Ranchi : तेज गर्मी से एक तरफ प्रदेश में पेयजल की कमी हो रही है, तो दूसरी ओर बिजली आपूर्ति में भी रुकावट हो रही है. सरकार की तरफ से बिजली को लेकर जो दावे किये जाते हैं, वो खोखले साबित हो रहे हैं. जिस तरह से तापमान बढ़ रहा है, उसी तरह से पावर कट बढ़ने लगा है. इस साल के शुरूआत में बिजली विभाग द्वारा कहा गया कि एनटीपीसी नॉर्थ कर्णपुरा थर्मल पावर प्लांट से राज्य को 150 मेगावाट बिजली मिलने लगेगी. इससे गर्मी या सर्दी के साथ बिजली की एकाएक मांग बढ़ने की स्थिति में भी झारखंड के लिए आपूर्ति सामान्य बनाए रखना आसान होगा. लेकिन गर्मी आते ही समस्या उभरने लगी. देखा जाय तो झारखंड में बिजली की मांग ढाई हजार मेगावाट के आसपास रहती है. प्रदेश में टीवीएनएल, बीटीपीएस, सिकिदरी और केटीपीएस जैसे पावर प्लांट से बिजली की आपूर्ति की जाती है. इसके अलावा जेबीवीएनएल मांग के बड़े हिस्से की पूर्ति के लिए एनटीपीसी, डीवीसी, सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया और स्थानीय निजी उत्पादन इकाइयों से बिजली खरीदती है. लेकिन इसके बाद भी ग्रामीण हो या शहरी हर क्षेत्र में बिजली कम पड़ रही है. बिजली की स्थिति का जायजा लेने शुभम संदेश की टीम फील्ड में उतरी और तैयार की एक रिपोर्ट…

लातेहार :
जिला मुख्यालय में रहती है 20 से 22 घंटे बिजली
लातेहार जिला मुख्यालय या कहें शहरी क्षेत्र में लोगों को प्रति दिन कम से कम 20 से 22 घंटे बिजली मिल रही है. हालांकि ग्रामीण क्षेत्रों मे 15 से 17 घंटे ही बिजली की आपूर्ति हो पा रही है.
कनीय विद्युत अभियंता अंकित कुमार से पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि लातेहार को फूल लोड में तकरीबन 26 मेगावाट बिजली की आवश्यकता होती है. लोड शेडिंग के दौरान 16-17 मेगावाट बिजली मिलती है. उन्होंने बताया कि लातेहार जिला मुख्यालय को कम से कम 22 घंटे बिजली रोज मिलती है. हालांकि लातेहार शहर के बाहर डीही मुरूप, तरवाडीह, पोचरा आदि इलाकों में प्रतिदिन 15 से 17 घंटे बिजली मिलती है. जिले के महुआडांड़ में भी प्रतिदिन तकरीबन 20 घंटे बिजली की आपूर्ति हो रही है. यहां गुमला ग्रीड से बिजली की सप्लाई होती है. इसी प्रकार पहाड़ी नगर नेतरहाट में भी प्रति दिन 20 से 22 घंटे नियमित बिजली की आपूर्ति की जा रही है. यहां लोहरदगा ग्रीड से बिजली की आपूर्ति की जा रही है.
चंदवा :
ग्रामीण क्षेत्र में एक से दो घंटे काटी जाती है बिजली
चंदवा में बिजली की आपूर्ति तो की जाती है, लेकिन लोड शेडिंग का भी असर रहता है. खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली कट की समस्या है. बिजली विभाग कर्मी सुनील गुप्ता कहते हैं कि इस क्षेत्र के लिए लोहरदगा और करकट ग्रिड लातेहार से पावर सप्लाई की जाती है. पावर कट का यहां कोई सिड्यूल नहीं है. आगे से पावर कम आने पर शहर को बैकअप देने के लिए गांव में एक-दो घंटे बिजली काटी जाती है. जब भी लोड शेडिंग होती है तो गांव की बिजली काटी जाती है. वैसे शहरी क्षेत्र में चौबीस घंटे बिजली बहाल है.
