NewDelhi : गौतम अडानी की फर्म में 45 हजार करोड़ निवेश करने वाली तीनों कंपनियों का मालिक कौन है? यह सवाल भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी का है. स्वामी ने ट्वीट कर कहा है कि तीनों कंपनियों का पता एक ही है. आरोप है कि अडानी की कंपनियों के काला धन मॉरीशस के जरिए सफेद किया जाता है.
All the three firms that invested Rs.45,000 crores in Gautam Adani’s companies have the same address in Mauritius. Who are the owners of these three firms? https://t.co/ewY30uGtn0 via @PGurus1
— Subramanian Swamy (@Swamy39) June 15, 2021
सरकार एफपीआई खातों को फ्रीज किये जाने पर चुप्पी तोड़े
बता दें कि इस मामले में कांग्रेस ने मंगलवार को कहा थी कि सरकार को अडानी समूह की कंपनियों में हिस्सेदारी रखने वाले कुछ एफपीआई खातों को नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (एनएसडीएल) द्वारा कथित तौर पर फ्रीज किये जाने पर अपनी चुप्पी तोड़नी चाहिए. पार्टी प्रवक्ता गौरव वल्लभ का कहना है कि सरकार को उन विदेशी निवेश कोषों के पीछे के व्यक्तियों की जानकारी सार्वजनिक करनी चाहिए, जिन्होंने अपने 95 फीसदी से अधिक के कोष का उपयोग अडानी समूह की कंपनियों में निवेश के तौर पर किया है.
तीनों फंड मॉरीशस के पोर्ट लुई में एक ही पते पर पंजीकृत हैं
वल्लभ कहते हैं कि कुछ खबरों में सामने आया है कि एनएसडीएल ने अडानी समूह की कपंनियों में निवेश करने वाले तीन विदेशी निवेशकों अलबुला इन्वेस्टमेंट क्रेस्टा फंड और एपीएमएस इन्वेस्टमेंट फंड के खातों को फ्रीज कर दिया गया है. उन्होंने दावा किया कि ये तीनों फंड मॉरीशस के पोर्ट लुई में एक ही पते पर पंजीकृत हैं तथा इन्होंने अडाणी समूह की चार कंपनियों में 43,500 करोड़ रुपये की हिस्सेदारी खरीद रखी है.
इसे भी पढ़ें : ममता बनर्जी का आरोप, उत्तर बंगाल को केंद्रशासित प्रदेश बनाना चाहती है भाजपा, मैं इसकी इजाजत नहीं दूंगी
वित्त मंत्रालय को चुप्पी तोड़नी चाहिए और सच बताना चाहिए
इस क्रम में गौरव वल्लभ ने कहा कि एनएसडीएल और वित्त मंत्रालय को चुप्पी तोड़नी चाहिए और सच बताना चाहिए. जान लें कि अडानी समूह की कंपनियों में हिस्सेदारी रखने वाले एफपीआई खातों को नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (एनएसडीएल) द्वारा ‘फ्रीज’ करने की खबरों के बाद समूह की कंपनियों के शेयर 25 प्रतिशत तक गिर गये. लेकिन गौतम अडानी की अगुवाई वाले समूह ने कहा है कि उसके पास इस बारे में लिखित स्पष्टीकरण है कि इन तीन विदेशी कोषों के खातों को फ्रीज नहीं किया गया है और इस बारे में खबरें भ्रामक हैं. कहा कि तीन विदेशी कोष समूह की कंपनियों में शीर्ष शेयरधारक हैं.
इसे भी पढ़ें : विदेश मंत्रालय ने डोमिनिकन कोर्ट में हलफनामा दायर कर किया अनुरोध, मेहुल चोकसी भारतीय नागरिक, हमारे हवाले करें
मॉरीशस टैक्स हैवेन है, जहां काला धन सफेद किया जाता है
कहा जा रहा है कि 13 लाख की आबादी वाला मॉरीशस जैसा छोटा देश इतनी बड़ी राशि भारत में क्यों निवेश कर रहा है? आरोप लगाया गया है कि वे ब्लैक मनी को मॉरीशस के जरिए व्हाइट करने में लगे हैं, जो सबसे पहले सन 2000 में तत्कालीन वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा द्वारा शुरू किया गया था. तब हमने देखा था कि उनके दोनों बेटे और उनकी पत्नियां मॉरीशस की कई कंपनियों की हिस्सेदार बन गयी थीं.
मॉरीशस टैक्स हैवेन है, जहां सभी काला धन जमा कर उसको दूसरी तरफ निकालने का मुख्य काम होता है. यह इस छोटे द्वीप का मुख्य व्यापार है. सभी भारतीय स्टॉक एक्सचेंज जोड़तोड़ और सत्ता में बैठे लोगों की जानकारी के साथ संदिग्ध भागीदारी वाले नोटों की उत्पत्ति यहीं से होती है.
क्रेस्टा फंड की स्थापना 2007 में हुई थी, उसी साल अदानी पोर्ट्स एंड सेज लिमिटेड सार्वजनिक हो गयी थी. इस फंड में सार्वजनिक रूप से 10124.8 करोड़ रुपये से अधिक की कुल संपत्ति वाले 14 शेयर हैं. 9861 करोड़ तीन सूचीबद्ध अदानी कंपनियों से आता है. फंड की चौथी सबसे बड़ी होल्डिंग जिंदल सॉ लिमिटेड में 82.6 करोड़ रुपये में है.
अल्बुला इन्वेस्टमेंट फंड 2007 में स्थापित किया गया था.
जानकारी के अनुसार अल्बुला इन्वेस्टमेंट फंड 2007 में स्थापित किया गया था. यह फंड सार्वजनिक रूप से 11998.8 करोड़ रुपये से अधिक के नेटवर्थ के साथ 20 स्टॉक रखता है. इसमें से रु. 11450 करोड़ चार अदानी कंपनियों के हैं. शेयरों की संख्या के मामले में इसकी शीर्ष चार होल्डिंग्स अदानी कंपनियों में हैं. चौथी सबसे बड़ी होल्डिंग और पांचवीं सबसे बड़ी होल्डिंग के बीच धारित शेयरों में अंतर लगभग 1.3 करोड़ शेयरों का है.
एशिया इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन (मॉरीशस) ने छह शेयरों में निवेश किया है, जिनकी कुल संपत्ति 5571.9 करोड़ से अधिक है. इसकी शीर्ष दो होल्डिंग अदानी समूह की कंपनियां हैं. एशिया इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन (मॉरीशस) के साथ अल्बुला इन्वेस्टमेंट फंड, डेटा डंप का हिस्सा है जिसे पैराडाइज पेपर्स कहा जाता है, जिसका विश्लेषण और रिपोर्ट इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स (ICiJ) द्वारा किया जाता है
सुब्रमण्यम स्वामी यही पूछ रहे हैं कि तीनों एक ही पते वाली मॉरीशस कंपनियों- अल्बुल्ला इन्वेस्टमेंट फंड, क्रेस्टा फंड और एशिया इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन का मालिक कौन है- जिसने गौतम अडानी की कंपनियों के शेयरों में 45,000 करोड़ रुपये निवेश किया हैं?