NewDelhi : मैं ईसाई हूं, इसके बावजूद मुझे हिंदू धर्म से लगाव है, जो एक महान धर्म है और इसे नीचा नहीं दिखाया जाना चाहिए. हिंदू धर्म जिस ऊंचाई पर पहुंचा है और उपनिषदों, वेदों एवं भगवद्गीता में जो उल्लेख किया गया है, कोई भी व्यवस्था उस तक नहीं पहुंची है. सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश केएम जोसेफ ने सोमवार को यह बात कही. न्यायाधीश केएम जोसेफ ने यह बात वकील अश्विनी उपाध्याय द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कही.
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न्यायमूर्ति जोसेफ की अगुवाई वाली इस पीठ में न्यायमूर्ति बीवी नागरत्न भी शामिल थे.
उपाध्याय ने अपनी याचिका में देश में बर्बर आक्रमणकारियों ने देश के जिन प्राचीन, सांस्कृतिक और धार्मिक स्थानों के नाम बदल दिये थे, उनके मूल नाम फिर से रखने के लिए पुनर्नामकरण आयोग के गठन का अनुरोध किया था.
अश्विनी उपाध्याय द्वारा दायर जनहित याचिका खारिज
हालांकि पीठ ने वकील अश्विनी उपाध्याय द्वारा दायर जनहित याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है और वह अतीत में कैद होकर नहीं रह सकता. न्यायमूर्ति जोसेफ ने कहा कि धार्मिक पूजा का सड़कों के नामकरण से कोई लेना-देना नहीं है. उन्होंने कहा, मुगल सम्राट अकबर ने विभिन्न समुदायों के बीच सद्भाव बनाने की कोशिश की थी.
हिंदू धर्म अध्यात्म ज्ञान में बड़ी ऊंचाइयों पर पहुंचा है
इस क्रम में न्यायमूर्ति जोसेफ ने कहा, हिंदू धर्म अध्यात्म ज्ञान में बड़ी ऊंचाइयों पर पहुंचा है. हमें इस महान धर्म पर गर्व होना चाहिए और हमें इसे नीचा नहीं दिखाना चाहिए. उन्होंने कहा, हमें अपनी महानता पर गर्व होना चाहिए और हमारी महानता हमें उदार बनाती है. मैं इसे पढ़ने का प्रयत्न कर रहा हूं. आपको भी हिंदू धर्म के दर्शन पर डॉ एस राधाकृष्णन की किताब पढ़नी चाहिए. कहा कि केरल में कई राजा हैं, जिन्होंने गिरजाघरों एवं अन्य धार्मिक स्थानों के लिए जमीन दान दी थी.
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