बिजली की स्थिति दयनीय हैः मुखदेव
चंदवा के डूमारो पंचायत के बेलगाड़ा निवासी मुखदेव गोप कहते हैं इस गर्मी के मौसम में बिजली की स्थिति बहुत ही दयनीय है. एक तो सुबह होते ही गर्मी तेज हो जाती है. उसके बाद बिजली भी नहीं रहती है. ऐसे में हमलोगों को कितनी परेशानी होती है, यह समझा जा सकता है. रात में तो बिजली रहती ही नहीं है. कुल मिलाकर दिन हो रात सब एकसमान है. बिजली के तार तो लगे हुए हैं, लेकिन बिजली गायब है. जबकि हमलोग बिजली बिल समय परे देते रहते हैं. इस पर भी बिजली नसीब नहीं होती है.
कुछ सुधार हुआ हैः विरेन्द्र कुमार
प्रदेश में बिजली का संकट गहराने लगा है. जिस समय बिजली की सबसे अधिक जरूरत होती है तभी काट दिया जाता है. लेकिन चंदवा में कुछ स्थिति ठीक है. चंदवा के धोबी टोली निवासी विरेन्द्र कुमार कहते हैं कि आज के दिन में बिजली व्यवस्था में कुछ सुधार हुआ है. एक सप्ताह पूर्व बिजली की हालत ऐसी थी की बिजली के नाम से नफरत होता था. पोल और तार तो ठीक थे, लेकिन बिजली नहीं थी. आज के दिनचर्या में बिजली अनिवार्य हो गया है. बिना बिजली के कोई काम नहीं हो सकता है.
देवघर :
हर रोज 5 से 6 घंटे तक बिजली काट दी जाती है
एक तरफ गर्मी बढ़ रही है तो दूसरी तरफ बिजली ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया है. चौबीस घंटे बिजली देने की बात की जाती है, लेकिन ऐसा नहीं है. पावर कट की वजह से लोग परेशान हैं. देवघर शहरी क्षेत्र के प्रोफेसर कॉलोनी, बिलासी टाउन, बंपास टाउन, कृष्णापुरी, मंदिर मोड़ जैसे इलाकों में हर रोज़ दिन में 4 से 5 घंटे बिजली काटी जा रही है. सूरज ढ़लने के बाद रात 12 बजे से सुबह 4 बजे तक बिजली की आंख मिचौली लगातार जारी रहती है. जबकि इसी समय बिजली की सबसे अधिक जरूरत होती है. ऐसे समय में ही बच्चों की पढ़ाई और अन्य काम होते हैं. खासकर जब सोने का समय होता है तो बिजली चली जाती है. हर 20 मिनट में बिजली कटौती होती है. देवघर ग्रामीण क्षेत्र का भी अमूमन यही हाल है. बलसरा, रिखिया, अमरवा, आमगाछी, कोठिया जैसे ग्रामीण इलाकों में लगातार बिजली कटौती से लोगों का जीना मुहाल है. बिजली ना रहने से लोग रतजगा करने को विवश हैं. बिजली विभाग के अभियंता गोविंद कुमार ने बताया कि श्रावणी मेले की तैयारी को लेकर बिजली काटी जा रही है. शहरी क्षेत्र के रंगा मोड़ के पास तकरीबन एक किलोमीटर आगे बिजली तार की मरम्मत का काम चल रहा है. जिसके चलते शहर में बिजली काटी जा रही है. इसके साथ-साथ कांवरिया पथ नावाडीह की तरफ गुजरने वाले बिजली के खंभों पर भी कार्य प्रगति पर है.
