NewDelhi : मोदी की 56 इंच चौड़ी छाती पर चीनी चढ़े बैठे हैं और वह चुपचाप हैं. भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट कर एक बार फिर से पीएम मोदी पर हल्ला बोला है. बता दें कि सुब्रमण्यम स्वामी चीन और सीमा सुरक्षा के मुद्दे पर अपनी ही सरकार को लगातार घेरते रहे हैं. खबरों के अनुसार शुक्रवार को प्रीतम सर्वविद्या नामक एक ट्विटर यूजर ने एक खबर को शेयर किया, जिसमें चीन के रक्षा मंत्रालय ने अमेरिका पर निशाना साधते हुए कहा था कि भारत के साथ उसका सीमा विवाद दोनों देशों के बीच का मुद्दा है. इसलिए इस विवाद में किसी तीसरे देश का हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए.
Working “closely” with India, China tells US to mind its own business since Chinese are sitting on Modi’s 56″ chest and he is not objecting. In fact, Modi is unaware of China sitting on his chest and is chanting “koi aaya nahin…”
— Subramanian Swamy (@Swamy39) January 27, 2022
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चीन उनके सीने पर बैठा हुआ है और वे कोई आया नहीं का नारा लगा रहे हैं
जान लें कि यूजर ने इसी खबर को ट्वीट करते हुए अपने ट्वीट में भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी को टैग करते हुए लिखा कि अब चीन अमेरिका को दखल नहीं देने की धमकी दे रहा है. सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट का जवाब देते हुए लिखा कि भारत के साथ मिलकर काम कर रहा है, चीन ने अमेरिका को अपने काम पर ध्यान देने के लिए कहा है क्योंकि चीनी मोदी की 56 इंच वाली छाती पर बैठे हैं और वे इसका विरोध भी नहीं कर रहे हैं. वास्तव में मोदी को पता भी नहीं है कि चीन उनके सीने पर बैठा हुआ है और वे कोई आया नहीं का नारा लगा रहे हैं.
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गलवान घाटी में सीमा विवाद को लेकर दोनों देशों की सेनाएं आमने सामने आ गयी थी
पूर्व में व्हाइट हाउस के प्रवक्ता जेन पास्की ने भारत और चीन के बीच चल रहे सीमा विवाद को लेकर टिप्पणी की थी कि चीन पर अपने पड़ोसियों को डराने-धमकाने का प्रयास करता है और हम चीन के इस व्यवहार पर नजर बनाए हुए हैं. अमेरिकी अधिकारी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए चीनी रक्षा मंत्रालय ने कहा कि सीमा समस्या एक द्विपक्षीय मामला है और चीन और भारत दोनों तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप का विरोध करते हैं.
दोनों देशों के बीच चल रही वार्ता सकारात्मक रही है. सीमा समस्या को सुलझाने के लिए दोनों देश मिलकर काम कर रहे हैं. गौरतलब है कि साल 2020 के मई में पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में सीमा विवाद को लेकर दोनों देशों की सेनाएं आमने सामने आ गयी थी. दोनो ओर के सैनिक मारे गये थे.