Simdega : सदर अस्पताल में कोरोनाकाल में बहाल हुई सेवा मुक्त 16 नर्सों ने इंटक प्रदेश सचिव दिलीप तिर्की की अगुवाई में उच्च न्यायालय में केस किया है. न्यायालय से नोटिस मिलते ही नर्सो के सेवा काल के बकाया राशि का भुगतान मिलने पर नर्सो ने दिलीप को धन्यवाद दिया. सभी नर्सो ने कहा कि उच्च न्यायालय से नोटिस आने के बाद बकाया भुगतान होने से उनका मनोबल बढ़ा है. इसी भुगतान के लिए पूर्व में सीएस को कितनी बार हमने कहा था लेकिन हमेशा उनके द्वारा कहा गया था कि पैसा नही है देने के लिए. लेकिन आज वेतन का सारा भुगतान हो गया है. दिलीप ने सभों को कहा कि यह आपकी लड़ाई है जिसमें वे सिर्फ रास्ता दिखलाये और साथ दिया है. यह आपकी पहली जीत है. अगले महीने आपलोगों के केस में बहस होगी और अंततः आपकी ही जीत होगी, क्योंकि संक्रमण काल के भयावह दौर में आपलोग जिले में जीवन संचार का माध्यम बने थे. उच्च न्यायालय आपकी यह बलिदान के बदले आपकी जीत के रूप में एक सुंदर उपहार जरूर देगी.
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आरटीआई के माध्यम से पूछे गये सवाल
दिलीप ने यह भी बताया कि आरटीआई के द्वारा सिविल सर्जन से प्रश्न किया था कि जिले में विगत 2 महीने में कितने लोगों को रेफर किया गया था, जिसमें उनके द्वारा गलत जानकारी उपलब्ध कराई गई है. दिलीप द्वारा नर्सों के केस के साथ कोर्ट में आरटीआई डाटा को सबमिट कर दिया गया है. दिलीप ने कहा आइसीयू और पीकू वार्ड के बंद होने के कारण कितने लोगों को मौत का रास्ता और अस्पताल के बावजूद सिर्फ रेफर के सिवा कोई विकल्प नही मिलता. फिर इनको सरकार द्वारा वेतन देकर जनता का पैसा क्यों बर्बाद किया जा रहा. जब इनके वजह से जिले को कोई लाभ नहीं है, साथ ही आउटसोर्सिंग कंपनी के द्वारा जो भी बहाली अस्पताल में हो रही उसे भी कोर्ट के माध्यम से रोक लगाने की पहल हो रही ताकि सभी स्थानीय नर्सो और लोगों को योग्यतानुसार यहाँ बहाली किया जा सके.
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