हजारीबाग :
शहरी क्षेत्र में 18-20 घंटे रहती है बिजली ग्रामीण क्षेत्र में 12 से 15 घंटे ही मिल रही है बिजली
जिले के शहरी क्षेत्र में करीब 20 घंटे और प्रखंड स्थित ग्रामीण क्षेत्र में 12 से 15 घंटे बिजली मिल रही है. हजारीबाग जिले के बरही और चौपारण को छोड़कर अन्य क्षेत्रों में बिजली की सामान्य स्थिति है. इन दो प्रखंडों में बिजली की परेशानी है. इससे लोगों को गर्मी में फजीहत झेलनी पड़ रही है. इन दो प्रखंडों में डीवीसी की लोड शेडिंग का मामला बताया जा रहा है. कहीं तार वगैरह की मरम्मत की जाती है, तो उसकी सूचना उपभोक्ताओं को विभाग की ओर से पहले ही उपलब्ध करा दी जाती है.
शहरी क्षेत्र में बिजली की स्थिति
- पूर्व में हरणगंज, कोर्रा-लाखे, आनंदपुरी, जुलू पार्क, साकेतपुरी, कृष्णापुरी, बाबूगांव, मटवारी आदि क्षेत्रों में करीब 20 घंटे बिजली मिल रही है.
- पश्चिम में ओकनी, न्यू एरिया, बॉडम बाजार, शिवपुरी, लोहसिंगना, पेलावल, शिवदयालनगर आदि में 18 घंटे के आसपास बिजली मिल रही है.
- उत्तर में पगमिल, मंडई, सिंदूर, विकासनगर, कनहरी रोड आदि इलाके में भी 18 घंटे के करीब बिजली मिल रही है.
- दक्षिण में रामनगर, जगदीश कॉलोनी, विष्णुपुरी, कुम्हारटोली, कदमा इलाके में 20 घंटे बिजली दी जा रही है.
कभी लोड शेडिंग, कभी मरम्मत, तो कभी आपदा की वजह से है परेशानी : कार्यपालक अभियंता
हजारीबाग बिजली विभाग के कार्यपालक अभियंता अंगेश कुमार सिंह कहते हैं कि फिलहाल हजारीबाग में 20 घंटे के आसपास बिजली मिल रही है. ग्रामीण क्षेत्रों में भी स्थिति ठीक है. कभी-कभी डीवीसी की लोड शेडिंग के कारण परेशानी होती है. तेज आंधी-बारिश आदि से बिजली प्रभावित होती है, तो उसे भी तुरंत दुरुस्त करा दिया जाता है. कुछ लोकल इश्यू या फिर तार वगैर मरम्मत के लिए उपभोक्ताओं को पहले सूचना दे दी जाती है. कटकमदाग में इंजीनियर को भेजा गया है. चौपारण और बरही दूसरे बिजली प्रमंडल में आता है.
ग्रामीण क्षेत्र की स्थिति
चौपारण, बरही और कटकमदाग में बिजली की स्थिति बेहतर नहीं है. बरही में पांच से सात घंटे बिजली रह रही है. वहीं चौपारण और कटकमाग में 10 से 12 घंटे बिजली मिल रही है. अन्य प्रखंडों बड़कागांव, केरेडारी, विष्णुगढ़, बरकट्ठा, कटकमसांडी, सदर, चुरचू आदि में 16 से 18 घंटे बिजली दी जा रही है.
जमशेदपुर :
मानगो व कदमा के लोग बिजली की आंखमिचौली से परेशान
चिलचिलाती धूप और उमस भरी गर्मी के साथ ही बिजली रानी की आंख मिचौली शुरू हो गई है. आज बिजली की समस्या लोगों की परेशानियों का सबब बन कर रह गयी है. जमशेदपुर के कंपनी क्षेत्रों को छोड़ दें तो मानगो, बागबेड़ा, जुगसलाई, परसुडीह, बारीडीह, बागुननगर, बागुनहातु, कदमा, गोविंदपुर क्षेत्र के लोग बिजली का आंख मिचौली से खासे परेशान हैं. दरअसल गैर कंपनी क्षेत्र में हर मौसम में बिजली की समस्या बनी रहती है. गर्मी के दिनों में अधिक रहती है.
मानगो क्षेत्र में रहती है 16 से 18 घंटे बिजली
- मानगो क्षेत्र में 16 से 18 घंटे बिजली रहती है. बिजली की स्थिति में सुधार हुआ है, लेकिन रात में बिजली ज्यादा कटती है.
