- महिलाओं ने कहा : घरेलू चीजों के दाम में और बढ़ोतरी न करे सरकार
- व्यवसायियों ने कहा : उद्योगों को बढ़ावा दे सरकार, जीएसटी सरल करे
Ranchi: केंद्र सरकार एक फरवरी को आम बजट पेश करने वाली है. इसको लेकर संसद का बजट सत्र मंगलवार यानी 31 जनवरी से शुरू हो गया. इसकी शुरुआत राष्ट्रपति के अभिभाषण से हुई. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दोनों सदनों को संयुक्त रूप से संबोधित किया. इसके बाद केंद्र सरकार ने अपना आर्थिक सर्वेक्षण लोकसभा में पेश कर दिया. आम लोगों को आम बजट से मोदी सरकार से काफी उम्मीदें हैं. झारखंड के युवाओं, गृहिणियों और व्यवसायियों का कहना है कि आम बजट ऐसा हो, जिससे रसोई और टैक्स में बेवजह कटौती नहीं हो. आइए जानें बजट पर आम लोगों की प्रतिक्रिया :
आम लोगों को सोचकर बजट बनाया जाए
रांची के बीआईटी मोड़ की रहनी वालीं सरिता बथवाल से बात करने पर उन्होंने बताया कि बजट में आम पब्लिक के लिए इनकम टैक्स में राहत मिलनी चहिए. सरकार से यही गुहार है कि आम लोगों को सोचकर बजट बनाया जाए. रांचीवासी के लिए रांची एयरपोर्ट को और सही किये जाने की जरूरत है. इंटरनेशनल एयरपोर्ट जैसे फैसिलिटी प्रोवाइड की जाए, जिससे कि राज्य की राजधानी का और नाम हो. इसके अलावा भी कई बुनियादी सुविधाओं को दुरुस्त करने की जरूरत है. रेल, सड़क से लेकर सभी को एकदम परफेक्ट करने की आवश्यकता है.
सिलेंडर की कीमत पर ध्यान देने की जरूरत है
रांची के अशोक नगर की सुनीता यादव से बात करने पर बताया कि सबसे पहले तो गैस सिलेंडर की कीमत पर ध्यान देने की जरूरत है और दूसरी सबसे ज्यादा जरूरी सेनिटरी पैड, जो बहुत महंगे हैं. इन कंपनियों पर दबाव डालकर इसके दाम कम कराएं, जिससे साधारण महिला भी इसे खरीद सके. यह बहुत जरूरी है. वर्तमान में जितने भी सेनिटरी पैड हैं, वो काफी महंगे हैं. कम से कम इसपर तो छूट मिलनी जरूरी है और पेट्रोप का भी दाम कम होना चाहिए, क्योंकि वर्तमान में गृहिणी या कामकाजी महिलाएं स्कूटी, कार आदि की जरूरत रहती है.
जरूरत की चीजों के दाम कम करने की जरूरत
रांची के डोरंडा की रहने वालीं परिणीता सिंह ने बताया कि महंगाई बहुत हो गई है. सरकार आम लोगों के हित में सोचे तो बहुत सी चीज पर काम करना जरूरी है. घरेलू गैस, पानी व बिजली का बिल, बच्चों के स्कूल की फीस, या फिर घर में राशन. सब चीजों के दाम आसमान छू रहे हैं. ऐसे में आम जनता को हर साल बजट का इंतजार होता है. एक हाउस वाइफ महीने का खर्च बहुत सोच-सोच कर चलाती है. सरकार को सभी चीज में थोड़ा-थोड़ा दाम कम करने की जरूरत है. गैस सिलेंडर का हर महीने दाम बढ़ जाता है, तो सरकार आम जनता के इनकम को सोचकर काम करे.
पलायन रोकने के लिए बजट बनाए सरकार
झारखंड रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय के वित्त पदाधिकारी डॉ. विकास कुमार ने कहा कि सरकार को इस बार के बजट में पलायन पर विचार करना चाहिए. झारखंड में हो रहे पलायन को रोकने के लिए बजट बनाना चाहिए. झारखंड के कृषि और लघु उद्योग को बढ़ावा देने के लिए भी विचार करना चाहिए. बजट रोजगार भारत हो, ताकि यहां पर लोगों को रोजगार मिल सके. जब अपने राज्य में अवसर एम मिलने लगेंगे, तब यहां से लोग पलायन करना भी छोड़ देंगे तो लाइन की सबसे बड़ी वजह बेरोजगारी है, इसे रोकना सरकार की पहली प्राथमिकता होनी चाहिए.
