Jamshedpur : काशी साहु महाविद्यालय के हिंदी विभाग ने शनिवार को मुंशी प्रेमचंद की जयंती पर ऑनलाइन वेबिनार का आयोजन किया. वेबिनार में मुख्य वक्ता हिंदी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ सुप्रभा टुटी उपस्थित थे. उन्होंने मुंशी प्रेमचंद के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर चर्चा करते हुए उनकी जीवनी पर प्रकाश डाला.
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डॉ सुप्रीभा ने कहा कि इन्होंने गरीबी से लडते हुए प्रेमचंद ने अपनी मैट्रिक तक की पढ़ाई पूरी की. बचपन में उन्हें पढ़ने के लिए गांव से दूर वाराणासी नंगे पांव जाना पडता था. इसी बीच पिता का देहांत हो गया. मुंशीजी आगे चल कर वकील बनना चाहते थे, परंतु गरीबी ने उन्हें तोड दिया. स्कूल आने-जाने के झंझट से बचने के लिए एक वकील के यहां ट्यूशन पढ़ाने लगे और उसी के घर एक कमरा लेकर रहने लगे. पांच रुपए में अपनी जिंदगी की गाडी को आगे बढाने लगे. मुंशीजी साहित्य जगत के चमकते सूर्य के समान हैं, इनकी कहानियों और उपन्यासांे में समाज के सबसे कमजोर तबके को महत्व दिया गया है. इन्होंने अपनी कहानियों से समाज को एक नया आयाम देने का प्रयास किया.
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कार्यक्रम में प्रोफेसर डॉ वैष्णवी मुखी ने प्रेमचंद की जीवनी पर विस्तार से प्रकाश डाला. छात्र गितेश कुमार महतो ने कहा कि प्रेमचंद के उपन्यास ना केवल हिंदी उपन्यास साहित्य में बल्कि संपूर्ण भारतीय साहित्य में मील के पत्थर हैं. कार्यक्रम का संचालन नेहा पाठक ने किया. मौके पर पुष्पा महतो, उर्मिला प्रमाणिक, प्रकाश महतो, गितेश कुमार महतो, संगीता मंडल, रीता महतो, रामेश्वर सिंह मुंडा, शंभू शंकर बेहरा, कल्याणी कुमारी आदि छात्र-छात्राओं ने प्रेमचंद जयंती पर अपनी बातें रखीं.