- सोनारी एवं कदमा क्षेत्र में 15 से 16 घंटे बिजली रहती है.
- बारीडीह बागुनहातु में 16 से 18 घंटे बिजली रहती है, लेकिन में रात में ही बिजली ज्यादा कटती है.
- राहरगोड़ा क्षेत्र में 15-16 घंटे बिजली रहती है, लेकिन रात में हर एक घंटे पर बिजली कटती है, जिससे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
- बागबेड़ा एवं हरहरगुट्टू में 15-16 घंटे बिजली रहती है. गर्मी में बिजली ज्यादा कटती है.
ग्रामीण क्षेत्र में बिजली के 70 पोल गिरे, नहीं आ रही बिजली
जमशेदपुर प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता राजकिशोर ने बताया कि वर्तमान में 65 से 70 मेगावाट बिजली की मांग है. अभी फुल लोड मिल रही है. लोड बढ़ने पर रात में कभी कभी ट्रिप करता है. डिमांड के अनुसार लोड नही मिलने पर मैनेज करना पड़ता है. उन्होंने बताया कि सोमवार को दोपहर में चली आंधी में शहरी क्षेत्र में किए गए सर्वे के अनुसार 45 से 50 हजार रुपए का नुकसान हुआ है. वहीं ग्रामीण क्षेत्र में बिजली के लगभग 70 पोल के गिरने की सूचना है.
रामगढ़ :
ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में प्रत्येक दिन 4-5 घंटे नहीं आती है बिजली
गर्मी तेज होते ही बिजली की समस्या सामने आने लगी है. जिन लोगों को उम्मीद थी कि इस बार सबकुछ ठीक होगा, वे अब परेशान हैं. उनके सामने फिर से वही बिजली संकट है. कम बिजली उत्पादन के कारण इन दिनों प्रदेश में बिजली संकट बढ़ता जा रहा है. पावर परचेज लिमिट होने की वजह से ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में प्रत्येक दिन 4 से 5 घंटे की बिजली कटौती हो रही है. रामगढ़ जिले के अलग-अलग क्षेत्रों में प्रोसिडिंग करके काम चलाना पड़ रहा है. गर्मी के दिनों में अधिक बिजली की खपत के कारण लोड बढ़ने की वजह से पर्याप्त बिजली उपभोक्ताओं को नही मिल पा रही है. इससे लोगों में असंतोष बढ़ता जा रहा है. सरकार बिजली की आपूर्ति की बात तो करती है, लेकिन जब समय आता है तो फिर से वही समस्या आ जाती है. वहीं इस पर भुरकुंडा बिजली विभाग के जेई अजय कपरदार बताते हैं कि पावर कम मिलने के कारण शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में 4-5 घंटे की बिजली कटौती हो रही है.
शहरी क्षेत्र
- नगर परिषद क्षेत्र के बरकाकाना में प्रत्येक दिन लगभग 4 घंटे से अधिक बिजली कटौती होती है.
- नगर परिषद क्षेत्र के तेलयातु में प्रत्येक दिन लगभग 4 घंटे की बिजली कटौती होती है.
- नगर परिषद क्षेत्र के घुटवा में प्रत्येक दिन लगभग 4 घंटे से अधिक बिजली कटौती होती है.
- नगर परिषद क्षेत्र के चैनगड्ढा में लगभग 3-4 घंटे की कटौती प्रत्येक दिन होती है.
ग्रामीण क्षेत्र
- पतरातू प्रखंड के लपंगा बस्ती में 4-5 घंटे बिजली कटती है , बिजली कटने की कोई समय निर्धारित नही है. असमय बिजली कटौती से यहां के लोग परेशान हैं.
- पतरातू प्रखड के सुंदर नगर पंचायत में रोजाना 5 – 6 घंटे असमय बिजली कटौती होती है. यहाम के लोग भीष्म गर्मी में बिजली कटौती से परेशान है.
- चिकोर गांव में 5-6 घंटे प्रत्येक दिन असमय बिजली कटती है. असमय बिजली कटने से यहां के किसान परेशान रहते हैं.
