– जोड़ने थे 50 करोड़, जुड़े सिर्फ 73.84 लाख
Surjeet Singh
लोकसभा चुनाव-2024 गारंटियों का चुनाव है. दोनों गठबंधन पार्टियां गारंटियों की बात कर रही है. इंडिया की तरफ से कांग्रेस गारंटी दे रही है तो एनडीए की तरफ से भाजपा. राजनीतिक दलों की गारंटियों का सच जानने के लिए हमें 50 करोड़ गरीब व कमजोर वर्ग के लोगों के लिए तैयार तीन इंश्योरेंस योजनाओं का हाल जानना चाहिए. पांच साल पहले इन योजनाओं की शुरुआत गाजे-बाजे के साथ की गयी, पर उनका हश्र देखकर वो कहावत याद आती है – नाम बड़े और दर्शन छोटे. इन तीन योजनाओं के नाम हैं :
- – 42 करोड़ मजदूरों व कम आय वर्ग वाले लोगों को जोड़ने के लिए बनी प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन योजना.
- – 1.50 करोड़ रुपये से कम टर्न ओवर वाले तीन करोड़ व्यापारियों व स्व रोजगार वालों के लिए बनी राष्ट्रीय पेंशन योजना.
- – दो हेक्टेयर से कम भूमि वाले पांच करोड़ छोटे किसानों के लिए बनी प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना.
इन तीनों योजनाओं की शुरुआत वर्ष 2019 में की गयी थी. प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन योजना की शुरुआत लोकसभा चुनाव से पहले पांच मार्च 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात से की थी. जबकि बाकि दोनों योजनाओं की शुरुआत झारखंड विधानसभा चुनाव-2019 से ठीक पहले रांची से शुरु हुई थी. पांच साल बाद इन योजनाओं की क्या स्थिति है, इसे जानना दिलचस्प है.
प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन योजना
वर्ष पंजीकृत लाभार्थी बजट
2018-19 27,72,780 —–
2019-20 16,14,328 500 करोड़
2020-21 1,36,792 500 करोड़
2021-22 1,28,369 400 करोड़
2022-23 2,72,494 350 करोड़
2023-24 65,000 350 करोड़
2024-25 ——— 177 करोड़
इस योजना के तहत 18 से 40 वर्ष की उम्र के मजदूर व कामगार 55 से 200 रुपये का प्रीमियम देंगे. सरकार भी इतनी ही राशि देगी और 60 वर्ष की उम्र होने पर प्रति माह 3000 रुपये पेंशन मिलेगा. इस योजना से 42 करोड़ लोगों को जोड़ने का वादा किया गया था. पांच साल में 49,89,763 ही जुड़ सके. आंकड़े से स्पष्ट है कि मजदूर इस योजना को भूलते जा रहे हैं या उन्हें याद भी नहीं. सरकार के स्तर से भी योजना को लेकर कोई प्रचार प्रसार नहीं किया जा रहा है. तो खर्च का बजट भी कम होता जा रहा है. हम भी भूल चुके हैं कि ऐसी कोई योजना है. योजना के फेल होने की एक बड़ी वजह यह भी है कि मजदूरों व कामगारों के पास प्रीमियम देने के पैसे ही नहीं हैं. वह तो पांच किलो अनाज पर निर्भर हो चुके हैं.
व्यापारियों व स्वरोजगार वालों के लिए राष्ट्रीय पेंशन योजना
वर्ष लाभार्थी बजट खर्च
2019-20 37,534 750 करोड़ 1.56 करोड़
2020-21 6,607 180 करोड़ 5.94 करोड़
2021-22 5,792 150 करोड़ 24 लाख
2022-23 2,424 50 करोड़ 02 लाख
2023-24 1591 ——– ——–
आपको याद होगा झारखंड विधानसभा चुनाव 2019 से ठीक पहले सितंबर माह में इस योजना की शुरुआत रांची से हुई थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस योजना की शुरुआत करते हुए कहा था कि देश भर के तीन करोड़ व्यापारियों व स्व रोजगार करने वालों को इसका फायदा होगा. लेकिन हालात यह है कि सिर्फ 53,948 लोगों ने इस योजना के तहत पंजीकरण कराया. लक्ष्य का एक प्रतिशत भी नहीं. अब तो लोग इसे भूल भी चुके हैं. इस योजना के तहत भी वैसे व्यापारी या स्वरोजगार करने वाले शामिल हो सकते हैं, जिनकी सलाना टर्नओवर 1.50 करोड़ से कम और उनकी उम्र 18-40 वर्ष के बीच हो. पंजीकरण कराने वाले 55 रुपये से लेकर 200 रुपये तक के प्रीमियम देंगे और उतनी ही राशि केंद्र सरकार देगी. 60 साल की उम्र होने पर लाभार्थी को 3000 रुपये मासिक पेंशन मिलेगा.
प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना
वर्ष बजट लाभार्थी
2019-20 125 करोड़ 19,96,983
2020-21 110 करोड़ 1,13,754
2021-22 40 करोड़ 1,49,012
2022-23 12.50 करोड़ 72,436
2023-24 100 करोड़ 8,007
पांच साल में कुल 23,40,192 किसान इस योजना के लाभार्थी बनें. इसकी शुरुआत भी झारखंड विधानसभा चुनाव 2019 से ठीक पहले सितंबर माह में प्रधानमंत्री मोदी ने की थी. पांच करोड़ किसानों को जोड़ने का लक्ष्य था. लेकिन आंकड़ों से स्पष्ट होता है कि इस योजना को लोग भूल चुके हैं और किसानों की इसमें दिलचस्पी नहीं है या फिर सरकार भी यही चाहती है.
नोटः आंकड़ों का आधार न्यूज लाउंड्री को आरटीआई से मिली जानकारी और लोकसभा व राज्यसभा में सरकार का जवाब है.
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