Dumka : सिविल सोसाइटी के सदस्यों ने कोयला डंपिंग प्वाइंट दूसरे जगह शिफ्ट करने की मांग को लेकर 16 जनवरी को झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण परिषद् कार्यालय के बाहर धरना दिया. सोसाइटी सदस्यों का कहना है कि दुमका देश का पहला रेलवे स्टेशन है जहां रेलवे प्लेटफॉर्म से सटे कोयला प्वाइंट है. इस प्वाइंट में कोयला डंप किया जाता है. कोयला डंपिंग के कारण प्रदूषण फैल रहा है. आसपास रहने वाले लोगों का जीना मुश्किल हो गया है. शहर में प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है. कोयला पाकुड़ जिले के अमड़ापाड़ा कोलियरी से लाकर डंपिंग किया जाता है. फिर उसे मालगाड़ी में लोड कर बाहर भेज दिया जाता है.
स्थानीय लोग डंपिंग प्वाइंट को यहां के हटाकर अन्य जगह शिफ्ट करने के लिए लगातार धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. लोगों के विरोध को देखते हुए क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण कार्यालय दुमका ने तीन महीने का एनओसी दे दिया. एनओसी की अवधि मार्च तक है. सोसाइटी के सदस्यों ने यहां कोयला लोडिंग बंद करने की मांग की है. मांग नहीं माने जाने पर उग्र आंदोलन छेड़ने की चेतावनी दी है.
वहीं इस संबंध में क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड दुमका के अधिकारी केके पाठक ने बताया कि रेलवे मानकों का ख्याल नहीं रखती. कोयला लोडिंग के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड जिम्मेवार नहीं है. जिला प्रशासन और रेलवे लोडिंग पर रोक लगाए. इस मामले में रेलवे ज्यादा दोषी है. स्टेशन और डंपिंग प्वाइंट के बीच पार्टीशन होना चाहिए, जिससे यात्रियों को असुविधा न हो.
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