Jamshedpur: टाटा स्टील के एमडी टीवी नरेंद्रन ने कहा है कि कोरोना के बाद काफी तेजी से स्टील की डिमांड बढ़ी है. इसे देखते हुए अधिकतर स्टील कंपनियां अगले तीन साल में 60 हजार करोड़ रुपये निवेश करने की योजना बना रही है. टाटा स्टील भी अपने कलिंगनगर प्रोजेक्ट के दूसरे चरण के विस्तारीकरण में 25 हजार करोड़ रुपये निवेश कर रही है. टीवी नरेंद्रन का कहना है कि उद्यमियों ने स्टील की बढ़ती डिमांड और इससे होने वाला मुनाफा, दोनो को वापस आते देखा है. इसलिए अधिकतर कंपनियां अपने स्टील प्लांट के विस्तारीकरण की योजना पर निवेश कर रही है.
इसे भी पढ़ें – NTPC टंडवा सिंतबर से हो सकता है शुरू, 1950 मेगावाट तक होगा बिजली उत्पादन
कीमतों में आई उछाल से स्टील कंपनियों का बढ़ा मुनाफा
टीवी नरेंद्रन ने यह भी कहा है कि वैश्विक स्तर पर स्टील की कीमतें बढ़ने से एमएसएमई क्षेत्र के उत्पादन लागत को जरूर प्रभावित किया है, लेकिन स्टील की कीमतों में आई उछाल ने स्टील कंपनियों के मुनाफा को बढ़ा दिया है. उनका मानना है कि जब कंपनियां अपनी उत्पादन क्षमता को बढ़ाती है तो इससे उनका उत्पादन लागत भी कम होता है और मुनाफा भी बढ़ता है.
भारतीय स्टील की कीमतें वैश्विक स्तर पर काफी कम
नरेंद्रन के मुताबिक भले ही स्टील की कीमतों में आई उछाल से एमएसएमई सेक्टर सहित इंजीनियरिंग कंपनियों का उत्पादन लागत प्रभावित हुआ है, लेकिन भारतीय स्टील की कीमतें अब भी वैश्विक स्तर पर काफी कम हैं. हालांकि कीमतों में उतार-चढ़ाव उद्योग की वास्तविकता है. इससे कभी उत्पादकों को तो कभी उपभोक्ताओं को नुकसान पहुंचाता है.
नुकसान को फिर से प्राप्त करेंगी कंपनियां
उन्होंने उम्मीद जताई है कि जिस तरह कई राज्यों में आर्थिक गतिविधियों को अनलॉक किए जा रहे हैं उसे देखकर यह लगता है कि इस वित्तीय वर्ष की दूसरी छमाही में मांग में तेजी आएगी. कंपनियों के उत्पादन क्षमता में भी सुधार होगा. स्टील कंपनियों को कोविड 19 के कारण उत्पादन में जितना नुकसान हुआ था उसे फिर से प्राप्त कर लेंगे.
इसे भी पढ़ें –तेलंगाना के सीएम केसीआर ने कहा, कोरोना पर डरा रहा मीडिया, श्राप लगेगा, मैं तो पैरासिटामॉल खाकर ही ठीक हो गया