Jamtara: जिले में 155 राजस्व गांव के लोग खुली आंखों से केवल बिजली का खंभा ही देख सकते हैं. बिजली की रोशनी उन्हें केवल ख्वाबों में ही देखने को मिलती है. जी हां, दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के फेज 12 के तहत साल 2017 में बिजली से वंचित राजस्व गांव के टोलों का चयन विद्युतीकरण के लिए हुआ था. जिस कार्य को सितंबर 2019 तक पूरा हो जाना था. लेकिन कार्य करने वाली एजेंसी ने बिजली का खंभा गाड़कर छोड़ दिया.
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बिजली का खंभा बना शोभा की वस्तु
नारायणपुर थाना क्षेत्र के दिधारी पंचायत के अंतर्गत मलवा गांव के फुदगाही टोला में दीनदयाल ग्राम्य ज्योति योजना के तहत करीब डेढ़ साल पहले बिजली का खंभा लगाया गया. आदिवासी बाहुल्य इस गांव में ग्रामीण बिजली का इंतजार ही करते रह गए और इस दौरान विद्युतीकरण कार्य में लगी पेश पावर कंपनी ने काम ही छोड़ दिया. लिहाजा उन्हें आज तक न तो बिजली मिली और न ही ऐसी कोई साफ जानकारी ही विभाग दे रहा है, कि आखिर उन्हें बिजली कब मिलेगी.
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गुहार लगाकर थक चुके हैं ग्रामीण
बिजली की रोशनी के लिए गांव के लोग अधिकारियों से बार-बार गुहार लगाकर थक चुके हैं. गांव की सूरजमुनी हांसदा ने कहा कि यहां के विधायक डॉ. इरफान अंसारी से कई बार मौखिक शिकायत कर चुके हैं. फिर भी ग्रामीणों को बिजली नसीब नहीं हो पा रही है. लिहाजा गांव के जो लोग मोबाइल रखते हैं, उन्हें पड़ोस के गांव व नजदीक के रिश्तेदार के घर जाकर मोबाइल चार्ज करना पड़ता है. वहीं बहामुनी हांसदा ने कहा कि बिजली के लिए विधायक से लेकर स्थानीय प्रतिनिधि से शिकायत की गई है, फिर भी कोई सुनवाई नहीं हो पा रही है.
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लालटेन युग में जी रही फुदगाही की जनता
सोहागी मरांडी ने बताया कि बिजली नहीं होने से शाम ढलते ही पूरा गांव अंधेरे की आगोश में समां जाता है. आज भी हमलोगों को ढीबरी और लालटेन जलाना पड़ता है. तोलो सोरेन ने बताया कि गांव से करीब डेढ़ किलोमीटर दूर के गांव में बिजली उपलब्ध है. लेकिन फुदगाही गांव में बिजली पहुंचे, इसके लिए विभाग और जनप्रतिनिधि गंभीर नहीं है.
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