Bengluru : भारत जोड़ो यात्रा के दौरान शनिवार को कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि आजादी की लड़ाई में सावरकर अंग्रेजों के लिए काम करते थे और इसके लिए उन्हें पैसे मिलते थे. कांग्रेस में जो लोग थे वो भारत की आजादी के लिए अंग्रेजों से लड़े. महात्मा गांधी, जवाहर लाल नेहरू और सरदार पटेल अंग्रेजों से लड़े, लेकिन उसी समय आरएसएस ने अंग्रेजों का साथ दिया. उन्होंने कहा कि सावरकर को अंग्रेजों से स्टाइपेंड मिलता था. आरएसएस ने भी ब्रिटिश राज का समर्थन किया था और आज उनके नफरत के खिलाफ ही भारत जोड़ो यात्रा निकाली जा रही है. उन्होंने कहा कि आजादी की लड़ाई में बीजेपी की कोई भूमिका नहीं थी, उनका काम केवल नफरत फैलाना है. भारत में नफरत फैलाने वाला देशविरोधी है, जो भी ऐसा करेगा हम उससे लड़ेंगे. भारत जोड़ो यात्रा के एक महीने पूरे होने के बाद राहुल गांधी ने शनिवार को कर्नाटक के तुरुवेकरे में प्रेस कॉन्फ्रेंस की. राहुल इस दौरान सावरकर, संघ और पीएफआई से लेकर कांग्रेस की इंटरनल पॉलिटिक्स पर बात की.
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पीएफआई बैन पर बोले- सांप्रदायिकता के खिलाफ लड़ाई
पीएफआई पर बैन को लेकर पूछे गए सवाल पर राहुल ने कहा कि भारत में घृणा और सांप्रदायिकता फैलाने वाली हर ताकत से हम लड़ेंगे. वह चाहे किसी भी समुदाय से क्यों ना आता हो. भारत जोड़ो यात्रा नफरत और हिंसा के खिलाफ निकाली जा रही है.
अडाणी के खिलाफ नहीं, मोनोपॉली का विरोध
राजस्थान में अडाणी समूह के इन्वेस्टमेंट करने के सवाल पर भी राहुल बोले – मैं कॉरपोरेट के खिलाफ नहीं हूं. मैं मोनोपॉली के खिलाफ हूं. राजस्थान में प्रक्रिया के हिसाब से वहां सब कुछ सही है. सरकार ने कोई पावर यूज कर वहां अडानी को फायदा नहीं पहुंचाया है. अगर, कभी फायदा पहुंचाया जाएगा, तो मैं सबसे पहले विरोध करुंगा.
रिमोट कंट्रोल से नहीं चलेंगे कांग्रेस अध्यक्ष
राहुल ने कहा कि कांग्रेस के जो भी नए अध्यक्ष होंगे, उन्हें रिमोट कंट्रोल से चलने वाला कहना अपमान है. सभी सक्षम हैं और गांधी- नेहरु परिवार का कोई हस्तक्षेप नहीं है.
तपस्या मेरे और मेरे परिवार की प्रकृति
राहुल गांधी ने कहा, ”मेरी छवि खराब खराब करने के लिए काफी पैसा लगाया गया, जबकि सच्चाई कुछ और है. इस यात्रा का राजनीतिक मकसद भी है, लेकिन इसका असली मकसद लोगों से सीधे संवाद करना है. तपस्या मेरे और मेरे परिवार की प्रकृति है. मैंने कार के द्वारा आराम से यात्रा न चुनकर परेशानी भरा कठिन रास्ता चुना. ये मेरे लिए एक सबक की तरह है. 31 दिन कुछ नहीं है लेकिन मैंने बदलाव महसूस करना शुरू कर दिया है.
कर्नाटक में सीएम चेहरा चुनाव बाद तय होगा
कर्नाटक में अगले साल होने वाले चुनाव में पार्टी की ओर से चेहरा कौन होगा? इस सवाल के जवाब में राहुल गांधी ने कहा- कांग्रेस में नियमानुसार चुनाव बाद ही सीएम तय होगा. कर्नाटक कांग्रेस में नेता प्रतिपक्ष सिद्धरमैया और कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार सीएम की रेस में शामिल हैं.
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