वोकेशनल और पीएचडी के लिए स्कॉलरशिप लाएं
डोरंडा कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर अवधेश ठाकुर ने कहा कि सरकार को इस बार के बजट में वोकेशनल और पीएचडी कोर्स के लिए स्कॉलरशिप का बजट लाना चाहिए. ताकि गरीब और आर्थिक तंगी से जूझ रहे विद्यार्थी अपनी पढ़ाई पूरी कर एक अच्छे मुकाम तक पहुंच पाएंगे. शैक्षणिक संस्थाओं में जो कमियां हैं, उसे दूर करने के लिए सरकार को बजट लाने की जरूरत है. बजट को लेकर आम जनता को काफी आशाएं रहती हैं, इसलिए सरकार को आम लोगों की आशा के अनुरूप ही बजट पेश करे. केंद्र के बजट से कई राहत की आस है.
सरकारी स्कूलों पर ध्यान देने की जरूरत
आम बजट को लेकर एसएस मेमोरियल के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर त्रिभुवन कुमार शाही ने कहा कि सरकार को सरकारी स्कूलों के बच्चों को डिवेलप करने के लिए बजट बढ़ाना चाहिए प्राइवेट स्कूलों में जितनी अच्छी सुविधाएं दी जाती हैं, बच्चों को जितना पढ़ा-लिखा कर आगे बढ़ाया जाता है, उतना सरकारी स्कूल के बच्चे नहीं हो पाते हैं. शिक्षा सभी का अधिकार है और गरीब बच्चों को भी अच्छा करने का हक है इस पर विचार सरकार को करना चाहिए. इसके अलावा कई बुनियादी सुविधाओं को भी आम लोगों के लिए सहज और सुगम बनाया जाए.
गृहिणियों को तो सिर्फ घर के सामान सस्ते चाहिए
कोडरमा निवासी रेखा देवी ने बताया कि गृहिणियों को घर के सामान सस्ते चाहिए. इसलिए सरकार घर के सामानों को सस्ता करें और खाने-पीने के दामों खासकर तेल और पेट्रोलियम पदार्थों पर नजर व नियंत्रण रखें, जिससे महंगाई कम हो और लोगों की जेब पर बोझ कम पड़े. कोरोना काल के बाद कई चीजों के दामों में अप्रत्याशित बढ़ोतरी हुई है, जिससे आम लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. वहीं दूसरी तरफ, सरकार आने वाले बजट में महंगाई पर विशेष रूप से ध्यान दें, ताकि लोगों को राहत मिल सके. अब जेब पर और भी अधिक बोझ न पड़े.
आम जनता तो बस महंगाई से निजात चाहती है : संतोष सिंह
कोडरमा निवासी संतोष सिंह ने बताया कि महंगाई चरम सीमा पर है. सरकार को चाहिए कि महंगाई पर विशेष ध्यान दें ताकि आम लोगों को राहत मिले. महंगाई से त्रस्त जनता सिर्फ महंगाई से निजात चाहती है खाने-पीने सामानों और पेट्रोलियम पदार्थों के मूल्य पर बढ़ती आसमान महंगाई ने आम मध्यम क्लास के लोगों का कमर तोड़ दिया है. सरकार को चाहिए कि इन सब बातों पर ध्यान रखें. क्योंकि आम बजट से लोगों की आशाएं जुड़ी रहती हैं. वह खासकर राहत और महंगाई पर नजर रखती है. इसलिए अब सरकार की ओर हमारी नजर है कि वो हमें राहत पहुंचाए.
