Ranchi: झारखंड के उद्योगपति स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में निवेश तो करना चाहते हैं. लेकिन स्मार्ट सिटी में जमीन लेने की शर्तों को देखकर पीछे हट जा रहे हैं. यही वजह है कि एडीबी एरिया के 656 एकड़ जमीन में से अबतक सिर्फ 58 एकड़ जमीन की ही नीलामी हुई है. बचे हुए 42 प्लॉट की नीलामी के लिए स्मार्ट सिटी कॉरपोरेशन निवशकों को आमंत्रित कर रहा है. लेकिन राज्य के इन्वेस्टर्स इस बार भी दिलचस्पी नहीं दिखा रहे. राज्य के बड़े औद्योगिक समूहों ने स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट से पहले ही किनारा कर लिया है. अब बचे मंझोले निवेशक, जो इन्वेस्ट तो करना चाहते हैं, लेकिन अपनी क्षमता के मुताबिक. इंस्टीच्यूशनल यूज के 2 से 9 एकड़ का प्लॉट स्मार्ट सिटी में है, वहीं कमर्शियल के लिए डेढ़ से 9 एकड़ का प्लॉट और हॉस्पिटल के लिए 11 एकड़ का प्लॉट.
निवेशकों का कहना है कि इतने बड़े प्लॉट लेकर अगर वो अपनी आधी से ज्यादा पूंजी जमीन में ही लगा देंगे, तो बाकी का कंस्ट्रक्शन कैसे करेंगे. इसलिए निवेशकों को उनकी क्षमता के हिसाब से छोटे प्लॉट दिये जाने चाहिए.
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फिर बाहरी निवेशकों को किया जाएगा आमंत्रित
उधर स्मार्ट सिटी कॉरपोरेशन भी निवेशकों के नहीं आने से परेशान है. अब एक बार फिर दूसरे चरण के लिए जमीन नीलामी के लिए कॉरपोरेशन दिल्ली, कोलकाता जैसे शहरों का रुख करेगा और वहां इन्वेस्टर्स को स्मार्ट सिटी में निवेश के लिए आमंत्रित करेगा. पिछली बार भी मुंबई, नई दिल्ली,कोलकाता,धनबाद और जमशेदपुर में इन्वेस्टर्स मीट का आयोजन किया गया था. आखिर में जब जमीन की नीलामी हुई तो झारखंड के ही इन्वेस्टर्स पहुंचे. बाहरी निवेशक इंटरेस्टेड नहीं हैं. यह जानते हुए भी एक बार फिर बाहरी निवेशकों को आमंत्रित किया जाएगा, क्योंकि स्टेट के निवेशकों की शर्ते मानने की स्थिति में अभी कॉरपोरेशन नहीं है. वहीं एक और शर्त के कारण भी नीलामी में पेंच फंस रहा है. नियम है कि एक प्लॉट की नीलामी के लिए कम से कम 3 बीडर्स होने चाहिए. पिछली बार हुए ऑक्शन में कई प्लॉट के लिए 2 बीडर्स पहुंचे थे. इस कारण उन प्लॉट्स का ऑक्शन नहीं हो पाया था.
स्मार्ट सिटी कॉरपोरेशन ने झारखंड के निवेशकों को यह भी सुविधा दी है कि अगर वे अकेले पूरा प्लॉट नहीं खरीद सकते हैं तो 2-3 निवेशक मिलकर एक प्लॉट को खरीद सकते हैं. इस ऑफर पर भी राज्य के निवेशक दिलचस्पी नहीं ले रहे. स्मार्ट सिटी कॉरपोरेशन फिलहाल इस मामले में कुछ नहीं कर सकता. क्योंकि जबतक प्लॉट के लिए तीन बार ऑक्शन नहीं होता है तबतक नियम और शर्तों में कोई फेरबदल नहीं हो सकती. मार्च 2021 में प्लॉट्स की पहली बार नीलामी हुई थी. अब दूसरे फेज की नीलामी होने वाली है. वहीं तीसरे फेज की नीलामी में करीब एक साल और लग जाएंगे. अगर सभी प्लॉट के लिए खरीदार मिल गये तो ठीक है, नहीं तो स्मार्ट सिटी को राज्य के निवेशकों की शर्तों पर जमीन देना पड़ सकता है या फिर कोई और रास्ता निकालना पड़ सकता है.
टॉप शिक्षण संस्थान आ नहीं रहे, घरेलू इन्वेस्टर्स चाहते हैं छोटा प्लॉट
कॉरपोरेशन ने स्मार्ट सिटी में 21 प्रतिशत जमीन शिक्षण संस्थानों के लिए रखा है. देश के टॉप 500 शिक्षण संस्थानों को एक रुपये टोकन मनी पर जमीन देने की भी घोषणा की है. इसके बावजूद कोई टॉप शिक्षण संस्थान यहां आने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है. वहीं राज्य के निवेशक जो शिक्षण संस्थान खोलने के इच्छुक हैं, वो 9 एकड़ जमीन खरीदने की स्थिति में नहीं हैं. वहीं अस्पताल और मेडिकल कॉलेज के लिए जमीन के रेट को कम करने की मांग निवेशक कर रहे हैं. 500 बेड के अस्पताल में इन्वेस्ट करने के लिए फिलहाल कोई स्थानीय निवेशक तैयार नहीं हैं.
24 प्लॉट्स की 218 एकड़ जमीन की होनी है नीलामी
इस बार कुल 42 प्लॉट्स मिलाकर 218 एकड़ जमीन ऑक्शन में जा रहा है. दूसरे चरण के ई ऑक्शन में कॉमर्शियल क्षेत्र के लिए प्लॉट्स उपलब्ध हैं. इस सेक्टर में 16 प्लॉट्स हैं, जो कुल मिलाकर 66.78 एकड़ जमीन है. शैक्षणिक क्षेत्र के लिए कुल 10 प्लॉट्स हैं, इस क्षेत्र के लिए कुल 10 प्लॉट्स मिलाकर 64.57 एकड़ जमीन उपलब्ध है. वहीं मिक्स यूज सेक्टर के 14 प्लॉट्स हैं और कुल मिलाकर 61.68 एकड़ जमीन मिक्स यूज सेक्टर के लिए रखा गया है. पब्लिक – सेमी पब्लिक सेक्टर के दो प्लॉट्स हैं, जो कि कुल मिलाकर 25 एकड़ जमीन है.
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