Ranchi : ग्रामीण विकास विभाग ने तीन दिवसीय जल संसाधन योजना प्रशिक्षण का आयोजन कराया. यह प्रशिक्षण मनरेगा के बीआरएलएफ की सहायता से झारखंड हाई इंपैक्ट मेगा वाटरशेड परियोजना “जिवि दाः हासा” अंतर्गत किया गया. प्रशिक्षण का उद्घाटन मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद मनरेगा उपायुक्त राजेश्वरी बी ने किया. उन्होंने प्लानिंग पोस्टर का अनावरण किया. मौके पर मनरेगा आयुक्त ने आवश्यकता आधारित योजना बनाने पर जोर दिया, जिसमें समुदाय की सहभागिता और स्वामित्व हो. साथ ही परियोजना के सफल क्रियान्वयन के लिए सभी हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया.
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परियोजना के मुख्य बिंदु और लक्ष्य इस प्रकार हैं
- इस परियोजना का लक्ष्य 24 प्रखंडों के कुल 696 वाटर शेड का विकास किया जाना है
- तीन लाख 39 हजार हेक्टेयर भूमि का उपचार का है लक्ष्य
- एक लाख किसानों की आय दोगुनी करना
- 1.5 लाख हेक्टेयर भूमि में बेहतर कृषि कार्य करना
- मृदा एवं जल प्रबंधन द्वारा भूमि की नमी में बढ़ोतरी करना
- वर्षा पर निर्भरता कम करना. बहु फसल कृषि को अधिक से अधिक बढ़ावा देना, मनरेगा की राशि का बेहतर उपयोग कर तकनीक से उपयोगी संरक्षण का निर्माण करना
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आठ आदिवासी बहुल राज्यों में काम कर रही है संस्था: मनरेगा आयुक्त
मनरेगा आयुक्त राजेश्वरी बी ने कहा कि बीआरएलएफ ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा गठित एक स्वायत्त संस्था है, जिसका मुख्य ध्येय है सरकार से साझेदारी में स्वयंसेवी संस्थाओं के कार्य विस्तार में सहयोग देना. बीआरएलएफ वर्तमान में मध्य भारत के आदिवासी बहुल 8 राज्यों में सक्रिय हैं. परियोजना को राज्य सरकार के साथ मिलकर मूर्त रूप दिया गया है और इसकी विशेषता यह है कि राज्य सरकार की बिरसा हरित ग्राम योजना और नीलांबर-पीतांबर जल समृद्धि योजना से पूरी तरह मिल रखती है.
प्रशिक्षण में इन एनजीओ के प्रतिभागी मौजूद रहे
जल संसाधन योजना तीन दिवसीय प्रशिक्षण में जन जागरण केंद्र , कलामंदिर, सपोर्ट, प्रदान, WOTR , विकास भारती, वासन , नीड्स , TSRD , SPWD, GVT एवं आसा के 2 वाटरशेड एक्सपर्ट प्रतिभागी हैं.