Nitesh Ojha
Ranchi : हेमंत सोरेन सरकार कार्यकाल के तीन साल पूरे होने जा हैं. इस अवधि में सबसे अधिक बार सवाल बोर्ड-निगम बंटवारे को लेकर उठा है. सत्तारूढ़ दल के माननीयों और इससे जुड़े प्रमुख नेताओं को लेकर इसे लेकर नाराजगी भी रही है. लेकिन अब जल्द ही इस काम को अंजाम दिया जायेगा. सत्ताधारी दलों के विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक लिस्ट तैयार हो चुकी है. दुर्गा पूजा के पहले या तुरंत बाद ही ही बोर्ड, निगम और आयोगों में रिक्त पड़े अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सदस्यों की लिस्ट जारी हो जाएगी. हालांकि शुरूआती चरण में कुछ सीमित बोर्ड-निगम में ही नियुक्ति की जायेगी.
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कुछ पदों पर ही हुई है नियुक्तियां
राज्य में ऐसे कुछ ही आयोग हैं, जिसे पिछले तीन सालों में भरने का काम हुआ है. इसमें सेवानिवृत्त मुख्य सचिव डीके तिवारी को झारखंड राज्य निर्वाचन आयुक्त के पद पर नियुक्त करना, हिमांशु शेखर चौधरी को राज्य खाद्य आयोग के अध्यक्ष बनाना, झारखंड उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश अमिताभ कुमार गुप्ता को झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष बनाना शामिल हैं. वहीं अभी भी खादी बोर्ड, महिला आयोग, मानवाधिकार आयोग, समाज कल्याण बोर्ड, झारखंड राज्य विधि आयोग, बाल संरक्षण आयोग, राज्य के 22 जिलों में स्थित उपभोक्ता फोरम ऐसे प्रमुख आयोग हैं, जिसमें अभी तक भरा नहीं गया है. वहीं कई आयोग में सदस्यों के पद भी खाली है.
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20 सूत्री कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति गठन का काम काफी हद तक पूरा
हेमंत सरकार के करीब ढाई सालों में जिला और प्रखंड स्तरीय 20 सूत्री कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति गठन का काम काफी हद तक पूरा हुआ है. इसके पीछे सत्ताधारी दल के कार्यकर्ताओं का दबाव माना जा रहा है. राज्य के 24 जिलों में से 22 जिलों यथा – धनबाद, गोड्डा, देवघर, हजारीबाग, कोडरमा, पलामू, पूर्वी सिंहभूम, साहिबगंज, जामताड़ा, पाकुड़, गढ़वा और लातेहार आदि जिलों में 20 सूत्री कार्यक्रम समिति के उपाध्यक्ष और सदस्यों के नाम जारी कर दिए गए हैं. इन जिलों में प्रखंड स्तरीय 20 सूत्री समिति के अध्यक्ष समेत अन्य पदों को भरा गया है. राजधानी रांची और उप राजधानी दुमका में अभी तक पेंच फंसा है. समिति का गठन तय फॉर्मूले के तहत किया गया है. इसमें झामुमो को 13, कांग्रेस को 10 और राजद को एक जिला में प्रतिनिधित्व का मौका मिला है.
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