Tel Aviv : इजरायल और तुर्की ( नया नाम तुर्किये) के बीच पूर्ण कूटनीतिक संबंध कायम होने की खबर है. जान लें कि इजरायल के प्रधानमंत्री यायर लापिड और तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन के बीच हुई बातचीत के बाद दोनों देशों ने कूटनीतिक रिश्ते की बहाली की घोषणा कर दी है. इस क्रम में इजरायली प्रधानमंत्री यायर लापिड ने तुर्की की जमकर तारीफ की. कहा कि हम दुनिया में इजरायल की स्थिति को मजबूत करना जारी रखेंगे.
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दोनों देश राजदूतों और वाणिज्य दूतों को फिर से नियुक्त करने पर सहमत
इस अवसर पर तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने इजरायल को पश्चिम एशिया का बड़ा खिलाड़ी करार दिया. साथ ही आपसी रिश्तों को मजबूत करने पर जोर दिया. हालांकि तुर्की ने साफ किया कि इजरायल के साथ पूर्ण कूटनीतिक संबंध का यह मतलब नहीं है कि वह फिलिस्तीन के प्रति अपना समर्थन छोड़ देगा. इस मौके पर तुर्की के विदेश मंत्री मेवलुत कावुसोग्लू ने कहा कि तुर्की और इजरायल पूर्ण राजनयिक संबंधों को बहाल करते हुए, राजदूतों और वाणिज्य दूतों को फिर से नियुक्त करने पर सहमत हुए हैं.
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इजरायल के नागरिकों के लिए यह महत्वपूर्ण समाचार है.
यायर लापिड ने कहा कि इजरायल के नागरिकों के लिए आर्थिक नजरिए से यह बहुत महत्वपूर्ण समाचार है. कहा कि हम दुनिया में इजरायल की स्थिति को मजबूत करना जारी रखेंगे. कहा गया है कि तुर्की के विदेश मंत्री मेवलुत कावुसोग्लू के साथ पीएम यायर लैपिड की अंकारा यात्रा और तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोआन के साथ उनकी बातचीत से रिश्तों को मजबूत करने में मदद मिली. बता दें कि दोनों देश पिछले एक साल से आपसी संबंधों को सुधारने के लिए काम कर रहे थे.
एर्दोगन खुद को इस्लामिक देशों का नेता मनवाना चाहते हैं
तुर्की के इजरायल के साथ पूर्ण राजनयिक संबंध बहाल करने के बाद अन्य मुस्लिम देशों पर दबाव बढ़ गया है. सूत्रों के अनुसार तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन खुद को इस्लामिक देशों का नेता मनवाना चाहते हैं. इसी कारण दुनिया के किसी भी देश में मुसलमानों के मुद्दे पर उतनी आवाज सबसे ज्यादा मुखर रहती है. हालांकि चीन में मुसलमानों की स्थिति पर चुप रहते हैं. जान लें कि पिछले दो साल में यूएई, बहरीन, मोरक्को और सूडान ने इजरायल के साथ राजनयिक संबंध बहाल कर लिये हैं. अब इसी कड़ी में तुर्की का नाम भी जुड़ गया है. सऊदी अरब ने भी संकेत दिया है कि अगर फिलिस्तीन विवाद सुलझ जाता है तो वह भी इजरायल के साथ राजनयिक संबंध बहाल कर सकता है.
इजरायल और पाकिस्तान के बीच कोई संबंध नहीं
जहां तक पाकिस्तान की बात है तो उसके इजरायल के साथ किसी भी तरह से संबंध नहीं हैं. पाकिस्तान इजरायल को एक देश के तौर पर मान्यता भी नहीं देता है. यही कारण है कि पाकिस्तानी पासपोर्ट पर लिखा रहता है कि यह दस्तावेज इजरायल को छोड़ पूरी दुनिया के लिए मान्य है. हालांकि पाकिस्तान ने कई बार इजरायल के साथ बातचीत करने के बैक चैनल कोशिश की है, लेकिन कट्टरपंथियों के दबाव में पीछे हटना पड़ा है.