Kocchi : खबर है कि दुष्कर्म मामले में बिशप फ्रैंको मुलक्कल के बरी होने के खिलाफ पीड़ित नन और राज्य सरकार ने केरल उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है. जानकारी के अनुसार बलात्कार का आरोप लगाने वाली नन ने इस सप्ताह की शुरुआत में याचिका दायर की. नन ने बिशप मुलक्कल को बरी करने के निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी है. उधर, राज्य सरकार ने बुधवार को निचली अदालत के 14 जनवरी, 2022 के आदेश के खिलाफ याचिका दायर करने को मंजूरी दे दी.
आरोपी को अनुचित तरीके से बरी कर दिया
अतिरिक्त लोक अभियोजक पी. नारायणन ने निचली अदालत के फैसले के खिलाफ दायर अपनी याचिका में कहा है कि न्यायाधीश ने साक्ष्यों का सही परिस्थितियों में मूल्यांकन किये बगैर और तथ्यों को समझे बिना आरोपी को अनुचित तरीके से बरी कर दिया. नारायणन ने निचली अदालत के फैसले को रद्द करने की मांग करते हुए दावा किया कि यह फैसला सरासर गलत है. यह त्रुटिपूर्ण है.
इसे भी पढ़ें : पाकिस्तान का सियासी संकट बरकरार, सैन्य अधिकारियों के साथ इमरान की बातचीत, पर कुर्सी जाना तय
अभियोजन पक्ष साक्ष्य मुहैया कराने में नाकाम रहा
बता दें कि 14 जनवरी को अतिरिक्त जिला एवं सत्र अदालत प्रथम, कोट्टायम ने बिशप फ्रैंको मुलक्कल को इस मामले में बरी कर दिया था. अदालत ने कहा था कि आरोपी के खिलाफ अभियोजन पक्ष साक्ष्य मुहैया कराने में नाकाम रहा.
केरल की नन ने जून 2018 में पुलिस को दी अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि 2014 से 2016 के बीच 57 वर्षीय मुलक्कल ने उनके साथ 13 बार दुष्कर्म किया था. उस समय वह रोमन कैथोलिक चर्च के जालंधर डायोसिस के बिशप थे.
कोट्टायम जिले की पुलिस ने जून 2018 में ही बिशप के खिलाफ बलात्कार का मामला दर्ज किया था. विशेष जांच दल ने बिशप फ्रैंको मुलक्कल को 21 सितंबर, 2018 में गिरफ्तार किया था हालांकि उसी साल 15 अक्टूबर को उन्हें अदालत से सशर्त जमानत मिल गयी थी. जमानत पर रिहा होने के बाद जालंधर में उनका फूल-माला से स्वागत हुआ था.
इसे भी पढ़ें : Ukraine Russia War : स्वीडन की सीमा में घुसे परमाणु हथियारों से लैस रूस के फाइटर जेट, यूरोप में दहशत
नन ने गलत तरीके से बंधक बनाने का आरोप लगाया
नन ने उन पर गलत तरीके से बंधक बनाने, बलात्कार करने, अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने और आपराधिक धमकी देने के आरोप लगाये थे. मामले में नवंबर 2019 में सुनवाई शुरू हुई, जो 10 जनवरी को पूरी हुई थी. इसके अलावा अदालत ने प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को उसकी अनुमति के बिना मुकदमे से संबंधित किसी भी सामग्री को प्रसारित करने पर रोक लगाई थी. मालूम हो कि बिशप फ्रैंको मुलक्कल पर फरवरी 2020 में एक और नन ने यौन शोषण का आरोप लगाया था.
इसे भी पढ़ें : शिवपाल यादव-योगी आदित्यनाथ मुलाकात से यूपी की सियासत गरमायी, राज्यसभा भेजे जाने के कयास
फ्रैंको मुलक्कल के खिलाफ चल रहे बलात्कार के मामले की गवाह थी नन
35 साल की यह नन फ्रैंको मुलक्कल के खिलाफ चल रहे बलात्कार के मामले की गवाह थी, जिसने पुलिस के सामने अपना बयान दर्ज कराते हुए आरोप लगाये थे कि बिशप ने फोन पर उस पर यौन संबंधी और अश्लील टिप्पणियां की और उन्हें गलत तरीके से छुआ था. नन ने अपने बयान में कहा था कि वह बिशप से डरी हुई थीं कि कहीं उन्हें समूह से बाहर न निकाल दिया जाए, इसलिए वह अब तक चुप थीं.