New Delhi : पिछले एक साल में पूरी दुनिया में कोरोना वायरस महामारी के बीच लोगों का सरकारों और मीडिया पर से भरोसा घटा है. इसके साथ ही फेक न्यूज को लेकर चिंताएं अपने सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गयी हैं. यह बात मंगलवार को जारी हुए एक वैश्विक सर्वेक्षण में सामने आयी है. यह दावा ‘एडलमैन ट्रस्ट बैरोमीटर रिपोर्ट’ में किया गया है जो हर साल विश्व आर्थिक मंच के दावोस शिखर सम्मेलन के दौरान जारी की जाती है. रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि सर्वाधिक भरोसे के मामले में व्यापार ने सरकार की जगह ले ली है. मीडिया अब तीसरे स्थान पर है.
फेक न्यूज की चिंता सर्वकालिक उच्च स्तर पर
अध्ययन के अनुसार वैश्विक स्तर पर 76 फीसदी प्रतिक्रियादाताओं ने गलत सूचनाओं या फेक न्यूज का इस्तेमाल एक हथियार की तरह किये जाने को लेकर चिंता व्यक्त की. इस मामले में स्पेन 84 फीसदी के साथ शीर्ष पर रहा. वहीं, भारत 82 फीसदी के साथ पांचवें स्थान पर रहा. नीदरलैंड्स, जापान, फ्रांस, यूनाइटेड किंगडम (यूके) और जर्मनी फेक न्यूज के मामले में सबसे कम चिंतित नजर आये.
आर्थिक आशावाद को लेकर भारत शीर्ष पांच में
विभिन्न देशों में जनता के बीच गैर लाभकारी संगठनों (एनजीओ), कारोबारों, सरकारों और मीडिया पर भरोसे के मामले में चीन पहले स्थान पर रहा. वहीं, भारत को इस मामले में चौथा स्थान मिला है जबकि रूस अंतिम पायदान पर रहा. आर्थिक आशावाद के क्षेत्र में भी भारत ने शीर्ष पांच देशों में जगह बनायी.
मीडिया पर भरोसा कम हुआ
एक देश में नियोक्ताओं में भरोसे के मामले में इंडोनेशिया पहले और भारत दूसरे स्थान पर रहा. इस सूची में चीन को तीसरा स्थान मिला, जबकि दक्षिण कोरिया अंतिम स्थान पर रहा. भारत में कारोबारों, सरकारों और मीडिया में भरोसा घटता दिखायी दिया है. वहीं, एनजीओ में लोगों का भरोसा बना हुआ है.
सरकार में भरोसा, भारत पांचवें स्थान पर
इसके साथ ही सरकार में भरोसे को लेकर चीन, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), सऊदी अरब और इंडोनेशिया के बाद भारत पांचवें स्थान पर रहा. इस सर्वेक्षण में शामिल किये गये 28 में से 23 देशों में लोगों के बीच सरकारों के मुकाबले कारोबारों को अधिक भरोसेमंद पाया गया है.
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