मेलानी सुथरपुर जैसे इलाकों में भी प्रत्येक दिन 3 घंटे से अधिक बिजली कटती है.
चाईबासा :
मेरीटोला, जैन मार्केट व तांबो में बिजली आपूर्ति ठीक है
बीते दिनों जोरदार हवा आंधी होने से बिजली आपूर्ति संकट में पड़ गया है. शहरी क्षेत्र के अलावा ग्रामीण क्षेत्र में इसका असर देखने को मिला. सोमवार को हुई तेज हवा पानी से बिजली के कई खंभे गिर गये है. जिसको दुरूस्त करने में विभाग जुटा है. चाईबासा के कुछ क्षेत्र में अब तक बिजली नहीं आयी है. लेकिन मेरीटोला, जैन मार्केट, तांबो चौक स्थानों बिजली आपूर्ति ठीक है. वहीं पुराना चाईबासा, सिकूरसाई के अलावा अन्य कुछ हिस्सों दिनभर में मात्र चार घंटे की बिजली आपूर्ति हो पायी है. सोमवार को हुई जोरदार बारिश के वजह से कई पोल गिर गये हैं. जिसके कारण कुछ क्षेत्र में बिजली बाधित है. जिसे दुरूस्त किया जा रहा है. जल्द ही ठीक किया जायेगा. चाईबासा के अलावा जिलेभर में इसी तरह की समस्या है. शहरी क्षेत्र में इसका कम असर देखने को मिल रहा है.
शहरी क्षेत्र :
स्थान | बिजली रहने का समय |
मेरीटोला | नियमित आपूर्ति |
पुराना चाईबासा | दिनभर में सिर्फ 4 घंटा |
सिकूरसाई | अब तक बिजली नहीं |
डीएवी क्षेत्र | नियमित आपूर्ति |
जैन मार्केट | नियमित आपूर्ति |
ग्रामीण क्षेत्र :
स्थान | बिजली रहने का समय |
हरिला | मात्र तीन घंटा |
तुईबीर | 2 घंटा |
टोंटो | 6 घंटा |
कुरसी | 12 घंटा |
पाकुड़ :
आंधी तूफान के बाद यहां बिजली हो जाती है गुल
गर्मी आते ही बिजली कां संकट सामने आने लगा है. हालांकि बिजली की स्थित बहुत दयनीय नहीं है, लेकिन चौबीस घंटा नहीं रहती है. सबसे अधिक परेशानी आंधी और तूफान के बाद होती है. कई घंटे तक बिजली गुल हो जाती है. कहीं पोल गिर जाती है तो कहीं तार टूट जाता है. पाकुड़ शहरी क्षेत्र के वार्ड नंबर 1, 2, 3 और 4 धनुष पूजा, छोटी अलीगंज, बड़ी अलीगंज, कूड़ा पाड़ा में 19 से 20 घंटे तक बिजली रहती है. वार्ड नंबर 15, 16, 17, 18, 19 और 20 के कालिकापुर, बललभपुर, हरिंडंगा बाजार और कैलाश नगर की भी कमोबेश यही स्थिति है. वार्ड संख्या 5, 6, 7 और 8 के राजा पाड़ा, काली तल्ला, बाबरी पाड़ा और तांती पाड़ा में भी 4 से 5 घंटे की बिजली कटौती होती है. वार्ड संख्या 9, 10, 11 और 12 के भगत पाड़ा, कुरथी पाड़ा, सिंधी पाड़ा इलाका में भी 19 से 20 घंटे बिजली रहती है.
धनबाद :
बिजली संकट से लोग त्रस्त, घर में बेचैनी तो व्यापार भी ठप
धनबाद शहर में इन दिनों बिजली की आंख मिचौली से पूरा शहर त्रस्त है. लोग बिजली की आंख मिचौनी के आगे खुद को असहाय महसूस करने लगे हैं. शहर के पॉश इलाके में बिजली की कमी के कारण व्यापार पर बुरा असर पड़ रहा है. लोग अपना व्यापार चलाने के लिए जनरेटर पर भरोसा कर रहे हैं. शहर के अलग अलग हिस्सों से मिली जनकारी के मुताबिक 24 घंटे में लगभ 12 घंटे ही बिजली मिल पा रही है.
