New Delhi : चार साल पुराने रेप केस में बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन को सुप्रीम कोर्ट से भी राहत नहीं मिली. कोर्ट ने शाहनवाज हुसैन की FIR दर्ज करने पर रोक लगाने वाली याचिका को खारिज कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि मामले की सही ढंग से जांच होनी चाहिए. इसमें दखल देने की वजह नजर नहीं आती. आप सही होंगे तो बच जाएंगे. सुप्रीम कोर्ट की इस टिप्पणी के बाद अब शाहनवाज पर रेप केस दर्ज होगा. न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने सुनवाई के बाद याचिका को खारिज कर दिया. हुसैन की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी और सिद्धार्थ लूथरा ने पीठ को बताया कि शिकायतकर्ता महिला ने बीजेपी नेता के खिलाफ एक के बाद एक कई शिकायतें दर्ज कराई हैं. बता दें कि शाहनवाज हुसैन पर रेप का आरोप 2018 में एक महिला ने लगाया था. चार साल से मामला अदालत में है, लेकिन पुलिस FIR दर्ज नहीं कर रही.
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क्या है पूरा मामला
26 अप्रैल 2018 को एक महिला ने दिल्ली पुलिस को एक लिखित शिकायत दी. इसमें उसने आरोप लगाया कि बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन ने उसका रेप किया है. महिला ने शिकायत में लिखा था कि 12 अप्रैल 2018 को शाहनवाज हुसैन ने उसे छतरपुर के एक फार्म हाउस में बुलाया था. वहां धोखे से नशीला पदार्थ खिलाकर उसके साथ रेप किया. मामला कोर्ट पहुंचा. मजिस्ट्रेट की अदालत ने 7 जुलाई 2018 को हुसैन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश देते हुए कहा था कि शिकायत में संज्ञेय अपराध बनता है. इसके बाद भाजपा नेता ने उच्च न्यायालय में इसे चुनौती दी थी, जिसने उनकी याचिका खारिज कर दी थी. हुसैन की अपील पर अपने आदेश में हाइकोर्ट ने कहा था मौजूदा याचिका में कोई दम नहीं है. याचिका खारिज की जाती है. अब सुप्रीम कोर्ट से भी उनकी याचिका खारिज कर दी गई.
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