इस वर्ष 50.32 लाख रूपये में हुई है नाशपाती बागान की नीलामी
पांच हजार से अधिक पौधे हैं नेतरहाट के बगान में
Ashish Tagore
Latehar. पहाड़ी नगरी नेतरहाट की आबोहवा सालों भर खुशगवार रहती है. बतायाा जाता है कि नेतरहाट की जलवायु नाशापती के फलों के काफी उपयुक्त है. नेतरहाट की नासपाती बागान से सरकार को प्रति वर्ष लाखों रूपये की आमदनी होती है. इस वर्ष नासपाती बगान की नीलामी 50 लाख 32 हजार रूपये में की गयी है. सेक्टर तीन की नीलामी 27.2 लाख व सेक्टर चार के बगान की नीलामी 23 लाख 11 लाख रूपये में की गयी है.
रांची से होती है नाशपाती बागान की नीलामी
प्रति वर्ष रांची स्थित संयुक्त कृषि निदेशक कार्यालय से नाशपाती बागान की नीलामी की जाती है. इस वर्ष 50.32 लाख रूपये में नाशपाती बागान की नीलामी हुई है. जबकि गत वर्ष नाशपाती बागान की नीलामी 50 लाख में व वर्ष 2020-21 में 44.20 लाख रूपये में नीलामी हुई थी. 2019-20 में नाशपाती बागान की नीलामी नहीं हो पायी थी. वर्ष 2018-19 में नाशपाती बागान की नीलामी 46 लाख रूपये में हुई थी. वर्ष 2014-15 में 5.65, वर्ष 2015-16 में 14.85 और वर्ष 2017-18 में नासपाती बागान की नीलामी 27.60 लाख रूपये में हुई थी.
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पांच हजार से अधिक नासपाती के पौधे हैं
कृषि विभाग के द्वारा वर्ष 1982-83 में प्रयोग के तौर पर यहां नाशपाती के पौधे लगाये गये थे और यह प्रयोग काफी सफल रहा था. इसके बाद वर्ष 1999 में नाशपाती की खेती को प्रोत्साहित करने के लिए वृहत रूप में 450 एकड़ भूमि पर नाशपाती के पौधे लगाये गये. वर्ष 2004-05 में इस बगान का विस्तारीकरण किया गया. एक अनुमान के अनुसार यहां पांच हजार से अधिक नासपाती के पेड़ हैं. विस्तारीकरण के बाद नेतरहाट राज्य का सबसे बड़ा नाशपाती उत्पादक क्षेत्र बन गया. प्रति वर्ष जुलाइ व अगस्त महीने में प्रति दिन एक से दो क्विंटल से अधिक नाशपाती के फल पेड़ों से टुटते हैं. यहां की नाशपाती की गुणवत्ता अंतरराष्ट्रीय स्तर की है. यही कारण है कि इसकी मांग पड़ोसी राज्य बंगाल और बिहार के अलावा महाराष्ट्र एवं दिल्ली में भी खूब है.
दूसरी खबर
फैमिली कोर्ट के जज ने पति पत्नी को मिलाया
पति ने तलाक की अर्जी दाखिल किया था
अधिवक्ताओं एवं परिजनों के प्रयास से दो दिल एक हुए
Latehar. प्रधान न्यायाधीश कुटुंब न्यायालय राजीव आनंद के प्रयास से बरसों से बिछड़े दंपति को बुधवार को मिलाया गया. मालूम हो पति राजीव कुमार ने अपनी पत्नी जूही कुमारी के खिलाफ तलाक का केस 27/ 2023 फैमिली जज राजीव आनंद की अदालत में दायर कराया था. उक्त मामले में मध्यस्थता हेतु मध्यस्थता केंद्र में मामला भेजा गया था. लेकिन पक्षकारों के बीच समन्वय स्थापित नहीं हो सका और मध्यस्थता असफल हो गया था. पुनः उस मामले को फैमिली जज श्री आनंद के प्रयास से पूर्व निर्धारित तिथि 28 जून को दोनों पक्षों को सशरीर हाजिर होने का आदेश पारित किया गया. बुधवार को दोनों पक्षकार अदालत में हाजिर हुए. फैमिली जज राजीव आनंद के प्रयास से दंपति ने मिलने की सहमति प्रदान किया. उसके पश्चात वादी राजीव कुमार के अधिवक्ता सुनील कुमार ने पहल को आगे बढ़ाया और विपक्षी जूही कुमारी के अधिवक्ता धीरेंद्र कुमार शुक्ला को पहल करने की आग्रह किया.
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कानूनी उलझन में दोनों की बेटी थी परेशान
जूही कुमारी के फूफा-फूआ ने सुलह समझौते में सराहनीय भूमिका निभाते हुए वर्षों से बिछड़े दंपति को समझौता के लिए तैयार कर लिया. राजीव आनंद ने भरी अदालत में दोनों पक्षों को सफल दांपत्य जीवन बिताने की अपील के साथ दोनों की सहमति से अदालत से ही विदा किया. इस मामले की चर्चा अदालत में काफी रही. बरसों से बिछड़े दंपति को साथ देखकर उसके परिजन एवं अन्य लोगों ने खुशी जाहिर किया. मालूम हो वादी राजीव कुमार भारतीय रेलवे में सेवारत हैं. जबकि विपक्षी एक शिक्षित महिला है और दोनों से एक पुत्री है, जो माता-पिता के कानूनी उलझन से पिछले कई महीनों से परेशान थी. पति- पत्नी के साथ – साथ अदालत से निकलते वक्त उनके आंखों से आंसू छलक गये. पति ने तलाक की अर्जी को वापस लेने का घोषणा किया. इस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने आगामी तिथि को दोनों पक्षकारों को सशरीर हाजिर रहने का आदेश पारित किया.
तीसरी खबर
अमरनाथ यात्रा के लिए जत्था रवाना
Latehar. लातेहार जिला मुख्यालय से दस लोगों का एक जत्था रेलवे स्टेशन से अमरनाथ के लिए रवाना हुआ. इससे पहले बीजेपी नेता अरविंद तिवारी ने जत्था के सदस्यों को अंग वस्त्र देकर उनका स्वागत किया. जत्था का नेतृत्व कर रहे रामनाथ अग्रवाल ने कहा कि वे अमरनाथ जाकर भगवान से क्षेत्र की समृद्धि व खुशहाली की कामना करेंगे. उन्होंने कहा कि आध्यात्मिक यात्राओं से एक नई उर्जा मिलती है. जत्था में आनंद कुमार पासवान, विकास कुमार, अमित कुमार, बबलू, सोनू, मनोज, दीपू, शेखर, मनोज व रामू शामिल थे. मौके पर विश्व हिंदू परिषद के जिला अध्यक्ष श्याम अग्रवाल समेत कई लोग मौजूद रहे.