विकट है बिजली समस्या : रंजीत
शहर के बरमसिया में रहने वाले समाजसेवी रंजीत सिंह परमार का कहना है कि इस भीषण गर्मी में बिजली की कटौती आफत साबित हो रही है. उनका कहना है कि 24 घंटे में मात्र 8 से 10 घंटे ही बिजली मिल रही है. वह भी लुका छुपी की तरह. बिजली समस्या के कारण इनवर्टर भी पूरी तरह से चार्ज नहीं हो पा रहा है और जितना होता है वह पर्याप्त नहीं है.
जेनरेटर के भरोसे है व्यापार : प्रभात
बैंक मोड़ चेंबर ऑफ कॉमर्स के पूर्व अध्यक्ष प्रभात सुरोलिया का कहना है कि इन दिनों बिजली विभाग की व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है. इस भीषण गर्मी में बिजली का आना-जाना परेशानी का सबब बन गया है बैंक मोड़ धनबाद के पॉश इलाके में बिजली की स्थिति बद से बदतर है. बैंक मोड़ के व्यवसायी ज्यादातर जेनरेटर पर निर्भर हो चुके हैं.
बिजली खेल रही है लुकाछिपी का खेल : संजीव चौरसिया
हीरापुर चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष संजीव चौरसिया का कहना है कि शहर के पॉश इलाके में गिने जाने वाले हीरापुर में भी बिजली की समस्या जस की तस बनी हुई है. आपूर्ति से कम बिजली मिलने के कारण जिंदगी दूभर सी हो गई है. बिजली लुकाछिपी का खेल खेल रही है. घरों में तो समस्या हो ही रही है, इसका असर हमारे बिजनेस पर भी पड़ रहा है. शाम के समय दुकानों पर इन्वर्टर के अलावा जनरेटर का भी सहारा लेना पड़ रहा है.
आंधी पानी व फीडर में आ रही तकनीकी समस्या के कारण है परेशानी : एसके कश्यप
इस मामले में बिजली विभाग के अधीक्षण अभियंता एस के कश्यप का कहना है कि फीडर में कुछ तकनीकी खराबी के कारण ऐसी समस्या उत्पन्न हो रही है. इसी कारण लोगों को थोड़ी परेशानी झेलनी पड़ रही है. उन्होंने कहा है कि विगत सोमवार को तेज आंधी-पानी के कारण भी थोड़ी परेशानी हुई है.
सिंदरी में फिलहाल सुधरी हुई है बिजली आपूर्ति
सिंदरी में पिछले वर्ष की अपेक्षा सिंदरी के शहरपुरा, रांगामाटी, रोहड़ाबांध, मनोहरटांड़़, डोमगढ़, गोशाला व कांड्रा क्षेत्र में बिजली व्यवस्था फिलहाल सुधरी है. सामान्य दिनों में एफसीआईएल के क्षेत्र शहरपुरा, रांगामाटी, मनोहरटांड़़, डोमगढ़ में मात्र दो घंटे की बिजली कटौती की जा रही है. गोशाला क्षेत्र में बीआईटी सिंदरी व जेबीवीएनएल की सप्लाई लाइन की व्यवस्था है, जहां मात्र तीन घंटे की कटौती हो रही है. कांड्रा क्षेत्र में सेल चासनाला व जेबीवीएनएल द्वारा प्रदत्त बिजली सेवा उपलब्ध है और वहां भी मात्र तीन घंटे की कटौती की जा रही है.
