Lohardaga : हत्या, रंगदारी, आगजनी समेत 17 कांडों में वांछित खूंखार माओवादी जतरू खेरवार उर्फ टाना खेरवार ने शनिवार को सरेंडर कर दिया. जतरू ने लोहरदगा के डीसी डॉ वाघमारे प्रसाद कृष्णा और एसपी आर रामकुमार के सामने आत्मसमर्पण कर दिया. संगठन में उसे एरिया कमांडर के रूप में कार्यरत था. उसपर लोहरदगा और गुमला के विभिन्न थानों में कुल 17 संगीन मामले दर्ज हैं. वह लोहरदगा के पेशरार थाना क्षेत्र के पुतरार का रहनेवाला है. हाल में पुलिस द्वारा चलाये जा रहे अभियान से वह काफी डर गया था. साथ ही संगठन में शोषण से भी वह क्षुब्ध था. सरकार की आत्मसमर्पण नीति “नई दिशा” से प्रभावित होकर जतरू ने सरेंडर करने का मन बनाया. उसने पुलिस के एक आलाधिकारी से संपर्क किया और शनिवार को डीसी, एसपी और सीआरपीएफ-158 बटालियन के कमांडेंट के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया.
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बता दें कि राज्य को नक्सल मुक्त करने के लिए पुलिस और सुरक्षाबलों के द्वारा लगातार अभियान चलाया जा रहा है. अभियान से डरकर कई बड़े माओवादियों और नक्सलियों ने हथियार डाले हैं. इससे पूर्व लोहरदगा पुलिस के समक्ष 27 माओवादियों और नक्सलियों ने सरेंडर किया है,जिसमें कई इनामी और खूंखार शामिल है. पिछले दिनों लोहरदगा के बुलबुल जंगल में ऑपरेशन डबल बुल चलाया था. ऑपरेशन डबल बुल के दौरान 17 दिन में माओवादियों को भारी नुकसान उठाना पड़ा था. अभियान के दौरान 11 बड़े नक्सली पकड़े गए थे. पुलिस ने 28 से ज्यादा अत्याधुनिक हथियार, 2000 से ज्यादा कारतूस और अन्य सामान जब्त किए थे. गिरफ्तार माओवादियों ने पूछताछ में कई राज उगले थे. उनकी निशानदेही पर एक अमेरिकन ऑटोमैटिक राइफल, तीन इंसास, एक एलएमजी, तीन सेमीऑटोमैटिक राइफल, आठ एसएलआर राइफल, 315 बोर की तीन रायफल, एक कारबाइन, एक पिस्टल, 2020 गोलियां, एसएलआर की 13 गोलियां आदि बरामद किए गए थे.
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