर में ग्रामीण विकास विभाग 8000 से अधिक व्यक्तियों को प्रशिक्षित किये जायेंगे. यह लोग ग्रामीण इलाके में कोरोना के रोकथाम में अपनी भूमिका निभाएंगे. ग्रामीण विकास विभाग की ओर से प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया जायेगा. आने वाले 15 दिनों में 2 लाख परिवारों को कोविड-19 को लेकर जागरूक किये जाने का लक्ष्य रखा गया है. इस प्रक्रिया के तहत वर्चुअल तरीके से सोशल ऑडिट यूनिट के 315 व्यक्तियों को प्रशिक्षित किया गया हैं.
कार्यशाला का आयोजन यूनिसेफ के माध्यम से किया गया
प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन यूनिसेफ के माध्यम से किया गया. यूनिसेफ की प्रीति श्रीवास्तव ने जानकारी ही बचाव है विषय पर अपनी बात रखी. प्रशिक्षण के माध्यम से ग्रामीण इलाकों में फ़ैल रहे संक्रमण के खतरे के प्रति जागरूक किया गया .प्रशिक्षनार्थियों को संबोधित करते हुए सोशल ऑडिट यूनिट के राज्य समन्वयक ने कहा कि जीवन और जीविका को बचाने में इन मजदूरों की महत्वपूर्ण भूमिका है. उन्होंने बताया कि सोशल ऑडिट के क्रम में हर गांव में मजदूर मंच का गठन किया गया है. मजदूरों के बीच से ही चुने गये 8000 व्यक्ति एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं.
एक-एक जान हैं महत्वपूर्ण, जानकारी और जागरूकता से हो सकती है रोकथाम
प्रशिक्षनार्थियों को संबोधित करते हुए ग्रामीण विकास विभाग की सचिव आराधना पटनायक ने कहा कि एक एक जान महत्वपूर्ण है. हर प्रवासी मजदूर की जांच हो ,उनको सही परामर्श मिले इसके लिए यह प्रशिक्षण महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि ग्रामीण इलाकों में कोविड-19 लक्षणों को साधारण सर्दी ,खांसी ,बुखार या टाइफाइड समझने की भूल के ना करें. कई जानें जा रही हैं. इस को रोका जाना जरुरी है .सही समय पर पहचान और इलाज जरुरी है.
सकारात्मक मानसिक स्थिति से मुकाबला कर सकते हैं
मनरेगा आयुक्त वरुण रंजन ने कहा कि यह समय लोगों के अंदर सही सूचना जानकारी और सकारात्मक मानसिक स्थिति बनाने का है. इसका हम सब मिलकर मुकाबला कर सकते हैं. आज एक साझा प्रयास की आवश्यकता है और सोशल ऑडिट यूनिट के प्रयास से 2 लाख परिवारों तक पहुंचने की यह कोशिश प्रशंसनीय है .
झारखण्ड के सभी जिलों से 315 प्रशिक्षकों ने भाग लिया
सभी मुख्य प्रशिक्षकों को कोविड-19 के अनुरूप व्यवहार ,लक्षण ,एकांतवास और अन्य जानकारी के सम्बन्ध में यूनिसेफ के दानिश और वनेश माथुर ने दी .इस प्रशिक्षण में झारखण्ड के सभी जिलों से 315 प्रशिक्षकों ने भाग लिया .