Dhanbad : धनबाद (Dhanbad) संसद में एक फरवरी को आम बजट के साथ पेश रेलवे के बजट को धनबाद के कुछ लोगों ने निराशाजनक बताया है. खासकर रेलवे को भारी राजस्व देने वाले धनबाद रेल मंडल की केंद्र सरकार ने घोर उपेक्षा की. नई ट्रेनें तो दूर, कोरोना काल से पहले जो सुविधाएं मिलती थी,उसे भी छीन ली गई.
इस बजट ने बुजुर्ग रेल यात्रियों को भी निराश किया. उनको मिलने वाली सारी सुविधाएं छीन ली गईं. इसे बहाल करने की उम्मीद पूरी नहीं हुई. इससे लोग में काफी निराश है. हालांकि इस साल के रेलवे के बजट में इजाफा किया है. रेलवे के लिए बजट 2023 में 2.4 लाख करोड़ का प्रावधान किया गया है, जो साल 2013-14 के मुकाबले 9 गुना ज्यादा है. बावजूद रेलवे के लिए अलग से कोई खास घोषणाएं नहीं की गई हैं.
समाजसेवी अनिल पांडेय ने कहा कि यह बजट संतुलित बजट है. आगामी चुनाव को देखकर यह बजट पेश किया गया है. बुजुर्ग यात्रियों को दी जाने वाली सुविधाओं में छूट भी नहीं दी गई. इससे बुजुर्गों में काफी निराशा है. अब बुजुर्ग आंदोलन के मूड में है.
इस बार भी नाउम्मीदी हाथ लगी : पूजा रत्नाकर
समाजसेवी पूजा रत्नाकर ने कहा कि धनबाद रेलवे को इस बार भी नाउम्मीदी हाथ लगी. उम्मीद थी कि इस बार लंबी दूरी की ट्रेन मिल जाएगी लेकिन नहीं मिल पाई. कोरोना काल में बंद हुई ट्रेनें को स्पेशल नाम देकर चलाया जा रहा है, जबकि यात्रियों को अतिरिक्त किराया देना पड़ रहा है. सरकार को यह फैसला वापस लेना चाहिए और ट्रेनों को सामान्य स्थिति में चलाना चाहिए.