जरूरत की घरेलू सामग्री की कीमत को कम करें : बेबी सिन्हा
कोडरमा निवासी बेबी सिन्हा ने बताया कि गृहिणियां को घरेलू उत्पाद संबंधित सामानों के दाम कम चाहिए और सरकार को चाहिए कि घरेलू सामग्री की कीमत कम करें. इस बजट में सरकार में जरूरी चीजों की कीमतों को कम करने पर विशेष ध्यान दें. साथ ही ट्रांसपोर्टेशन पर भी ध्यान दें, जिससे महंगाई पर अंकुश लग सके. महंगाई से जनता त्रस्त है और सरकार को महंगाई पर विशेष ध्यान देना पड़ेगा. बजट को लेकर हमारी नजर सिर्फ राहत और आफत पर होती है कि क्या महंगी हुई और क्या सस्ती हुई.
केंद्र सरकार को अब टैक्स कम करना चाहिए
कोडरमा निवासी विशाल सिंह ने बताया कि इलेक्ट्रॉनिक आइटम वर्तमान समय की पहचान बन चुकी है. इस पर सरकार को टैक्स कम करना चाहिए. टैक्स कम करने को लेकर मांग काफी समय से की जा रही है. टैक्स के बोझ से अब आम लोगों की कमर टूटती जा रही है. सरकार को चाहिए कि मोबाइल और मोबाइल एसेसरी सहित अन्य उपकरण जैसे कंप्यूटर इलेक्ट्रॉनिक आइटम आदि पर भी टैक्स स्लैब कम करें, क्योंकि यह अत्याधुनिक भारत की पहचान है, जो लोगों को प्रतिदिन उपयोग की वस्तुएं.
खाद्य पदार्थों पर से जीएसटी हटाना चाहिए
गृहिणी अनुजा उपाध्याय का कहना है कि सरकार को बढ़ती महंगाई को देखते हुए खाद्य पदार्थों पर से जीएसटी हटाना चाहिए. इससे लोगों को विशेषकर घर चलाने वाली महिलाओं को राहत मिलेगी. सरकार द्वारा एलपीजी सिलेंडर का दाम नियंत्रित करने के लिए टैक्स कम करना चाहिए, ताकि सरकार की उज्ज्वला योजना पूरी तरह सफल हो पाए. वर्तमान समय में उज्ज्वला योजना के लाभुकों द्वारा एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में वृद्धि के कारण सिलेंडर नहीं भरवाया जा रहा है. सरकार द्वारा रेल किराया में कटौती करके मध्यम वर्ग के लोगों को राहत दी जानी चाहिए.
शिक्षा पर जीएसटी नहीं लगाना चाहिए
गृहणी विनिता ओझा का कहना है कि एस तरफ सरकार शिक्षा को बढ़ावा देने की बात करती है. वहीं, दूसरी ओर सरकार द्वारा शिक्षा पर भी जीएसटी लगाया जाता है, जो कहीं ना कहीं सरकार के शिक्षा के प्रसार पर सवाल खड़े करता है. सरकार को शिक्षा पर से जीएसटी हटाना चाहिए. कॉपी, पेंसिल, किताब पर जीएसटी लगाकर सरकार गरीबों को शिक्षा से वंचित रखना चाहती है. नौकरीपेशा लोगों के इनकम टैक्स में विशेष छूट दिया जाना चाहिए. नौकरीपेशा की कमाई तो सरकार के सामने है. उनकी कमाई पर जब सरकार एक बार टैक्स लेती है तो दोबारा उनसे विभिन्न मद में टैक्स की वसूली करना उनके साथ अन्याय है. सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए.
महिलाओं को भी निवेश के लिए समान अवसर मिले
भूमिहार महिला समाज की सदस्य सुधा कुमारी का कहना है कि बजट 2023 में कौशल विकास और कार्यबल में महिलाओं के लिए समान अवसरों में निवेश को प्राथमिकता दी जानी चाहिए. शिक्षाविदों में महिलाओं द्वारा नवीन विचारों का समर्थन करने और उन्हें व्यवसायों में बदलने के लिए प्रेरित करने के लिए अकादमिक ऊष्मायन केंद्रों पर अधिक ध्यान केंद्रित किया जा सकता है. इसके अतिरिक्त, सरकार को उन कार्यक्रमों में निवेश करने पर ध्यान देना चाहिए जो महिलाओं के आर्थिक सशक्तीकरण का समर्थन करते हैं और कार्यबल में शामिल होने के लिए संसाधनों तक उनकी पहुंच बढ़ाते हैं. सब्सिडी के अलावा, पूंजी तक आसान पहुंच और जीएसटी रियायतें, अन्य बातों के अलावा, महिलाओं को एक अधिक अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र की भी आवश्यकता है, जो उन्हें उद्यमी के रूप में सक्षम बनाती है.
