NewDelhi∶ सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र, पश्चिम बंगाल सरकार और चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया है. पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा के कारणों की जांच के लिए SIT के गठन की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए नोटिस जारी किया गया है. बता दें कि विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद हुई हिंसा को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गयी थी.
याचिका में कोर्ट की निगरानी में SIT से जांच कराने की मांग की गयी है. सुप्रीम कोर्ट ने आज इस मामले में सुनवाई करते हुए केंद्र, पश्चिम बंगाल सरकार और चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.
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धर्म विशेष के लोग हिंदू समुदाय पर हमला कर रहे हैं
याचिका में कहा गया है कि विधानसभा चुनाव में भाजपा का समर्थन करने के कारण एक धर्म विशेष के लोग वहां रहने वाले हिंदू समुदाय पर हमला कर रहे हैं. याचिका में कोर्ट से केंद्र और राज्य सरकार को निर्देश देने की मांग की गयी कि वे पीड़ित परिवारों को मुआवजा और पलायन कर चुके लोगों के पुर्नवास की व्यवस्था करे.
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एनएचआरसी की टीम ने कोलकाता हाईकोर्ट को रिपोर्ट सौंपी
सुप्रीम कोर्ट में ऐसे समय में सुनवाई हुई है, जब पिछले दिन इसी मसले पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) की टीम ने कोलकाता हाईकोर्ट की 5 न्यायाधीशों की पीठ को रिपोर्ट सौंपी है. खबर है कि एनएचआरसी इस मामले में अपनी विस्तृत रिपोर्ट कुछ दिनों के बाद दाखिल करेगी. इस मामले में शुक्रवार को अगली सुनवाई होगी. बता दें कि बंगाल में विधानसभा चुनाव के परिणाम के बाद कई हिस्सों में हिंसा देखने को मिली थी.
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30 से अधिक लोगों की हत्या कर दी गयी
भाजपा ने ममता सरकार के खिलाफ आरोप लगाया कि उसके समर्थकों को निशाना बनाया जा रहा है. यह भी आरोप लगाये गये कि पार्टी का समर्थन करने के लिए 30 से अधिक लोगों की हत्या कर दी गयी है. महिलाओं के साथ दुष्कर्म और छेड़छाड़ की गयी है.
इस संबंध में उच्च न्यायालय के आदेश पर एनएचआरसी ने टीम गठित की है. राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष आतिफ रशीद, राष्ट्रीय महिला आयोग के सदस्य राजुलबेन एल देसाई, एनएचआरसी के निदेशक जांच संतोष मेहरा और डीआईजी, जांच मंजिल सैनी, पश्चिम बंगाल मानवाधिकार आयोग के रजिस्ट्रार प्रदीप कुमार पांजा और पश्चिम बंगाल राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण सदस्य सचिव राजू मुखर्जी भी शामिल हैं.
फैक्ट फाइंडिंग कमेटी ने अपनी रिपोर्ट गृह मंत्रालय को सौंपी
इससे पहले राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) की फैक्ट फाइंडिंग कमेटी ने अपनी रिपोर्ट गृह मंत्रालय को सौंपी है. जिसमें हिंसा को पूर्व नियोजित करार दिया है कमेटी में पूर्व न्यायधीश, पूर्व डीजीपी, नौकरशाह आदि शामिल हैं. कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार बंगाल विधान चुनाव के नतीजों के बाद 2 मई की रात से राज्य के अलग अलग शहरों और गांवों में हिंसा रिपोर्ट की गयी.
जिससे पता चलता है कि हिंसा सुनियोजित थी. इसे प्लान किया गया था. रिपोर्ट में बताया गया कि राज्य के बड़े माफिया और अपराधी जिनके खिलाफ बंगाल में कई आपराधिक मामले दर्ज हैं, उन्होंने इस वारदात को अंजाम दिया .