Sindri: सिंदरी में मार्क्सवादी समन्वय समिति ने शनिवार को झारखंड नवनिर्माण परिचर्चा सभा का आयोजन किया. मासस की 50वीं वर्षगांठ के दूसरे दिन कल्याण केंद्र परिसर में आयोजन हुआ. कार्यक्रम की शुरुआत समिति के झंडोत्तोलन के साथ किया गया. इसमें 50 वर्षों के दौरान किए गए कार्यों की समीक्षा की गयी. साथ ही आगे की रणनीति पर चर्चा की गई.
मासस के केंद्रीय अध्यक्ष सह पूर्व विधायक कॉ आनंद महतो ने कहा कि झारखंड अलग राज्य आंदोलन में मासस के हजारों क्रांतिकारी साथियों ने बलिदान दी है. जिस तरह की झारखंड अलग राज्य की कल्पना कॉ एके राय, बिनोद बिहारी महतो, शहीद गुरदास चटर्जी और शहीद शक्ति नाथ महतो ने की थी. वह झारखंड राज्य आज भी अधूरा है. झारखंड राज्य अलग हुए लगभग 22 वर्ष हो गए हैं. लेकिन आज भी यहां के आदिवासी, मूलवासी, दलित और पिछड़ा वर्ग सत्ता से कोसों दूर हैं. यही कारण है कि जिस तरह की शोषण मुक्त झारखंड राज्य की परिकल्पना की गई थी. वह अब तक पूरी नहीं हो सकी है. आज भी कामगार लोग शोषित किए जा रहे हैं.
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कहा कि झारखंड में भाजपा, कांग्रेस, आजसू और झामुमो सहित जितनी भी पार्टी है, सभी सत्ता की राजनीति करती है. इसलिए आज वर्तमान समय में मासस की भूमिका और भी अहम हो गई है. ऐसे में शोषण मुक्त झारखंड नवनिर्माण के लिए तमाम झारखंडवासियों और युवाओं को फिर से एक नए उलगुलान के साथ शोषण करने वालों के खिलाफ मजबूत लड़ाई लड़ने की जरूरत है. परिचर्चा में मायुमो केंद्रीय कार्यकारी अध्यक्ष कॉ जगदीश रवानी, हलधर महतो, मिथिलेश सिंह, धनेश्वरी दूरी, हरिप्रसाद पप्पू, दिल मोहम्मद, निताई महतो, बबलू महतो, भानु प्रजापति, दिलीप तिवारी, गयाराम शर्मा, लाल मोहन रजवार, राजीव मुखर्जी, मंगल महतो, राजाराम रजक, मधु दास, रोहित महतो, ध्रुव दास, जितेन महतो, राजू बाउरी, अजय दास, काजल महतो और कमलेश पासवान ने अपने वक्तव्य रखे.
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