स्वास्थ्य सुविधाओं पर सरकार को बजट बढ़ाना चाहिए
गृहिणी उर्मिला देवी का कहना है कि सरकार को स्वास्थ्य सुविधा के लिए बजट में बढ़ोतरी करनी चाहिए, ताकि लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध हो सके. सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं का हाल खास्ता है. सरकार को आमलोगों को भी आयुष्मान योजना के दायरे में लाने पर विचार करना चाहिए. वर्तमान समय में स्वास्थ्य सुविधा बहुत महंगी हो गयी है. साधारण बीमारी का इलाज कराने में लोग बर्बाद हो जा रहे हैं. निजी अस्पतालों के लिए सरकार द्वारा नियम बनाना चाहिए, ताकि लोगों को एक समान स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध हो सके. स्वास्थ्य के क्षेत्र में कई सुधार की जरूरत है.
महिलाओं के लिए कौशल विकास व प्रशिक्षण कार्यक्रम हो
पीजी की छात्रा पायल रानी मंडल का कहना है कि बजट 2023 में सरकार को महिलाओं के लिए कौशल विकास और प्रशिक्षण कार्यक्रमों पर विशेष ध्यान देने जरुरत है. महिला कार्यबल, विशेष रूप से उद्यमी, उम्मीद करते हैं कि सरकार अतिरिक्त प्रोत्साहन देगी, जिसमें कर छूट, ब्याज मुक्त ऋण और महिला उद्यमियों को समर्पित धन की पेशकश शामिल होगी. बजट 2023 में सरकार महिलाओं के लिए कौशल विकास और प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लिए धन और संसाधन की अतिरिक्त व्यवस्था करे, जिससे महिलाएं अपने व्यवसायों में सफल हो और अर्थव्यवस्था में योगदान करें. महिलाओं के लिए बजट में विशेष प्रावधान तो होना ही चाहिए.
आम बजट में गृहिणियों का ख्याल रखा जाए
हजारीबाग के नूतन नगर की निवासी प्रतिमा मिश्रा कहती हैं कि आम बजट में गृहिणियों का ख्याल रखा जाए. रसोई से जुड़ी खाद्य सामग्रियों को सस्ता करने की जरूरत है. साथ ही गृहस्वामी के पॉकेट से बेवजह इनकम टैक्स की कटौती नहीं हो. संतुलित बजट बनाने की जरूरत है, ताकि हर वर्ग के लोग खुश रहें. टैक्स कटौती की मांग काफी समय से सरकार से की जा रही है. यह जरूर पूरी हो.
बढ़ती महंगाई पर नियंत्रण हो टैक्स में छूट मिले
ओकनी निवासी मीतू मिश्रा कहती हैं कि महंगाई पर नियंत्रण होना चाहिए और टैक्स का न्यूनतम स्लैब भी बढ़ाने की जरूरत है. वर्तमान हालात में आमजन परेशान हैं. इस बार के आम बजट में महंगाई की परेशानियों से मध्यमवर्गीय परिवार को छुटकारा मिले. सबका साथ सबका विकास सिर्फ नारा नहीं रहे.
शिक्षा के क्षेत्र में बजट में और राशि बढ़ाने की जरूरत
प्रतिमा कुमारी कहती हैं कि शिक्षा में खर्च बढ़ाने की जरूरत है. इससे सरकारी स्कूलों की स्थिति सुधरेगी और वहां पढ़नेवाले नौनिहालों का भविष्य सुरक्षित हो पाएगा. सरकारी स्कूलों को प्राइवेट विद्यालयों जैसी सुविधा मिले, कम से कम उतना खर्च तो होना ही चाहिए.
