Saraikela : सरायकेला का साप्ताहिक हाट परिसर वेंडिंग जोन के रूप में विकसित किया जाएगा. इसपर करीब 1.13 करोड़ रुपए खर्च होंगे. इसकी विभागीय स्वीकृति मिल गई है. वेंडिंग जोन के रूप में विकसित करने के लिए हाट परिसर में आधारभूत संरचना का भी विकास किया जाएगा, ताकि दुकानदारों से लेकर खरीदारी करने वाले आम लोगों को भी परेशानी का सामना नहीं करना पड़े. वेंडिंग जोन के रूप में विकसित करने के लिए नगर पंचायत द्वारा प्रस्ताव तैयार कर नगर विकास विभाग को भेजा गया था. विभाग ने इसकी स्वीकृति दे दी है. सिर्फ तकनीकी स्वीकृति बाकी है. तकनीकी स्वीकृति मिलते ही नगर पंचायत द्वारा निविदा प्रक्रिया करते हुए इसे विकसित करने का काम शुरू कर दिया जाएगा.
हाट के शेड की होगी मरम्मत, सड़क व नाली बनेगी
वेंडिंग जोन के रूप में विकसित करने के लिए नगर पंचायत द्वारा जो प्रस्ताव भेजा गया है उनमें हाट में दुकान लगाने के लिए नया शेड लगाया जाएगा. पुराने जर्जर शेड की मरम्मत की जाएगी. दुकानदारों की आवश्यकता को देखते हुए नए दुकान व शेड का भी निर्माण किया जाएगा. आम लोगों व दुकानादारों की सुविधा को देखते हुए पेवर्स ब्लॉक से सड़क बनाई जाएगी. बरसात में जल जमाव की समस्या दूर करने के लिए सड़क के साथ नाली का भी निर्मार्ण किया जाएगा. सडक पूरे हाट के अंदर बनाया जाएगा. पेवर्स सड़क के निर्माण से बरसात में होने वाली कीचड़ से लोगों निजात मिलेगी. वहीं गंदगी भी नहीं फैलेगी. साप्ताहिक हाट परिसर में पूर्व से ही शौचालय की व्यवस्था है. उसे और व्यवस्थित किया जाएगा, ताकि खरीदारी करने वाले लोगों को बाहर शौच नहीं करना पड़े और गंदगी नहीं फैले.
2.58 एकड़ जमीन नगर पंचायत को हस्तांतरित
सरायकेला साप्ताहिक हाट पूर्व में बाजार समिति के अधीन था. हाट की निविदा से लेकर आधारभूत संरचना का निर्माण बाजार समिति के अधीन होता था, परंतु राज्य में बाजार समिति द्वारा रॉयल्टी फ्री किये जाने व साप्ताहिक हाट नगर पंचायत क्षेत्र के अधीन रहने के कारण जिला प्रशासन द्वारा नगर पंचायत को हस्तांतरित कर दिया गया है. जिला प्रशासन द्वारा साप्ताहिक हाट की 2.58 एकड़ जमीन नगर पंचायत को हस्तांतरित कर दी गई है. अब नगर पंचायत पर ही साप्ताहिक हाट की नीलामी से लेकर आधारभूत संरचना के विकास करने की जिम्मेवारी है. इस संबंध में सरायकेला नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी राजेंद्र प्रसाद गुप्ता ने कहा कि वेंडिंग जोन के रूप में विकसित करने के लिए नगर विकास विभाग को प्रस्ताव भेजा गया था, जो स्वीकृत हो गया है. तकनीकी स्वीकृति मिलते ही निविदा प्रक्रिया करते हुए इसे विकसित करने की पहल शुरू कर दी जाएगी.