NewDelhi : सुप्रीम कोर्ट बिल्कीस बानो सामूहिक बलात्कार मामले के दोषियों की रिहाई के खिलाफ दायर याचिका की सुनवाई करेगा. बता दें कि इस मामले में SC एक विशेष पीठ गठित करने को आज बुधवार को तैयार हो गया. CJI डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जे बी परदीवाला की पीठ ने बिल्कीस बानो की याचिका पर सुनवाई करते हुए उनकी वकील शोभा गुप्ता के जरिए उन्हें आश्वासन दिया कि नयी पीठ का गठन किया जायेगा.
Bilkis Bano case: SC agrees to constitute new bench to hear plea against early release of 11 convicts
Read @ANI Story | https://t.co/g2jQ5tJ0ud#SupremeCourt #bilkisbano #verdict pic.twitter.com/HVF32KcUvF
— ANI Digital (@ani_digital) March 22, 2023
इसे भी पढ़ें : RBI का निर्देश, 31 मार्च तक खुले रहेंगे बैंक, इस रविवार को भी बैंक खुलेंगे, 1-2 अप्रैल को बंद रहेंगे
प्रधान न्यायाधीश ने कहा, नयी पीठ का गठन किया जायेगा
शोभा गुप्ता ने मामले पर तत्काल सुनवाई का अनुरोध करते हुए कहा था कि नयी पीठ के गठन की जरूरत है. प्रधान न्यायाधीश ने कहा, नयी पीठ का गठन किया जायेगा. हम इस पर आज शाम विचार करेंगे. इससे पहले 24 जनवरी को गुजरात सरकार द्वारा सामूहिक बलात्कार मामले में 11 दोषियों की सजा माफी को चुनौती देने वाली बिल्कीस बानो की याचिका पर उच्चतम न्यायालय में सुनवाई नहीं हो सकी थी, क्योंकि संबद्ध न्यायाधीश पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ का हिस्सा होने की वजह से इच्छा मृत्यु (पैसिव यूथेनेशिया) से जुड़े एक मामले की सुनवाई कर रहे थे.
इसे भी पढ़ें : विश्व की 26 प्रतिशत आबादी को सुरक्षित पेयजल मुहैया नहीं, 46 फीसदी लोग बुनियादी स्वच्छता से वंचित : UN
पिछले साल दिसंबर में सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी थी
दोषियों की रिहाई को चुनौती देने वाली याचिका के अलावा, बानो ने एक अलग याचिका भी दायर की थी जिसमें एक दोषी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के 13 मई 2022 के आदेश की समीक्षा का अनुरोध किया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने 13 मई 2022 को सुनाये आदेश में राज्य सरकार से नौ जुलाई 1992 की अपनी नीति के संदर्भ में समय से पहले रिहाई के लिए एक दोषी की याचिका पर विचार करने और दो महीने की अवधि के भीतर इस पर फैसला करने को कहा था. हालांकि यह याचिका पिछले साल दिसंबर में सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी थी.
बिल्कीस बानो सामूहिक बलात्कार मामले के सभी 11 दोषियों को पिछले साल 15 अगस्त को रिहा कर दिया गया था. वे गोधरा उप-कारागार में बंद थे और 15 वर्षों से अधिक समय से जेल में थे. गुजरात में 2002 में हुए दंगों के दौरान बिल्कीस बानो के परिवार के सात सदस्य भी मारे गये थे.