रोजगारोन्मुखी व महंगाई पर काबू वाला बजट हो
चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष शंभूनाथ अग्रवाल कहते हैं कि महंगाई पर नियंत्रण हो और रोजगारोन्मुखी बजट पेश हो. आम बजट में पेयजल और कृषि पर भी फोकस हो. युवाओं, महिलाओं और उद्यमियों की प्रगति का ख्याल करते हुए केंद्रीय आम बजट तैयार किया जाए. इससे आम आदमी का भरोसा सरकार के प्रति और बढ़ेगा.
आम बजट में सभी वर्गों का ख्याल रहे
शिक्षक से डिप्टी कलेक्टर बने ललित कुमार तिवारी कहते हैं कि आम बजट में सभी वर्गों का ख्याल रहे. यह बजट रोजगारोन्मुखी, स्वावलंबी, भविष्योन्मुखी, समावेशी और विकासोन्मुखी हो. समाज के वंचित और शोषितों का ख्याल रखकर बजट तैयार करने की जरूरत है. मध्यमवर्गीय परिवार के आयकरदाताओं के लिए टैक्स की न्यूनतम सीमा बढ़ाई जानी चाहिए.
महंगाई के आगे विवश, राहत की है उम्मीद
नगमा शाहीन का कहना है कि इस बार का आम बजट ऐसा आना चाहिए, जिससे आम तबके के लोगों को राहत मिल सके. वर्तमान में महंगाई सबसे बड़ी समस्या है. महंगाई से सभी लोग प्रभावित हैं. इस समय रसोई गैस से लेकर राशन कपड़ा, दूध सहित कई चीजों की कीमतों में बढ़ोतरी की गई है. घरेलू चीजों और खाने-पीने की चीजों की कीमतें कम होनी चाहिए, जिससे आम तबके के लोगों को राहत मिल सके. इस बार के पेश होने वाले बजट से हम उम्मीद करते हैं कि सरकार आम लोगों को ध्यान में रखते हुए एक ऐसा बजट पेश करे, जिससे सभी खुशहाल रहें. महंगाई के आगे सब विवश है.
जीएसटी प्रक्रिया को और सरल बनाए सरकार
रंजीत कुमार कहते हैं कि आम बजट से लोगों को काफी आस होती है. सरकार को सभी तबके को ध्यान में रखते हुए आम बजट को पेश करना चाहिए. इन दिनों महंगाई सबसे अहम मुद्दा है. विशेषकर सरकार को इस ओर ध्यान देकर आम बजट लाना चाहिए. वहीं जीएसटी में भी प्रक्रिया थोड़ा सरल होना चाहिए . रसोई गेस की कीमतों सहित अन्य चीजें थोड़ी सस्ती होनी चाहिए . सरकार सभी तबके को ध्यान में रखकर अपना बजट पेश करें और वह भी ऐसा कि मध्यम वर्ग के लोगों के ऊपर ज्यादा भार न पड़े .
जरूरी की सभी चीजों के दाम में कमी करे सरकार
प्रीति देवी कहती हैं कि आम बजट से बहुत उम्मीदें होती हैं. इन दिनों महंगाई चरम सीमा पर है. लगभग सभी जरूरी चीजों की कीमतों में इतनी ज्यादा बढ़ोतरी हो चुकी है कि लोग खरीदारी से भी डरने लगे हैं. सबसे पहले सरकार को चाहिए कि जरूरी सामानों की कीमतों में कमी करें और महंगाई को थोड़ा कम करें. वर्तमान में घरेलू किचन में इस्तेमाल होने वाले रसोई गैस, राशन की कीमतें बढ़ी हुई हैं, यह चीजें सस्ती होनी चाहिए. सरकार सभी वर्गों को ध्यान में रखकर इस बार का बजट पेश करें ताकि आम से लेकर खास तक को ज्यादा भार ना पड़े.
आम बजट को लेकर झारखंड को भी कई उम्मीदें
आम बजट को लेकर पूरे देश में उत्सुकता का माहौल है कि इस बार केंद्र सरकार कैसा बजट लेकर आती है. बात अगर झारखंड की करें तो राज्य में भी आम से लेकर खास इस उम्मीद में हैं कि झारखंड के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण क्या-क्या घोषणाएं करती हैं. फेडरेशन ऑफ झारखंड चेंबर ऑफ कॉमर्स ने केंद्रिय वित्त मंत्री को एक मांगपत्र भी भेजा था. हमारे संवाददाता निलय सिंह ने सरकार के मंत्री, विधायक, अर्थशास्त्री और व्यवसायियों से जानने की कोशिश की है कि आखिर बजट से झारखंड को लेकर क्या उम्मीदें हैं.
