Ranchi: विधायक सरयू राय ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) के डिप्टी डायरेक्टर को पत्र लिखकर पूजा सिंघल मामले में जांच की दिशा बताई है. उन्होंने ईडी को सलाह दी है कि उनके द्वारा खनन विभाग को लेकर उठाये गये मामलों से निदेशालय को काफी मदद मिलेगी. सरयू ने सलाह दी है कि मनरेगा मामले की जांच की जद में आये लोगों और संस्थाओं के 8 से 30 नवंबर 2016 (नोटबंदी तक) के वित्तीय लेनदेन पर नजर डालनी चाहिए. झारखंड की लेटेस्ट खबरों के लिए यहां क्लिक करें…
सिंघल को आरोप मुक्त किये जाने की पूरी समीक्षा होनी चाहिए
सरयू ने कहा कि मनरेगा की अनियमितताओं को लेकर पूजा सिंघल पर विभागीय कार्रवाई चल रही थी, लेकिन झारखंड सरकार ने 27.02.2017 को उन्हें आरोप मुक्त कर दिया था. उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही समाप्त कर दी गई. जिन आरोपों से सिंघल को सरकार ने मुक्त किया था वे आरोप प्रवर्तन निदेशालय की जांच के आधार बने हैं. आरोप मुक्त किये जाने की पूरी समीक्षा होनी चाहिए.
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‘रहबर की राहजनी’ किताब से भी ईडी को मिलेगी मदद
उन्होंने कहा कि मामले की जांच के दौरान खान विभाग के क्रियाकलापों पर भी प्रवर्तन निदेशालय विचार कर रहा है. सरयू ने कहा कि वर्तमान सरकार में भी और पूर्ववर्ती सरकार में भी उन्होंने लौह अयस्क खनन में अनियमितताओं से संबंधित कई मुद्दों की और झारखंड सरकार का ध्यान आकृष्ट किया है. इस संबंध में उन्होंने “रहबर की राहजनी” पुस्तक भी प्रकाशित की है. उस पुस्तक की प्रति ईडी को भेजते हुए उसमें वर्णित तथ्यों को जांच के दायरे में लाने की अपील की है.
मुख्यमंत्री को लिखे तीन पत्र भी सरयू ने ईडी को भेजा
सरयू राय ने लिखा कि वर्तमान राज्य सरकार और पूर्ववर्ती राज्य सरकार के खान विभाग के क्रियाकलापों के संबंध में उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को कई पत्र लिखा है और विधानसभा में भी इन्हें उठाया है. इनमें से तीन पत्रों को भी उन्होंने ईडी को भेजते हुए उसे जांच की परिधि में लाने की अपील की है.