Patna : सृजन घोटाला मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने नौ आरोपियों के खिलाफ वारंट जारी किया है. कोर्ट ने इस मामले में भागलपुर के तत्कालीन कलेक्टर केपी रमैया, बैंक अधिकारी बिहारी पांडे, एसडीएम विजय कुमार, सनत कुमार, आनंद चंद्र, शंकर प्रसाद दास, रजनी प्रिया एवं उनके पति अमित कुमार और एक अन्य के नाम वांरट जारी किया हैं. बता दें कि इस घोटाले की जांच ईडी कर रही है. जिसमें पहले ही 27 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर चुकी है. ईडी ने कुछ अचल संपत्तियों को जब्त भी किया है. पढ़ें – नीति आयोग ने विभागीय अधिकारियों से किसी भी आर्टिकल को मीडिया में पब्लिश करवाने के पहले अप्रूवल लेने को कहा
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रजनी प्रिया सृजन महिला विकास समिति की सचिव
बता दें कि रजनी प्रिया के खिलाफ भी कोर्ट ने वारंट जारी किया है. रजनी प्रिया सृजन महिला विकास समिति की सचिव हैं. रजनी प्रिया और अमित कुमार सृजन घोटाला से जुड़े कई मामलों में फरार चल रहे हैं. सीबीआई अभी तक इन दोनों को गिरफ्तार नहीं कर सकी है.
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सरकारी फंड फर्जी तरीके से ट्रांसफर किये गये थे
गौरतलब है कि साल 2004 से 2014 के बीच सृजन महिला विकास सहयोग समिति के खातों में बड़ी मात्रा में सरकारी फंड फर्जी तरीके से ट्रांसफर किये गये थे. समिति ने कथित तौर पर कुछ जिला अधिकारियों, बैंकरों और कर्मचारियों की मिलीभगत से भागलपुर जिला प्रशासन के खातों से विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के लिए जमा सरकारी धन को अपने बैंक खाते में ट्रांसफर करा लिया था.
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कैसे हुआ था खुलासा
बता दें कि भागलपुर के तत्कालीन ज़िलाधिकारी आदेश तितरमारे का एक चेक बैंक ने यह कहकर वापस कर दिया था कि खाते में पर्याप्त पैसे नहीं हैं.यह चेक एक सरकारी ख़ाते का था. बैंक की प्रतिक्रिया से डीएम हैरान हो गये थे. क्यों कि सरकारी ख़ाते में पर्याप्त पैसे होनी चाहिए थी. उसके बाद जिलाधिकारी ने जांच के लिए एक कमेटी बनाई थी.कमेटी की जांच में इंडियन बैंक और बैंक ऑफ़ बड़ौदा स्थित सरकारी ख़ातों में पैसे न होने की पुष्टि हुई थी. जिसकी जानकारी कलेक्टर मे राज्य सरकार को दी थी. उसमें खुलासा हुआ था कि कई सरकारी विभागों की रकम सीधे विभागीय ख़ातों में न जाकर या वहां से निकालकर ‘सृजन महिला विकास सहयोग समिति’ नाम के एनजीओ के 6 बैंक ख़ातों में ट्रांसफ़र कर दी जाती थी.
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