Ranchi : झारखंड राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के नेतृत्व में झारखंड राज्य चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के बैनर तले सहिया, सहिया साथी, बीटीटी, एसटीटी की एकजुटता मोरहाबादी मैदान में दिखी. 25 सूत्री मांगों को लेकर महारैली में शामिल होने के लिए राज्यभर से हजारों की तादाद में लोग पहुंचे. मैदान से सभी ने पैदल राजभवन के लिए कूच किया. प्रदर्शन कर रही सहियाओं ने कहा – आंगनबाड़ी सेविका-सहायिकाओं से कम काम हम नहीं करते हैं. आंगनबाड़ी सेविका-सहायिकाओं की तरह हमारा भी मानदेय बढ़ाया जाए और अन्य प्रकार की सुविधाएं प्रदान की जाएं. राजभवन के समक्ष सोमवार को सहियाओं ने विशाल प्रदर्शन किया. इन्होंने अपनी मांगों के समर्थन में आवाज बुलंद किया. इस मौके पर शंकुतला कुजूर, अवंती रजक, सोनी झा, विनीता महाते, अंर्जु तिर्की, मंसूरी गगराई सहित सैकड़ों की संख्या में सहियाएं मौजूद थी.
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कौन लेगा हमलोगों की सुध
धनबाद के मुकुंदा से आयी सहिया जुली देवी ने कहा कि झारखंड की स्वास्थ्य व्यवस्था को संभालने की बड़ी जिम्मेदारी हमारे कंधों पर है. गर्भवती महिलाओं और बच्चों के प्रतिरक्षण समेत कई महत्वपूर्ण काम करना पड़ता है. लेकिन हमलोगों की सुध लेने के लिए कोई आगे नहीं आता है.
सेवानिवृत्त के समय एकमुश्त 10 लाख रुपए का हो भुगतान
बोकारो से आयी सहिया लक्ष्मी ने कहा कि कोरोना काल में अपनी जान को जोखिम में डालकर लोगों की सेवा करने के बाद भी हक के लिए आंदोलन करना पड़ रहा है. इससे बड़ी उदासीनता हो ही नहीं सकती है. उन्होंने कहा कि सेवानिवृत्त के समय सरकार एकमुश्त 10 लाख रुपए का भुगतान करे.
इन मांगों को लेकर महारैली में शामिल होने पहुंचे सभी
-सहिया, सहिया साथी, बीटीटी एवं एसटीटी का संवर्गीय नियमावली तैयार कर लागू किया जाए. पद के अनुरूप प्रोन्नति का मार्ग प्रशस्त किया जाए.
-सरकारी कर्मी का दर्जा दिया जाए.
-सहिया को 18000, सहिया साथी को 24000, बीटीटी को 30000 और एसटीटी को 40000 मानदेय निर्धारित किया जाए.
-सरकारी कर्मी और एनएचएम कर्मी के समान मातृत्व अवकाश एवं प्रत्येक माह विशेष अवकाश अन्य छुट्टियों का लाभ दिया जाए.
-अन्य कर्मियों की तरह निर्धारित समयानुसार मानदेय में बढ़ोतरी किया जाए.
-काम के दौरान मौत होने पर 20 लाख और अपंग होने पर 15 लाख के साथ इलाज के दौरान सभी खर्च विभागीय स्तर से सुनिश्चित किया जाए.
-अन्य कर्मियों की तरह पीएफ की कटौती और चिकित्सा लाभ की व्यवस्था की जाए.
-कोरोना काल में काम करने वालों को प्रोत्साहन राशि उपलब्ध कराया जाए.
-सेवानिवृत्त के समय एकमुश्त 10 लाख का भुगतान किया जाए.
-काम के दौरान मृत्यु होने पर आश्रित को नौकरी देने का प्रावधान किया जाए.
इसके अलावा भी अन्य मांगे हैं.
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