- राज्य प्रशासनिक सेवा की अफसर ब्रजलता 740 दिन रही गायब, मिली सजा, एक वेतनवृद्धि पर रोक
- दो आईएएस दो साल रहे गायब, मिली निंदन और चेतावनी
Ranchi : राज्य प्रशासनिक सेवा और आईएएस अफसरों के दंड निर्धारण में काफी अंतर है. राज्य प्रशासनिक सेवा की अफसर ब्रजलता 740 दिन गायब रहीं. इसके बाद ब्रजलता के खिलाफ विभागीय कार्यवाही शुरू की गई. जिसमें उनपर एक वेतन वृद्धि पर रोक लगाने का दंड अधिरोपित किया गया. वहीं झारखंड कैडर के दो आईएएस अरवा राजकमल और बाघमारे प्रसाद कृष्णा भी लगभग दो साल तक गायब रहे. लेकिन उन्हें सिर्फ चेतावनी ही दी गई. हालांकि अरवा राजकमल निलंबित भी हुए.
दो साल गायब रहे थे अरवा राजकमल
झारखंड कैडर 2008 बैच के आईएएस अरवा राजकमल सात अगस्त 2013 से 21 अप्रैल 2015 तक गायब थे. 14 दिनों के उपार्जित अवकाश पर रहने का आवेदन देकर बैगर सरकारी अनुमति के हार्वर्ड यूनिवर्सिटी पढ़ने चले गए थे. इस कारण सरकार ने उन्हें 27 मई 2014 को सस्पेंड कर दिया था. वापस लौटने पर 27 मई 2015 को निलंबन मुक्त कर दिया गया था. वे एक साल के लिए निलंबित भी रहे. आदेश में कहा गया कि 27 मई 2014 से 21 अप्रैल 2015 तक में कोई भी जीवन निर्वाह भत्ता नहीं दिया जाएगा. कुल अनुपस्थित अवधि 24 अगस्त 2013 से 21 अप्रैल 2015 को असाधारण अवकाश के रूप में स्वीकृत कर दिया गया.
तीन साल गायब रहे थे बाघमारे कृष्णा प्रसाद
आईएएस बाघमारे प्रसाद कृष्णा लगभग तीन साल से अधिक समय तक बिना सूचना के अनुपस्थित थे. इसके बाद राज्य सरकार ने भारत सरकार को बाघमारे कृष्णा प्रसाद के डीम्ड रेजिगनेशन का प्रस्ताव भेजा था. लेकिन भारत सरकार ने इस प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया और राज्य सरकार को वापस भेज दिया. इससे पहले विभागीय कार्यवाही में भी दोषी पाए गए थे. विभागीय कार्यवाही के संचालन पदाधिकारी सह तत्कालीन अपर मुख्य सचिव इंदु शेखर चतुर्वेदी ने जांच रिपोर्ट कार्मिक विभाग को सौंपी थी.
राज्य सेवा की अफसर ब्रजलता पर क्या है आरोप
राज्य प्रशासनिक सेवा की अफसर ब्रजलता सात नवंबर 2014 से अंचल अधिकारी, कैरो, लोहरदगा के पद पर पदस्थापित थीं. इसके बाद उनका पदस्थापन अंचल अधिकारी, मंढरी, साहिबगंज के पद पर किया गया. ब्रजलता ने तीन जून 2016 को अंचल अधिकारी, कैरी, लोहरदगा का प्रभार छोड़ दिया. फिर राजस्व निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग के अधिसूचना संख्या 4377 दिनांक 4 अगस्त 2016 को उनका पदस्थापन अंचल अधिकारी भंडरा लोहरदगा किया गया. ब्रजलता तीन जून 2016 से 12 जून 2018 तक अनाधिकृत रूप से अवकाश में रहीं. फिर 13 जून 2018 को राजस्व निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग में योगदान दिया. इसके बाद उनकी सेवा कार्मिक विभाग को वापस कर दी गई. फिर 12 दिसंबर 2018 को उनका पदस्थापन कार्यपालक दंडाधिकारी गिरिडीह के पद पर किया गया. यहां पर उन्होंने योगदान नहीं दिया. फिर 28 अगस्त 2020 को उनका पदस्थापन कार्यपालक दंडाधिकारी रांची के पद पर किया गया. तक 31 अगस्त 2020 को पदभार ग्रहण किया.
संचालित की गई विभागीय कार्यवाही
अधिसूचित पदों पर योगदान नहीं करने, अनाधिकृत्त रूप से अनुपस्थित रहने संबंधी आरोपों की जांच के लिए ब्रजलता के खिलाफ विभागीय कार्यवाही संचालित की गई. जिसके तहत सेवा संपुष्टि की तिथि से एक वेतन वृद्धि पर असंचयात्मक प्रभाव से रोक का दंड अधिरोपित किया गया. तत्कालीन कार्यपालक दंडाधिकारी, रांची और कार्यपालक दंडाधिकारी धालधूम सदर (पूर्वी सिंहभूम) की रिपोर्ट में बताया गया कि ब्रजलता अनाधिकृत्त रूप से तीन जून 2016 से 12 जून 2018 तक (कुल 740 दिन) तथा 13 दिसंबर 2018 से 30 अगस्त 2020 तक (कुल 627 दिन) गायब रहीं. उनके अनुपस्थिति को झारखंड सेवा संहिता के नियम 180बी के तहत असाधारण अवकाश के रूप में स्वीकृत किया गया.