Ranchi : राज्य के 7 जिलों में शुरू होने वाले फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम (आईडीए) एवं फाइलेरिया और कालाजार के कम्युनिकेशन कैंपेन का स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने गुरुवार को उद्घाटन किया. फाइलेरिया के उन्मूलन को लेकर उन्होंने जन समुदाय की भागीदारी पर जोर दिया. कहा कि राज्य को फाइलेरिया एवं कालाजार रोग से मुक्त करने के लिए मिशन मोड में काम करें. उन्होंने फाइलेरिया एवं कालाजार रोग के संबंध में सिने कलाकार मनोज वाजपेयी द्वारा लोगों को फाइलेरिया के संबंध में ऑडियो- विज़ुअल के माध्यम से दिए गए संदेशों के पैकेज का भी उद्घाटन किया.
1 दिसंबर से 15 दिसंबर तक चलेगा कार्यक्रम
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि राज्य में कोविड-19 के दिशा निर्देशों का पालन करते हुए फाइलेरिया या हाथीपांव रोग से बचाने के लिए राज्य के 7 जिलों (पलामू, लातेहार, सरायकेला, जामताड़ा, चतरा, दुमका और गोड्डा में 1 दिसंबर से 15 दिसंबर तक फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम (आईडीए) चलाया जाएगा. इन जिलों में 3 दवाओं डीईसी, अल्बंडाजोल के साथ आईवरमेंक्टिन की निर्धारित खुराक दवा प्रशासकों द्वारा बूथ एवं घर-घर जाकर अपने सामने मुफ्त में खिलाई जाएगी. ये दवाएं पूरी तरह सुरक्षित हैं.
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दवा खाकर किया कार्यक्रम की शुरुआत
स्वास्थ्य मंत्री, अपर मुख्य सचिव एवं अभियान निदेशक ने स्वयं फाइलेरिया रोधी दवाएं खाकर अभियान की शुरुआत की. सभी ने बीमारी से स्वयं और अपने परिजनों को सुरक्षित रखने के लिए फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन करने की अपील की है. स्वास्थ्य मंत्री ने संबंधित अधिकारियों को भी निर्देश दिया कि फाइलेरिया एवं कालाजार रोग के सम्बन्ध में सिने कलाकार मनोज वाजपेयी के ऑडियो- विज़ुअल के माध्यम से दिए गए संदेशों को अंतर विभागीय समन्वय बनाकर प्रत्येक संभावित प्लेटफार्म पर प्रसारित कराएं.
फाइलेरिया एक गंभीर बीमारीः अरुण कुमार सिंह
अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह ने कहा कि फाइलेरिया या हाथीपांव रोग स्वास्थ्य संबंधी गंभीर समस्या है. राज्य सरकार फाइलेरिया जैसी वेक्टर जनित बीमारियों को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है. इसीलिए राज्य के उपरोक्त 7 फाइलेरिया प्रभावित जिलों में कोविड-19 दिशानिर्देशों के अनुरूप पात्र लाभुकों को फाइलेरिया रोधी दवा दिया जाएगा.
फाइलेरिया विकलांगता का बड़ा कारणः अनिल कुमार
वेक्टर जनित रोग के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. अनिल कुमार ने कहा कि फाइलेरिया मच्छर के काटने से फैलता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) के अनुसार फाइलेरिया दुनिया भर में दीर्घकालिक विकलांगता के प्रमुख कारणों में से एक है. फाइलेरिया के कारण हाइड्रोसील (अंडकोष की थैली में सूजन), लिम्फेडेमा (अंगों की सूजन) व काइलुरिया (दूधिया सफेद पेशाब) से ग्रसित लोगों को अक्सर सामाजिक बहिष्कार का बोझ सहना पड़ता है. राज्य में इस वर्ष (जनवरी – अक्टूबर 2022) के आंकड़ों के अनुसार लिम्फेडेमा के 5077 मरीज हैं और हाइड्रोसील के लगभग 3723 मरीज हैं. जिसमें 2845 (77%) मरीजों का सफल ऑपरेशन किया जा चुका है. इसके साथ ही 21181 फाइलेरिया मरीजों को एमएमडीपी किट निशुल्क प्रदान की गयी है.
ये हुए शामिल
इस अवसर पर अभियान निदेशक भुवनेश प्रताप सिंह, निदेशक प्रमुख, राज्य स्तरीय चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पदाधिकारियों, मीडिया सहयोगियों एवं 9 जिलों के उपायुक्त वर्चुअल रूप से शामिल हुए. इसके साथ ही सहयोगी संस्था विश्व स्वास्थ्य संगठन, ग्लोबल हेल्थ स्ट्रेटजीज, प्रोजेक्ट कंसर्न इंटरनेशनल, केयर इंडिया के प्रतिनिधि ने भी हिस्सा लिया.
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