NewDelhi : देशभर में मौजूद ट्रिब्यूनल्स में लंबे समय से खाली पड़े पदों के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा बुधवार को नाराजगी जताये जाने की खबर है. कोर्ट ने इस मामले में केंद्र सरकार से जवाब दाखिल करने के लिए कहा है. इस क्रम में सुप्रीम कोर्ट ने ट्रिब्यूनल्स में खाली पद भरने में बिना सोचे की गयी कार्रवाई पर अफसोस जताया है. SC का मानना है कि नौकरशाही इस मुद्दे को हल्के में ले रही है.
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कुछ नियुक्तियों के बाद, कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई
जान लें कि चीफ जस्टिस एनवी रमन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ देश भर के विभिन्न ट्रिब्यूनल्स में खाली पदों के मुद्दे पर गौर कर रही है. पीठ ने कहा कि शुरू में कुछ नियुक्तियों के बाद, कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई. पीठ ने कहा कि एनसीएलटी (नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल) के सदस्यों के लिए समय बढ़ाने की खातिर याचिकाएं मिल रही हैं.
पीठ ने कहा कि शुरू में कुछ नियुक्तियों के बाद कुछ नहीं हुआ. अदालत ने कहा कि उसे सदस्यों के भविष्य के बारे में पता नहीं है और कई सदस्य सेवानिवृत्त हो रहे हैं. पीठ ने कहा कि नौकरशाही इस विषय को हल्के में ले रही है. पीठ में न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना और न्यायमूर्ति हिमा कोहली भी शामिल हैं.
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दो सप्ताह बाद होगी सुनवाई
अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल रिक्तियों से संबंधित मामलों से निपटने में पीठ की सहायता कर रहे हैं. उन्होंने रिक्तियों की सूची और उन्हें भरने के लिए उठाये गये कदमों को दिखाने का प्रयास किया. पीठ ने कहा कि वह इस विषय पर दो सप्ताह बाद सुनवाई करेगी. पिछले साल अगस्त में सुनवाई में उपलब्ध कराये गये आंकड़ों के अनुसार, देश भर के विभिन्न प्रमुख ट्रिब्यूनल्स और अपीलीय न्यायाधिकरणों में लगभग 250 पद खाली हैं.