बिजली की आंखमिचौली के खेल से लोग परेशान
निरसा में पिछले कई माह से बिजली का लुकाछिपी का खेल जारी है. 24 घंटे मे मात्र 10-12 घंटे ही बिजली आपूर्ति हो रही है. भीषण गर्मी से घरों मे भी रहना मुश्किल हो रहा है. लोग कई बार घेराव-प्रदर्शन कर चुके हैं. निरसा प्रखंड में कुल 29 पंचायत हैं. सभी पंचायतों में कमोबेश बिजली आपूर्ति की स्थिति काफी खराब है. निरसा डिवीजन के कार्यकारी अभियंता एमके निराला की मानें तो लोगों को निर्बाध रूप से बिजली मिल रही है. निरसा डिवीजन के 58 हजार उपभोक्ताओं के लिए 40 मेगावाट बिजली की जरुरत है, जो मिल भी रही है. रही बात लोड शेडिंग की तो कही कहीं गड़बड़ी होने के कारण ही बिजली काटी जाती है. डीवीसी द्वारा भी प्रतिदिन बिजली काटी जा रही है.
बिजली संकट से 1200 गांवों के उपभोक्ता हैं परेशान
कतरास के गणेशपुर विद्युत् मंडल अंतर्गत करीब 1200 गांव एवं टोला में गर्मी का मौसम आने के साथ ही बिजली संकट दस्तक देने लगती है. ताज़ा समाचार के अनुसार गणेशपुर विद्युत् मंडल अंतर्गत पिछले 48 घंटों से बिजली संकट से उपभोक्ता त्राहिमाम कर रहे हैं. गणेशपुर विद्युत् मंडल के खरखरी, बांसजोड़ा, मधुबन, नावागढ़, मंद्रा, बसवरिया, हरिना, बरोरा, मुराईडीह, सिनीडीह आदि क्षेत्रों में लोगों की परेशानी बढ़ गई है.
साहिबगंज :
बिजली की नहीं हो रही है नियमित आपूर्ति
साहिगंज जिले में बिजली आपूर्ति को लेकर अपनी डफली अपना राग वाली कहावत चरितार्थ हो रही है. जहां उपभोक्ता कहते हैं कि बिजली की नियमित आपूर्ति नहीं हो रही है. वहीं विभाग का कहना है कि तकनीकी खराबी को छोड़ दें तो लगभग 20 घंटे बिजली दी जा रही है. साहिबगंज डिविजन के विद्युत कार्यपालक अभियंता राजकुमार ने बताया कि शहर में इन दिनों फिटर नंबर 1, 2 व 3 से विद्युत आपूर्ति 20 घंटा दिया जा रहा है. कभी-कभी फ्यूज उड़ जाने से एकाध घंटा आपूर्ति बंद रखना पड़ता है. उसे ठीक करने का समय सुबह 9-10 व शाम 4-5 बजे तक रखा गया है. शहर के अलग-अलग हिस्सों में 24 घंटे में लगभग 20 घंटे बिजली दी जा रही है. जिला चैंबर ऑफ कॉमर्स अध्यक्ष राजेश अग्रवाल ने बताया कि शहर में विद्युत आपूर्ति ठीक नहीं है. रोज रात में बिजली आंख मिचौली खेलती है. सबसे बड़ी समस्या है वोल्टेज की कमी. चैंबर ने बिजली पदाधिकारियों से चौक व बाजार के कुछ इलाकों में ट्रांसफार्मर लगाने की बात कही थी. मगर यह काम अभी तक नहीं हुआ है.
चक्रधरपुर :
रात में ग्रामीण क्षेत्र में कट जाती है बिजली
ग्रामीण क्षेत्र के लोग इन दिनों भीषण गर्मी में बिजली कटौती की समस्या से जूझ रहे हैं. चक्रधरपुर शहरी क्षेत्र में कुल 24 वार्ड है, जबकि ग्रामीण क्षेत्र में 23 पंचायत है. शहरी क्षेत्र में बिजली की समस्या ज्यादा नहीं है. कुल मिलाकर शहरी क्षेत्र में 18 से 20 घंटे बिजली मिल जाती है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्र में 12 से 14 घंटे ही बिजली मिल पाती है. ग्रामीण क्षेत्र के लोग बताते हैं भीषण गर्मी में रात के वक्त ही बिजली काट दी जाती है. वहीं हल्की आंधी-बारिश होने पर दो-तीन दिनों तक बिजली बहाल नहीं हो पाती है. इससे कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. वहीं कई ग्रामीण क्षेत्र में 16 केवी का छोटा बिजली ट्रांसफॉर्मर खराब रहने व चोरी होने जाने के कारण भी कई पंचायतों के गांवों में ग्रामीणों को बिजली नहीं मिल पा रही है. सबसे ज्यादा परेशानी सुदूरवर्ती क्षेत्र जैसे नलिता, होयोहातु, सुरबुड़ा, भरनिया, बाईपी, कुलीतोड़ांग, गुलकेड़ा, सिलफोड़ी जैसे पंचायत के गांवों में बिजली की समस्या है. ग्रामीण क्षेत्र में बिजली समस्या को लेकर जब विभाग के एसडीओ कपिल अंसारी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्र में बिजली की समस्या नहीं है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्र में थोड़ी बहुत समस्या है.
