Ranchi : राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान “रिम्स” के जर्जर भवन बड़े हादसों को आमंत्रण दे रहे हैं. ताजा मामला बुधवार का है. जहां बॉयज हॉस्टल नंबर 4 के बाथरूम की सीलिंग टूट कर गिर गयी. इस घटना में एमबीबीएस 2020 बैच के 2 छात्र रिकेत कुमार और अमन सिंह बाल-बाल बचे. घटना के बाद से छात्रों में आक्रोश है. छात्रों का कहना है कि रिम्स प्रबंधन ने हॉस्टल के मेंटेनेंस को लेकर आज तक कोई पहल नहीं की है. इसलिए भवन जर्जर होते जा रहे हैं. हॉस्टल के बाथरूम की भी हालत नारकीय हो चुकी है. कमरे में सीपेज और गंदगी का अंबार है. दीवार पर पेड़ पौधे निकल आये हैं. रंग-रोगन का काम भी कभी नहीं होता है. (पढ़ें, IAS छवि रंजन की याचिका खारिज, पत्नी-बच्ची से जेल मेनुअल के मुताबिक ही मिल पायेंगे)
हॉस्टल के मरम्मत को लेकर कई बार लिखा गया है पत्र
जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ जयदीप चौधरी ने कहा कि रिम्स प्रबंधन किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रही है. जेडीए ने कई बार प्रबंधन को हॉस्टल की मरम्मत के लिए पत्र लिखा. लेकिन प्रबंधन ने नजरअंदाज कर दिया. उन्होंने कहा कि हॉस्टल फीस भरने के बाद भी छात्र बदतर स्थिति में रहने को विवश है. यह हालत सिर्फ बॉयज हॉस्टल की नहीं बल्कि गर्ल्स हॉस्टल की भी है. अगर प्रबंधन की नींद नहीं खुली तो छात्रों को उग्र होना पड़ेगा.
हॉस्टल का निरीक्षण करने पहुंचे डीन स्टूडेंट
घटना के बाद हॉस्टल का निरीक्षण करने डीन स्टूडेंट वेलफेयर डॉ शिव प्रिय, हॉस्टल सुपरीटेंडेंट बॉयज हॉस्टल नंबर 8 के डॉ जितेंद्र कुमार पहुंचे. इस दौरान भवन निर्माण विभाग के निरीक्षक को बुलाकर हॉस्टल की जर्जर हालत से छात्रों ने अवगत कराया.
फैक्ट्स
- बाथरूम की हालत पूरी तरह से जर्जर
- बिना गेट के है कई बाथरूम
- बिजली का मेन लाइन बिना कवर के
- हॉस्टल के पहले तल्ले के दीवार में दरार, कभी भी गिर सकता है
- पानी की टंकी फटी हुई है, पानी टपकते रहता है
- हॉस्टल की दीवार में पीपल के पेड़ निकल आया है
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