Praveen Kumar
Ranchi : झारखंड में बालू की किल्लत फिलहाल जारी रहेगी क्योंकि पिछले चार सालों से बालू घाटों की बंदोबस्ती नहीं हुई है. सिर्फ वी कैटेगरी के घाटों की बंदोबस्ती जेएसएमडीसी के जरिये की जा रही थी. विगत 15 अगस्त से वह भी बंद हो गया क्योंकि उसी दिन से जेएसएमडीसी का बंदोबस्ती करने का अधिकार खत्म हो गया है. जेएसएमडीसी ने एक्सटेंशन के लिए सरकार को प्रस्ताव भेजा लेकिन अब तक कोई निर्णय नहीं हुआ. इस तरह, जेएसएमडीसी के स्तर से जिन वी कैटेगरी के बालू घाटों की बंदोबस्ती होती थी, वह भी अब नहीं हो रही. जेएसएमडीसी ने वर्ष 2021 मे 358 बालू घाटों की बंदोबस्ती की प्रकिया शुरू की थी. ये बालू घाट 3589.79 हेक्टेयर में मौजूद हैं. बालू घाटों की बंदोबस्ती नहीं होने से राज्य में सरकारी और गैर सरकारी निर्माण कार्य प्रभावित हो रहा है. साथ ही बालू का अवैध कारोबार तेजी से बढ़ा है. सरकार को अरबों का नुकसान हो रहा है और माफिया ज्यादा मुनाफा कमा रहा है.
सरकार ने सितंबर 2021 में बालू घाटों की बंदोबस्ती के लिए टेंडर निकाला था. तब मामला नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) में पहुंचा था. एनजीटी ने बालू घाटों की बंदोबस्ती पर रोक लगा दी थी. हालांकि इसी महीने के पहले सप्ताह से एनजीटी ने कुछ शर्तों के साथ रोक हटा दी है. शर्त ये है कि बालू घाटों की बंदोबस्ती से पहले डीएसआर (डिस्ट्रिक्ट सर्वे रिपोर्ट) तैयार करना होगा. सर्वे रिपोर्ट तैयार करने का जिम्मा माइंस और भूगर्भ विभाग को मिला है. विभाग ने अब तक रिपोर्ट तैयार नहीं की है. पढ़े – Lagatar Exclusive : अजब अफसर का गजब फरमान: गरीबों के अनाज डकारो, धराओ तो पैसे जमा कर बच जाओ
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स्पष्ट नीति न होने का फायदा माफिया को
बालू को लेकर सरकार की नीति स्पष्ट नहीं है. इसलिये बंदोबस्ती नहीं हो रही है. सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा है और माफिया अवैध बालू को मनमाने दामों पर बेच रहे हैं. जिस बालू की सरकारी दर 7.5 रुपये प्रति सीएफटी और 5 प्रतिशत जीएसटी है, वही बालू 700 सीएफटी की दर से प्रति हाईवा 28 से 30 हजार रुपये (ट्रांसपोर्टेशन कॉस्ट जोड़ कर) में बेचा जा रहा है. अगर सरकारी दर पर बालू की बिक्री हो तो बाजार में इसका मूल्य करीब 5200 रुपये (ट्रांसपोर्टेशन कॉस्ट छोड़ कर) होगा. यह अवैध धंधा हर जिम्मेदार की जानकारी होने के बाद भी चल रहा है.
11 स्टॉक यार्ड में मौजूद है बालू
जिला | यार्ड का नाम | स्टॉक (सीएफटी) |
गढ़वा | पचाडुमार | 6.15 लाख |
हजारीबाग | नवागढ़ | 35 हजार |
कोडरमा | कांटीमूर्तियां | 2.80 लाख |
चतरा | गरकेदली | 5.5 लाख |
चतरा | लोहासिंगना | 4.2 लाख |
चतरा | बाकी | 3.70 लाख |
देवघर | बसंतपुर | 90 हजार |
देवघर | तेतरिया | 37 हजार |
देवघर | पनदनिया | 4500 |
देवघर | जुगतोफा | 4400 |
सरायकेला | जोरागोडीहा | 7500 |
राज्य में बड़े बालू घाट
जिला | संख्या | क्षेत्रफल (हेक्टेयर में) |
रांची | 17 | 142.92 |
बोकारो | 22 | 150.22 |
चतरा | 28 | 251.7 |
देवघर | 15 | 89.17 |
धनबाद | 14 | 207.94 |
दुमका | 29 | 749.21 |
पूर्वी सिंहभूम | 07 | 32.13 |
गढ़वा | 12 | 64.92 |
गिरिडीह | 18 | 283.01 |
गोड्डा | 20 | 284.64 |
गुमला | 16 | 167.3 |
हजारीबाग | 16 | 151.75 |
खूंटी | 18 | 196.43 |
जामताड़ा | 17 | 557.75 |
कोडरमा | 08 | 37.92 |
लातेहार | 09 | 56.52 |
लोहरदगा | 08 | 42.25 |
पाकुड़ | 07 | 51.25 |
पलामू | 14 | 53.21 |
रामगढ़ | 2 | 16.19 |
साहिबगंज | 6 | 10.5 |
सरायकेला | 26 | 72.42 |
सिमडेगा | 16 | 122.8 |
पश्चिम सिंहभूम | 11 | 56.02 |
“जब तक सरकार से बालू घाटों की बंदोबस्ती के प्रस्ताव का अप्रूवल नहीं मिल जाता, तब तक बालू घाटों की बंदोबस्ती की प्रक्रिया झारखंड खनिज निगम नहीं करेगी. अप्रूवल का प्रस्ताव सरकार के पास भेजा गया है.”
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