Sonua : वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट में मनरेगा आवंटन में 14 प्रतिशत की कटौती करने का सोनुवा के मनरेगा मजदूरों ने विरोध किया है. मजदूरों ने इसे मोदी सरकार द्वारा मनरेगा को समाप्त करने की सोची-समझी साजिश करार देते हुए सोनुवा प्रखंड के पोड़ाहाट गांव व लोजों गांव में एकजुट होकर विरोध प्रदर्शन किया. विरोध प्रदर्शन के बाद मजदूरों ने झारखंड नरेगा वॉच, नरेगा संघर्ष मोर्चा व खाद्य सुरक्षा जन अधिकार मंच पश्चिमी सिंहभूम के नेतृत्व में बैठक कर चर्चा की. बैठक में मजदूरों ने कहा कि मनरेगा में बजटीय कटौती करना गलत है. मनरेगा गरीब मजदूरों के रोजगार का साधन है. मौजूदा केन्द्र सरकार मनरेगा को बढ़ावा देने के बजाए उसके बजट में कटौती करते हुए उसे खत्म कर देना चाहती है. मौके पर मजदूरों ने प्रधानमंत्री को पत्र भेजने का निर्णय लिया. इसके बाद मजदूर सोनुवा प्रखंड कार्यालय पहुंचे और बीडीओ नंदजी राम को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम छह सूत्री ज्ञापन सौंपा.
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ज्ञापन में मनरेगा के लिए पर्याप्त बजट का आवंटन करने की मांग की गई है, ताकि सभी मजदूरों को कम-से-कम एक सौ दिनों का काम देने, ऐप-आधारित उपस्थिति प्रणाली (एनएमएमएस) को रद्द करने, मनरेगा मजदूरी दर को सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार न्यूनतम मजदूरी दर 800 रुपए प्रतिदिन करने, किसी भी परिस्थिति में सात दिनों के अन्दर मजदूरी भुगतान सुनिश्चित करने व सभी लंबित भुगतान का मुआवजा सहित भुगतान करने, मनरेगा से तकनीकि प्रणाली को हटाने एवं पहले के अनुसार विकेंद्रीकृत मैन्युअल व्यवस्था लागू करने की मांग की गई है. मौके पर खाद्य सुरक्षा जन अधिकार मंच के प्यारी देवगम, रामचंद्र माझी, संदीप प्रधान समेत काफी संख्या में मनरेगा मजदूर उपस्थित थे.