Kiriburu/Chiriya : वर्ष 1993 में उच्च स्तरीय शिक्षा की नींव रखने वाले स्वर्गीय महात्मा नारायण दास के सपनों को साकार किया जाएगा. पूरे सारंडा में ज्ञान की ज्योति बिखेरने के लक्ष्य को पूरा करने का बीड़ा झारखंड मजदूर संघर्ष संघ के अध्यक्ष रामा पांडेय ने उठाया है. इसके लिए उन्होंने सेल चिरिया के महाप्रबंधक से डीएवी पब्लिक स्कूल चिरिया में कक्षा 11वीं विज्ञान संकाय की पढ़ाई शुरू करने को अनिवार्य बताया है. रामा पांडेय ने कहा कि 1993 में सारंडा के घने नक्सल प्रभावित क्षेत्र में महात्मा नारायण दास ग्रोवर का आना और शिक्षा की ज्योति जला कर विद्यालय की स्थापना करने का मुख्य ध्येय बच्चों एवं समाज को सही दिशा प्रदान कर देश के उज्जवल भविष्य की कामना करना था.
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कोरोना संक्रमण के कारण दर्जनों मजदूरों के परिवार पेट की भूख की आग से प्रभावित रहे हैं. उस स्थिति में आर्थिक रूप से कमजोर व गरीब 86 बच्चों के अभिभावकों का नामांकन कहीं भी बाहर भेज कर करा पाना बहुत ही बड़ी समस्या है. परिणाम स्वरूप चिरिया माइंस क्षेत्र में डीएवी के 86 बच्चों का भविष्य को अंधकारमय होने से बचाने हेतु कक्षा 11वीं विज्ञान संकाय खोला जाना नितांत आवश्यक है. उन्होंने कहा कि डीएवी पब्लिक स्कूल चिरिया को मनोहरपुर प्रखंड का सबसे बेहतर ज्ञान का केंद्र बनाने के लिए सेल प्रबंधन को बढ़-चढ़कर भागीदारी करनी चाहिए. रामा पांडेय ने सेल के पदाधिकारियों को नक्सलियों से प्रभावित क्षेत्र में जान हथेली पर रख प्रबंधन के लिए पूरी निष्ठा से काम कर रहे मजदूरों एवं उनके बच्चो से आत्मिक और भावनात्मक लगाव रखने की अपील की है. शिक्षा से बच्चे वंचित रहेंगे तो इसकी सारी जबाबदेही सेल चिरिया प्रबंधन की होगी.