Shubham Kishor
Ranchi: यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा-2023 का फाइनल रिजल्ट 16 अप्रैल को जारी कर दिया गया. इसमें रांची के एचईसी के दो कर्मचारियों के बेटों ने सफलता हासिल की है. एचईसी कॉलोनी में रहकर प्रखर कुमार ने देश भर में 92वां हासिल किया है, जबकि हिमांशु लाल ने ऑल इंडिया रैंक 509 हासिल किया.
एचईसी सेक्टर 2 कॉलोनी में रहने वाले प्रखर कुमार ने ऑल इंडिया रैंक 92 हासिल किया है. प्रखर के पिता मनीष कुमार एचईसी में कार्यरत हैं और एफएफपी प्लांट में एसडीजीएम हैं. वहीं प्रखर की माता प्रीति सिन्हा कैराली स्कूल में टीचर हैं. प्रखर के पिता ने बताया की घर में शुरू से पढ़ाई का माहौल था. प्रखर बचपन से ही ब्राइट स्टूडेंट रहे हैं. कैराली स्कूल से 10वीं तक पढ़ाई की और हमेशा क्लास में अव्वल रहे. 2018 में 12वीं कि पढ़ाई डीपीएस रांची से पूरी की. इस दौरान वो 12 वीं सीबीएससी साइंस के झारखंड टॉपर रहे. इसके बाद उन्होने बीआईटी मेसरा से कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की. 2022 में केपीएमजी कंपनी में काम करना शुरू किया.
प्रखर ने बताया की की कोरोना काल के दौरान उन्हें समय मिला कुछ नया करने के लिए. उन्हें कोडिंग में उतना मन नहीं लग रहा था. जब उन्होंने काम करना शुरू किया तो उनका काम वर्क फ्रॉम होम था. उस समय अच्छा अवसर था टाइम का सही उपयोग करने का. उन्होंने बताया की सोशल साइट्स पर यूपीएससी के सक्सेस स्टोरी से वो मोटिवेट हुए.
झारखंड के बारे में पूछा गया सवाल
प्रखर ने बताया की इंटरव्यू में पीएसयू से रिलेटेड उनसे सवाल किया गया. पीएसयू के प्राइवेटाइजेशन और पीएसयू के महत्वपूर्णता पर बात हुई. झारखंड के जामताड़ा जिले के पर प्रश्न थे. झारखंड के कल्चर पर सवाल हुए. पहली बार यूपीएससी निकालने पर उन्होने कहा की अब डेढ़ साल का सफर दोहराना नहीं पड़ेगा और समाज के बीच रहकर उनके लिए बेहतर करने का प्रयास रहेगा. वहीं उन्होने यूपीएससी की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों से संदेश देते हुए कहा की आप घर बैठे भी तैयारी कर सकते हैं.ऑनलाइन तैयारी के लिए काफी मैटेरियल है.
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हिमांशु ने दूसरे प्रयास में पायी सफलता
हिमांशु के पिता हीरा लाल बैठा एचईसी में मैटेरियल मैनेजमेंट के हेड हैं और मां शोभा कुमारी हाउस वाइफ हैं. उन्होंने बताया की हिमांशु की 12वीं तक की पढ़ाई कैराली स्कूल से हुई. 2016 में उन्हें आईआईटी दिल्ली में दाखिला मिला. यहां से 2021 में एमटेक की पढ़ाई पूरी की. कोरोना काल में घर से ही यूपीएससी की तैयारी शुरू की और दूसरे प्रयास में उन्हें सफलता मिली.
बता दें इसमें 1016 अभ्यर्थियों का चयन भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस), भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) जैसी सेवाओं के लिए किया गया है. जिसमें से 180 आईएएस और 200 आईपीएस बनेंगे.
हिमांशु ने खास बातचीत में बताया की एमटेक में पढ़ाई के दौरान उनका रुझान सिविल सेवा की ओर बढ़ा. एमटेक करने के बाद उन्होंने बिना किसी कोचिंग के यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी. पहले प्रयास में नाकाम रहने बाद परिवार का सपोर्ट मिला और उन्होंने दोबारा प्रयास किया. इस बार उन्होंने यूपीएससी में 509 वा रैंक हासिल किया.
इंटरव्यू में पूछे गये एचईसी से संबंधित प्रश्न
इंटरव्यू में हिमांशु से एचईसी के तत्कालीन हालात के बारे में प्रश्न किए गए. साथ ही झारखंड के एजुकेशन सिस्टम और जामताड़ा से संबंधित प्रश्न पूछे गए. उन्होंने यूपीएससी की तैयारी कर रहे छात्रों को संदेश दिया की अगर आपके पास प्लान बी है, आपके परिवार का सपोर्ट है तो बेशक आप कामयाब हो सकते हैं.