NewDelhi : टूलकिट केस में पूछताछ के लिए पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि को मंगलवार को दिल्ली पुलिस के साइबर सेल ऑफिस लाया गया. खबर है कि आज शांतनु भी इस पूछताछ में शामिल होगा. कल सोमवार को दिल्ली पुलिस ने जे शांतनु और निकिता से पूछताछ की.
दिल्ली पुलिस की पूछताछ खत्म होने के बाद दोनों वापस लौट गये. बता दें कि दिल्ली पुलिस ने दोनों को पूछताछ के लिए 23 फरवरी को फिर बुलाया है.खबर है कि दिल्ली पुलिस 23 फरवरी को निकिता और शांतनु को दिशा के सामने बैठाकर पूछताछ करेगी. इन दोनों के साथ आमने-सामने की पूछताछ के लिए ही दिल्ली पुलिस ने दिशा को एक दिन की पुलिस कस्टडी में लिया है.
किसान आंदोलन से जुड़े टूलकिट मामले में सोमवार को दिशा रवि की अदालत में पेशी हुई. दिल्ली पुलिस ने अदालत से दिशा रवि की रिमांड पांच दिन बढ़ाने की मांग की है. पटियाला हाउस कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की अर्जी पर दिशा रवि को एक दिन के लिए पुलिस हिरासत में भेजे जाने का फैसला सुनाया.
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दिशा रवि ने शांतनु-निकिता पर मढ़े सारे आरोप
सोमवार को दिशा के वकील ने अदालत में कहा कि मोबाइल में जो जानकारी थी, वो पुलिस के पास भी है. इसलिए हमने हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की थी. दिल्ली पुलिस ने अदालत में जानकारी दी कि दिशा रवि ने सारे आरोप शांतनु-निकिता पर मढ़ दिये हैं. ऐसे में वह उन तीनों को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ करना चाहते हैं. दिल्ली पुलिस की ओर से अदालत को जूम मीटिंग की जानकारी दी गयी, जिसका संबंध टूलकिट बनाने और आगे बढ़ाने से है.
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17-18 जनवरी को भी जूम मीटिंग की गयी, 23 को टूलकिट तैयार हुआ
बता दें कि पर्यावरणविद दिशा रवि को किसान आंदोलन के दौरान हिंसा भड़काने के लिए टूलकिट बनाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. दिल्ली पुलिस का दावा है कि इसके पीछे खालिस्तान से जुड़े संगठनों की साजिश थी. पुलिस ने बताया कि 17 और 18 जनवरी को भी जूम मीटिंग की गयी और 23 को टूलकिट तैयार हुआ.
दिल्ली पुलिस का दावा है कि कनाडा के पोएटिक जस्टिक फाउंडेशन से जुड़ा एमओ धालीवाल भारत में किसानों की आड़ में माहौल खराब करने की फिराक में था. अगर सीधे कोई कार्रवाई करता तो एक्सपोज़ हो जाता इसलिए उसने भारत मे कुछ चेहरों का सहारा लिया. दिशा रवि ने टूलकिट में एडिट किया है. इनका सहयोगी शान्तनु दिल्ली आया था और 20 से 27 तक दिल्ली में था.
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दिशा ने सबूतों को मिटाया है. सुबूतों के साथ छेड़छाड़ की
दिल्ली पुलिस ने आरोप लगाया कि दिशा ने सबूतों को मिटाया है. सुबूतों के साथ छेड़छाड़ की है, 60 से 70 लोग Zoom मीटिंग में थे जिसमें मो धालीवाल शामिल था, दिशा रवि को तमाम हो रही चीजों की जानकारी थी. उनको यह पता था कि किस प्रकार लोगों को भ्रमित किया जा सकता है. दिशा रवि के वकील ने तर्क दिया कि किसी देश विरोधी व्यक्ति के बातचीत करने से क्या हम देश विरोधी हो जायेंगे? अपनी बातें किसी भी प्लेटफॉर्म पर रखना अपराध नहीं है