Patna : बिहार में कोरोना की दूसरी लहर का संक्रमण अभी खत्म नहीं हुआ है और अब ब्लैक फंगस भी परेशान कर रहा है. कोरोना के मरीजों को ब्लैक फंगस जकड़ ले रहा है और कई लोग गंभीर रूप से बीमार हो रहे हैं. कई संक्रमितों की जान भी जा चुकी है. ब्लैग फंगस के बढ़ते केस पर काबू पाने के लिए राज्य सरकार ने पहल शुरू कर दी है. इसकी दवा एम्फोटेरिसिन बी के स्टॉक के लिए भी निर्देश दिए गए हैं. इसी के तहत ब्लैक फंगस की दवा की कमी दूर करने के लिए एम्स पटना एम्फोटेरिसिन बी की तीन हजार वॉयल की खरीद करेगा. इसके लिए एम्स प्रशासन दवा कंपनियों से बात करने का प्रयास कर रहा है. एम्स में मरीजों की बढ़ती संख्या और राज्य सरकार द्वारा राशनिंग कर इस दवा की आपूर्ति किए जाने के बाद एम्स प्रशासन ने यह निर्णय लिया है.
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मरीजों की सूची प्रतिदिन शाम को उपलब्ध कराई जाती है
ब्लैक फंगस के इलाज से जुड़े एम्स के एक वरीय चिकित्सक ने बताया कि एम्स को फिलहाल राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग द्वारा दवाइयों की आपूर्ति कराई जा रही है. इसके लिए संस्थान में भर्ती मरीजों की सूची प्रतिदिन शाम को उपलब्ध कराई जाती है. दो दिन पहले दवा की आपूर्ति में कुछ बाधा भी उत्पन्न हुई थी. अचानक इस तरह की बाधा से कोई बड़ी परेशानी न हो, इसलिए एम्स प्रशासन अपने संसाधनो से भी दवाइयों की खरीद करेगा. इससे अचानक कमी का संकट उत्पन्न नहीं होगा.
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पटना में 200 के करीब मरीज अस्पतालों में भर्ती
आईजीआईएमएस में ब्लैक फंगस से संक्रमित मरीजों की संख्या 100 के पार हो गई थी. उस दिन दवाओं की अचानक कमी होने से आईजीआईएमएस में अफरा-तफरी का माहौल बन गया था. निदेशक ने स्वास्थ्य विभाग से लेकर स्वास्थ्य मंत्री से दवाओं की शीघ्र आपूर्ति कराने की बात की. बहुत प्रयास के बाद देर रात 500 वॉयल दवा की आपूर्ति हो सकी. ब्लैक फंगस से पीड़ित एक साधारण मरीज को एम्फोटेरिसिन बी के 50 मिलीग्राम वॉयल का छह डोज एक दिन में दिया जाता है. संक्रमण अगर दिमाग में चला जाए तो उस मरीज को प्रतिदिन 10 डोज दिया जाता है. ऐसे में अगर 50 मरीज भर्ती है तो एक दिन में तीन सौ से 500 वॉयल का डोज पड़ जाता है. ऐसे में एम्स को अबतक 3250 डोज और आईजीआईएमएस को लगभग 3000 डोज मिल पाया है. वहीं पीएमसीएच में मिले 250 वॉयल मिला है. एम्स, आईजीआईएमएस और पीएमसीएच में ब्लैक फंगस से पीड़ित होकर भर्ती मरीजों की कुल संख्या 179 हो गई है.