Samarkand : दुनिया कोविड महामारी से उबर रही है. यूक्रेन क्राइसिस और कोरोना की वजह से ग्लोबल सप्लाई चेन में कुछ परेशानी आयी है. विश्व ऊर्जा और खाद्य संकट का सामना कर रहा है. SCO देशों के बीच सप्लाई चेन विकसित करने का प्रयास करना चाहिए. इसके लिए बेहतर कनेक्टिविटी की जरूरत है. उज्बेकिस्तान के समरकंद में शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन (SCO) की बैठक के पहले राउंड में पीएम मोदी ने यह बात कही. बैठक में SCO के सुधार और विस्तार, रीजनल सिक्योरिटी, सहयोग, कनेक्टिविटी को मजबूत करने और व्यापार को बढ़ावा देने पर चर्चा हुई. इसी संदर्भ में पीएम मोदी ने अपने विजार रखे.
The world is overcoming the COVID-19 pandemic. Several disruptions occurred in the global supply chain because of the COVID and Ukraine crisis. We want to transform India into a manufacturing hub: PM Narendra Modi at the SCO Summit in Uzbekistan’s Samarkand pic.twitter.com/pQN1nkOzHV
— ANI (@ANI) September 16, 2022
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हम भारत को मैन्युफैक्चरिंग हब में बदलना चाहते हैं
पीएम ने कहा कि हम भारत को मैन्युफैक्चरिंग हब में बदलना चाहते हैं. भारत का युवा और वर्क फोर्स उसे स्वाभाविक रूप से कम्पेटेटिव बनाता है. कहा कि अर्थ व्यवस्था में 75% वृद्धि की आशा है, जो दुनिया की बड़ी इकोनॉमी में सबसे ज्यादा है. टेक्नोलॉजी के उचित उपयोग पर भी फोकस दिया जा रहा है. हम इनोवेशन का समर्थन कर रहे हैं. हम नये स्पेशल वर्किंग ग्रुप की स्थापना करके SCO सदस्यों के साथ अपना अनुभव साझा करने के लिए तैयार हैं.
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मोदी ने कहा, भारत SCO सदस्यों के बीच अधिक सहयोग और विश्वास का समर्थन करता है. जानकारी के अनुसार इसके बाद डायलॉग पार्टनर और ऑब्जर्वर सदस्यों की बैठक होगी. इस क्रम में समरकंद बैठक से जुड़े डॉक्यूमेंट्स साइन किये जायेंगे. बता दें कि पीएममोदी 15 सितंबर की रात समरकंद पहुंचे. मोदी आज रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन, ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी और उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शावकत मिर्जियोयेव के साथ द्विपक्षीय बैठक करने वाले है, शाम को मोदी दिल्ली रवाना हो जाएंगे.
जिनपिंग, शाहबाज शरीफ से मोदी की मुलाकात पर सस्पेंस
एक्सपर्ट्स के अनुसार अगर प्रधानमंत्री मोदी चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और शाहबाज शरीफ से मिलते हैं, तो ये मुलाकात भारतीय फॉरेन पॉलिसी के लिए बहुत अहम होगी. लेकिन भारत और चीन के बीच लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल यानी LAC पर तनाव कम होने के बावजूद उजबेकिस्तान में मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात पर सस्पेंस है. मोदी और जिनपिंग की SCO समिट से इतर मुलाकात पर चीन की फॉरेन मिनिस्ट्री के साथ वहां का मीडिया भी चुप्पी साधे है
पुतिन से रूस-यूक्रेन पर बात करेंगे मोदी
पुतिन- पीएम मोदी की मुलाकात में रूस-यूक्रेन जंग और फूड सिक्योरिटी जैसे अहम मसलों पर बातचीत होने की संभावना है. रूस द्वारा जारी बयान के अनुसार स्ट्रैटजिक स्टेबिलिटी, एशिया-पैसिफिक रीजन की स्थिति से जुड़े मुद्दों पर चर्चा होगा. विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने जानकारी दी कि PM मोदी पुतिन से सस्ते कच्चे तेल की बिना किसी बाधा के सप्लाई बातचीत कर सकते हैं.
इससे पूर्व, गुरुवार को दिल्ली में रूस के राजदूत डेनिस अलीपोव ने कहा कि भारत को कच्चे तेल की आपूर्ति जारी रहेगी. कहा कि यह इस साल नये रिकॉर्ड को टच करेगी. जान लें कि भारत को सस्ता तेल चाहिए.उधर रूस को नया बाजार चाहिए,
शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन का गठन 2001 में हुआ
SCO यानी शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन का गठन 2001 में हुआ था. SCO एक पॉलिटिकल, इकोनॉमिकल और सिक्योरिटी ऑर्गेनाइजेशन है. भारत, रूस, चीन और पाकिस्तान समेत इसके कुल 8 स्थाई सदस्य हैं. शुरुआत में SCO में छह सदस्य- रूस, चीन, कजाकिस्तान, तजाकिस्तान, किर्गिस्तान और उज्बेकिस्तान थे. 2017 में भारत और पाकिस्तान के भी इससे जुड़ने से इसके स्थाई सदस्यों की संख्या 8 हो गई. 6 देश- आर्मीनिया, अजरबैजान, कंबोडिया, नेपाल, श्रीलंका और टर्की SCO के डायलॉग पार्टनर हैं. 4 देश- अफगानिस्तान, ईरान, बेलारूस और मंगोलिया इसके ऑब्जर्वर सदस्य हैं.