बेरमो :
गोमिया व नावाडीह में 10-12 घंटे ही मिलती है बिजली
बेरमो अनुमंडल के गोमिया, फुसरो, नावाडीह और पेटरवार में उपभोक्ताओं को अपेक्षित बिजली नहीं मिल रही है. फुसरो के व्यवसायी रवि सिंह ने बताया कि यहां करीब 16-17 घंटे ही बिजली मिल रही है. वहीं नावाडीह के मंटू नायक, पेटरवार के कैलाश महतो और गोमिया बस्ती के प्रभु स्वर्णकार, रोहित यादव टिंकू साव ने बताया कि उन्हें 10-12 घंटे ही बिजली मिल रही है. बेरमो अनुमंडल में तीन बिजली के प्रतिष्ठान हैं. जिसमें दो डीवीसी का और एक झारखंड सरकार का है. डीवीसी का बोकारो थर्मल में और दूसरा चंद्रपुरा में अवस्थित है. राज्य सरकार का तेनुघाट थर्मल पावर स्टेशन ललपनिया में स्थापित है. तीनों ही बिजली घर से 1420 मेगावाट बिजली उत्पादन की क्षमता है.
घाटशिला :
ग्रामीण क्षेत्र में 24 घंटे बाद भी बहाल नहीं हो सकी बिजली आपूर्ति
प्रखंड के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में विद्युत व्यवस्था सोमवार को आई आंधी तूफान में पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है. दोपहर 3 बजे से लेकर रात लगभग 12 बजे विभागीय अभियंता तथा मिस्त्री के मेहनत से शहरी क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति बहाल कर दी गई थी. परंतु ग्रामीण क्षेत्र में 24 घंटे गुजर जाने के बाद अब तक विद्युत आपूर्ति बहाल नहीं हुई है. वैसे अन्य दिनों बिजली लगभग 18 से 20 घंटे शहरी क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति बाहर रहती हैं .
शहरी क्षेत्र :

स्थान | बिजली रहने का समय |
शाढपुरा | 18 घंटा |
फुलडूंगरी | 20 घंटा |
लालडीह | 20 घंटा |
दहीगोड़ा | 20 घंटा |
पावड़ा | 20 घंटा |
ग्रामीण क्षेत्र :
स्थान | बिजली रहने का समय |
बराजुड़ी | 14-16 घंटा |
खरसती | 12-14 घंटा |
काडाडुबा | 12-14 घंटा |
आसना | 10-12 घंटा |
पुनगोड़ा | 12-14 घंटा |
विद्युत विभाग के कनीय अभियंता आनंद कश्यप ने बताया कि आमाईनगर पावर सबस्टेशन को 5 एमवीए बिजली आपूर्ति हो रही है जबकि मुसाबनी पावर सब स्टेशन को 8 एमवीए बिजली आपूर्ति होती है. 5 एमवीए बिजली मिल जाने से दोनों पावर सबस्टेशन में पूरा हो जाएगा. विद्युत कटौती 24 घंटे में अमाईनगर पावर सब स्टेशन से लगभग 4 घंटे एवं मुसाबनी से 4 घंटे की विद्युत कटौती हो रही है. तकनीकी परेशानी को लेकर जो कटौती होती है वह अलग है.


This is due to corrupt government in the state