Rajnish Prasad
Ranchi : झारखंड के विश्वविद्यालयों में लगभग 15 से 30 साल पढ़ाने का अनुभव लेने वाले और यूजीसी के सभी मापदंडों को पूरा करने वाले भी अब कुलपति नहीं बन सकते हैं. क्योंकि झारखंड में 2008 में बहाल हुए असिस्टेंट प्रोफेसर में से किसी का भी प्रमोशन नहीं हुआ है. वहीं 1996 में बहाल हुए सहायक प्रोफेसरों की बहाली एसोसिएट प्रोफेसर में तो हुई है, मगर इसके बाद प्रोफेसर में प्रमोशन दिया ही नहीं गया.
कुलपति बनने के लिए प्रोफेसर बनने के बाद 10 साल का अनुभव होना चाहिए. 2008 में बहाल हुए असिस्टेंट प्रोफेसर की नौकरी लगभग 12 से 15 साल ही बचा है. अब इन्हें प्रमोशन भी दिया जाता है, तो ये दस साल का अनुभव पूरा नहीं कर पाएंगे. यूजीसी नियम के अनुसार, विश्वविद्यालयों में प्रत्येक विषय के लिए 1 प्रोफेसर, 2 एसोसिएट प्रोफेसर और पांच असिस्टेंट प्रोफेसर होने चाहिए. लेकिन किसी भी विश्वविद्यालय में ये नहीं हैं. सारे विश्वविद्यालयों में से सिर्फ 9 विश्वविद्यालय प्रोफेसर ही हैं. डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय,बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय में कोल्हान विश्वविद्यालय, जमशेदपुर महिला विश्वविद्यालय, नीलांबर-पीतांबर विश्वविद्यालय और सिदो कान्हो मुर्मू विश्वविद्यालय में एक भी विश्वविद्यालय प्रोफेसर नहीं हैं.
इसे भी पढ़ें – नौसेना में शामिल किया गया सुपरसोनिक ब्रह्मोस मिसाइल से लैस आईएनएस इंफाल
ये विश्वविद्यालय प्रभारी कुलपति के भरोसे
विनोबा भावे विश्वविद्यालय हजारीबाग, सिदो कान्हो मुर्मू विश्वविद्यालय दुमका, नीलाबंर-पीतांबर विश्वविद्यालय पलामू, कोल्हान विश्वविद्यालय चाईबासा, ये सभी प्रभारी कुलपतियों के भरोसे ही चल रही है. इन सभी विश्वविद्यालयों के लिए राजभवन ने रिक्तियां भी निकाली है. लेकिन अब तक इसमें बहाली नहीं हुई है. बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय के कुलपति सुखदेव भोई को वित्तीय अनियमितता का आरोप लगने की वजह से बर्खास्त कर दिया गया. उस दौरान से ही कुलपति का पद खाली है. वहीं रांची विश्वविद्यालय, विनोबा भावे विश्वविद्यालय, नीलांबर-पीतांबर विश्वविद्यालय और कोल्हान विश्वविद्यालय में प्रतिकुलपति भी नहीं है.
राज्यपाल ने रद्द किया सर्च कमेटी
राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने कुलपतियों की बहाली के लिए बनायी गई सर्च कमेटी को रद्द कर दिया है. जानकारी के अनुसार, इंटरनल के बाद कमेटी को रद्द कर दिया था. आवेदन करने वाले अभ्यर्थी सारे मापदंडों को पूरा नहीं कर रहे थे. इसलिए कमेटी को रद्द कर दिया गया.
इसे भी पढ़ें – डीएसपी रैंक के 5 अधिकारियों का हुआ तबादला,जानें कौन कहां गए