Iran : ईरान के खोय शहर में शनिवार रात को भूंकप के तेज झटके महसूस किये गये. रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 5.9 मापी गयी. यह 23:44:44 (यूटीसी+05:30) पर आया और खोय में जमीन से 10 किमी अंदर टकराया. ईरान में आये इस भूकंप से अबतक सात लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि 400 से अधिक लोग घायल हो गये हैं. घायलों को नजदीक के अस्पताल में भर्ती कराया गया है. संयुक्त राज्य भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने इसकी जानकारी दी. (पढ़ें, हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी में BBC की डॉक्यूमेंट्री पर बवाल, एसएफआई और पुलिसकर्मी भिड़े)
Iran | An earthquake of magnitude 5.9 occurred in the city of Khoy, West Azarbaijan Province in northwest Iran on Saturday night. No immediate reports of casualties and damage, reports Iran’s IRNA news agency
— ANI (@ANI) January 28, 2023
अस्पतालों को अलर्ट पर रखा गया
ईरानी समाचार एजेंसी आईआरएनए के अनुसार, भूकंप के झटके काफी तेज थे. यह ईरान के पश्चिम अजरबैजान प्रांत के कई इलाकों में महसूस किये गये. सभी अस्पतालों को अलर्ट पर रखा गया है. जानकारी के अनुसार, जिस इलाके में भूकंप आया है, वहां के कुछ इलाकों में बर्फबारी हो रही है. तापमान भी जीरो डिग्री सेल्सियस से नीचे है. कुछ जगहों पर बिजली सप्लाई ठप होने की भी खबर है.
#UPDATE | Iran: Seven dead, 440 injured so far in a 5.9-magnitude earthquake that struck the city of Khoy in northwestern Iran, reports Iran’s media
— ANI (@ANI) January 28, 2023
ईरान से होकर कई भूगर्भीय फाल्टलाइंस गुजरती
ईरान से होकर कई प्रमुख भूगर्भीय फाल्टलाइंस गुजरती है. जिसके कारण हाल के वर्षों में यहां कई विनाशकारी भूकंप आ चुके हैं. गौरतलब है कि पिछले साल 2 जुलाई को ईरान में एक जोरदार भूकंप आने से भारी तबाही आ गयी थी. इस भूकंप के झटके पड़ोसी देशों कतर और यूएई के साथ ही चीन तक महसूस किये गये थे. अमेरिकी जियोलॉजिकल सर्वे ने रिक्टर स्केल पर इस भूकंप की तीव्रता को 6.0 बताया था. इस तेज भूकंप के कारण 5 लोगों की मौत हो गयी थी. जबकि कई लोग घायल हो गये थे. जुलाई में आये भूकंप का केंद्र ईरान के होर्मोजगन प्रांत के बंदरगाह शहर बंदर अब्बास के दक्षिण-पश्चिम में 100 किमी. दूर 10 किमी. की गहराई में था. अक्टूबर 2022 में भी ईरान के खोवी गांव के करीब रिक्टर स्केल पर 5.7 तीव्रता का एक भूकंप आया था.
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इस वजह से आता है भूकंप
धरती मुख्य तौर पर चार परतों से बनी हुई है. इनर कोर, आउटर कोर, मैनटल और क्रस्ट. क्रस्ट और ऊपरी मैनटल कोर को लिथोस्फेयर कहा जाता है. ये 50 किलोमीटर की मोटी परत कई वर्गों में बंटी हुई है, जिन्हें टैकटोनिक प्लेट्स कहा जाता है. यानि धरती की ऊपरी सतह 7 टेक्टोनिक प्लेटों से मिलकर बनी है. ये प्लेटें कभी भी स्थिर नहीं होती, ये लगातार हिलती रहती हैं, जब ये प्लेटें एक दूसरे की तरफ बढ़ती है तो इनमें आपस में टकराव होता है. कई बार ये प्लेटें टूट भी जाती हैं. इनके टकराने से बड़ी मात्रा में ऊर्जा निकलती है जिससे इलाके में हलचल होती है. कई बार ये झटके काफी कम तीव्रता के होते हैं, इसलिए ये महसूस भी नहीं होते. जबकि कई बार इतनी ज्यादा तीव्रता के होते हैं, कि धरती फट तक जाती है.
भूकंप आये तो क्या करें
भूकंप आने पर सबसे पहले खुद को शांत रखें और घबराएं नहीं. जल्द आस-पास मौजूद टेबल के नीचे छिप जाएं. झटके खत्म होने तक टेबल के नीचे ही रहें. अगर दरवाजे के आस-पास हैं तो तुरंत निकलकर किसी खुले मैदान या खुली जगह पर चले जाएं. बाहर निकलते समय लिफ्ट का इस्तेमाल न करें और बाहर आने के बाद पेड़, दीवार और खंभों से दूर रहें. भूकंप के दौरान अगर गाड़ी के अंदर हैं तो गाड़ी तुरंत रोक दें.
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