सरकार झारखंड की जनता का पूरा ख्याल रखेगी
झारखंड सरकार के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो को केंद्र सरकार से उम्मीद है कि पिछड़ा और नया राज्य होने के नाते झारखंड का पूरा ख्याल रखेगी. उन्होंने झारखंड में शिक्षा के क्षेत्र में विशेष योजनाओं की उम्मीद की है. केंद्र सरकार से इसलिए विशेष आशा है कि वे शिक्षा के क्षेत्र में राज्य के लिए अच्छी खबर लेकर आए.
बजट में झारखंड को क्या मिलता है, यही देखना है
विधायक सरयू राय का कहना है कि बजट एक वार्षिक आवश्यकता है और साल भर की आमदनी का खर्च कैसे करना है, इसका लेखा-जोखा तैयार होता है. बजट में अधिकांश संसाधन केंद्र अपने हिसाब से आवंटित करता है. अब झारखंड सरकार अपने तर्क से कितना ले पाती है और केंद्र क्या देता है, ये देखना है.
झारखंड को विशेष राज्य का दर्जा प्राप्त हो
झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के उपाध्यक्ष आदित्य मल्होत्रा ने कहा कि चैंबर ने वित्त मंत्री को एक ज्ञापन भेजा है, जिसमें केंद्र सरकार से मांग की है कि झारखंड को विशेष राज्य का दर्जा प्राप्त हो. व्यवसायियों उद्योगपतियों व पेशेवरों को स्वास्थ्य बीमा सामाजिक सुरक्षा प्रणाली के तहत पेंशन की सुविधा दी जाए.
झारखंड में पर्यटन के क्षेत्र में अपार संभावनाएं
चैंबर के संयुक्त सचिव शैलेश अग्रवाल बताते हैं कि झारखंड में पर्यटन के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं, लेकिन इस पर अभी तक गंभीरता से प्रयास नहीं किया गया है. पतरातू को मालदीव की तर्ज पर वाटर विला बना सकते हैं, नेतरहाट और सारंडा के जंगलों में पर्यटन के लिए आधारभूत संरचना के लिए केंद्र को फंड देना चाहिए.
खनिज आधारित उद्योग से होगा विकास
झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के महासचिव डॉ अभिषेक रामाधीन कहते हैं कि पर कैपिटा इनकम में झारखंड का स्थान देश में 25वां है, जबकि खनिज संपदा का 40 प्रतिशत हमारे पास है. इसके लिए खनिज आधारित उद्योग लगाकर ही राज्य का विकास हो सकता है. उम्मीद है कि बजट में इसका जरूर ध्यान दिया जाएगा.
एचईसी का पुनरुद्धार और नई ट्रेनें शुरू करने की जरूरत
चार्टर्ड अकाउंटेंट और चैंबर के सदस्य महेंद्र जैन का मानना है कि एचईसी का पुनरुद्धार कर के उद्योगों को बढ़ावा दिया जा सकता है. साथ ही झारखंड को और भी वंदे भारत ट्रेनें दी जाएं. साथ ही रांची में भी एक रेलवे की जोनल ऑफिस का निर्माण राजधानी रांची, जमशेदपुर व धनबाद जैसे बड़े स्टेशनों को लंबी दूरी की ट्रेनें भी मिलेंगी.
सूबे की बंद पड़ी खदानों को पुनः शुरू करने की जरूरत
एक फरवरी को पेश होेने वाले आम बजट को लेकर अर्थशास्त्री जपी शर्मा कहते हैं कि झारखंड की बुनियादी इकोनॉमी माइनिंग है कि इस संदर्भ में यहां वर्षों से बंद पड़ी खदानों को पुनः शुरू करने और नई खदानों के निर्माण की भी बात की गई. इसके साथ-साथ चतरा में एक स्टील फैक्ट्री का भी निर्माण हो.