Dinesh Kumar Pandey
Bokaro: बोकारो के चास अंचल में वन भूमि की चौहद्दी बदलकर जमीन बेचने का मामला उजागर हुआ है. भू-माफिया जमीन की गलत चौहद्दी के आधार भू मापी करवाकर बेच रहे हैं और वन विभाग को चूना लगा रहे हैं.
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सुरक्षित वन भूमि 4.76 एकड़ है
चास अंचल में बांधगोड़ा मौजा, थाना नंबर-35, प्लॉट नंबर-978 है. इस जमीन का कुल रकबा 21.88 एकड़ है. इसमें वन विभाग की अधिूसूचित, सीमांकित और सुरक्षित वन भूमि 4.76 एकड़ है. लेकिन भू-माफियाओं ने करिश्माई तरीके से चौहद्दी बदलकर इसी प्लॉट में भाजपा के पूर्व जिला उपाध्यक्ष और जमीन कारोबारी धनंजय प्रसाद फौलाद, रामवचन सिंह और अन्य ने अंचल कार्यालय के मिलीभगत से डीड संख्या-7963, 28 दिसंबर 2007 में लिखित चौहद्दी की जगह गलत चौहद्दी के आधार पर भू मापी करावाकर 3.50 एकड़ जमीन बेच दी है.
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इसका खुलासा वन क्षेत्र पदाधिकारी चास वन प्रक्षेत्र द्वारा वन प्रमंडल पदाधिकारी बोकारो को दिये गए जांच आवेदन से हुई. जिला अवर निबंधक बोकारो द्वारा दी गयी जानकारी के अनुसार रामवचन सिंह, धनंजय प्रसाद फौलाद एवं अन्य के द्वारा अपने डीड संख्या-7963, दिनांक- 28.12.2007, कुल रकबा 4.64 एकड़ में से विभिन्न दस्तावेजों के जरिये कई लोगों को 3.50 एकड़ जमीन की बिक्री की गयी है.
वन क्षेत्र पदाधिकारी चास ने लिखा कि डीड संख्या-7963/28.12.2007 में वर्णित चौहद्दी की जगह गलत चौहद्दी के आधार पर जमीन की मापी कराकर अवैध जमाबंदी करा ली गयी है. गलत चौहद्दी दिखाकर बांधगोड़ा स्थित उपलब्ध जमीन में से अधिक जमीन की बिक्री की गयी है. इसका खुलासा जन सूचना पदाधिकारी सह सहायक वन संरक्षक बोकारो द्वारा दी गयी सूचना से हुई है.
जबकि डीड संख्या-7963 के चौहद्दी के उत्तर में प्लॉट संख्या-985 नहीं है. आर्यभट्ट आवास आवास सहयोग समिति के डीड के चौहद्दी के उत्तर में प्लॉट संख्या-985 है. लेकिन भू-माफियाओं द्वारा जालसाजी कर पूर्वक अंचल कार्यालय को मिलाकर डीड संख्या-7963 के म्यूटेशन के लिए संचालित दाखिल-खारिज मुकदमा संख्या-113 A (VII ) 09-10 में उक्त भूमि की मापी के समय अंचल अधिकारी एवं अंचल अमीन को मिलाकर उत्तर में गलत चौहद्दी प्लॉट संख्या-985 डलवाकर उक्त डीड का दाख़िल-खारिज और गलत नक्शा बनवाया गया.
आर्यभट्ट आवास सहयोग समिति ने की शिकायत
इस मामले में आर्यभट्ट आवास सहयोग समिति के सचिव शंभूनाथ तिवारी ने 4 दिसंबर 2019 को क्षेत्रिय मुख्य वन संरक्षक, क्षेत्रिय कार्यालय, बोकारो और वन प्रमंडल पदाधिकारी, बोकारो से शिकायत की थी. उन्होंने शिकायत में तत्कालीन अंचल अधिकारी चास और वन प्रमंडल पदाधिकारी बोकारो द्वारा प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित होकर निबंधित डीड में वर्णित चौहद्दी की जगह जानबूझकर गलत चौहद्दी के आधार पर भू-मापी कराकर जारी अवैध जमाबंदी आदेश और वन विभाग की अवैध अनापत्ति प्रमाण पत्र (पत्रांक-1512, दिनाँक- 07.07.2009) को रद्द करने की मांग की थी. इसके लिए ज़िम्मेदार सरकारी कर्मचारियों एवं भू-माफियाओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने और इस अवैध जमाबंदी व एनओसी के आधार पर बेची गयी सभी जमीन का निबंधन व जमाबंदी को रद्द करने की मांग की थी.
इसके बाद वन क्षेत्र पदाधिकारी चास वन प्रक्षेत्र ने इस मामले की जांच कर वन प्रमंडल पदाधिकारी बोकारो को सौंप दी. वन क्षेत्र पदाधिकारी ने अपने जांच प्रतिवेदन में लिखा कि अभिलेख का अवलोकन करने से स्पष्ट है कि सीओ चास के कार्यालय से आपका पत्रांक-1512, दिनांक- 07.07.2009 की सत्यापित प्रति भू-माफियाओं द्वारा निकाल कर उसका दुरूपयोग मौजा-बांधगोड़ा, थाना-35 के प्लॉट नंबर-978 के वनभूमि, सरकारी भूमि की अवैध खरीद-बिक्री की गयी है.
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बता दें कि मूल रैयत ज्योतिलाल शर्मा ने शपथ पत्र के माध्यम से कहा है कि पावर ऑफ एटार्नी संख्या-319/ 21.11.2007 में 06 एकड़ जमीन चौहद्दी के मुताबिक प्लॉट के पश्चिम में दी गयी है. लेकिन चंद्रदीप कुमार, धनंजय प्रसाद फौलाद, रामवचन सिंह एवं अन्य द्वारा चौहद्दी के विपरीत जमीन पर कब्जा किया जा रहा है. मूल रैयत धरणीधर शर्मा ने भी शपथ पत्र के जरिये कहा है कि पावर ऑफ एटार्नी संख्या-319/ 21.11.2007 में 06 एकड़ जमीन चौहद्दी के मुताबिक प्लॉट के पश्चिम में है. लेकिन धनंजय फौलाद, रामवचन सिंह एवं अन्य जबरन पूरब तरफ की जमीन पर दखल करना चाह रहे हैं. इतना ही नहीं प्रतिवादी द्वारा गलत चौहद्दी के आधार पर दाखिल खारिज कराया गया है, जो कि गलत है.
उत्तम कुमार शर्मा ने दिया शपथ पत्र
मूल रैयत उत्तम कुमार शर्मा ने भी शपथ पत्र के माध्यम से लिखित बयान दिया है कि पावर ऑफ एटार्नी संख्या- 319/21.11.2007 में 06 एकड़ चिह्नित जमीन चौहद्दी के मुताबिक प्लॉट के पश्चिम में है और उसी चौहद्दी के अनुसार बिक्री हुई है. इसके बावजूद प्रतिवादी अपनी सुविधानुसार प्लॉट के पूरब तरफ जमीन दखल करना चाह रहे हैं.
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