Ranchi : झारखंड में पहली बार वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ हीमोफीलिया के सहयोग से फिजीशियन डॉक्टरों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा. हीमोफीलिया मरीजों के इलाज में चिकित्सकों की विशेषज्ञता बढ़ाना के उद्देश्य से दो दिवसीय राज्य स्तरीय क्षमता विकास कार्यक्रम रांची में आयोजित किया जाएगा. 18 और 19 नवंबर को इस कार्यक्रम में राज्य के सभी जिलों से विशेषकर मेडिसीन के दो चिकित्सक प्रशिक्षण में भाग लेंगे. इस बाबत राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अभियान निदेशक आलोक त्रिवेदी ने सभी मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी को चिकित्सकों का नाम भेजने का निर्देश दिया है.
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प्रशिक्षण कार्यक्रम में इनका होगा व्याख्यान
आयोजन के पहले दिन विभिन्न विषयों पर परिचर्चा की जायेगी. पीडियाट्रिक्स विभाग की रिटायर्ड प्रोफेसर डॉ मिन्नी रानी अखौरी द्वारा भारत और झारखंड में हीमोफीलिया के वर्तमान परिदृश्य, रक्तस्राव का निदान और उपचार कैसे करें विषय पर व्याख्यान दिया जाएगा. जबकि हीमोफीलिया की जटिलता और इसके निदान के विषय पर रिम्स पीडियाट्रिक्स विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ पार्था कुमार चौधरी द्वारा व्याख्यान दिया जाएगा. हेमोस्टेसिस के तंत्र और प्रयोगशाला के माध्यम से हिमोफीलिया का डायग्नोसिस विषय पर रिम्स बायोकेमेस्ट्री विभाग जेनेटिक्स एंड जीनोमिक्स की एसोसिएट प्रोफेसर-एचओडी डॉ अनूपा प्रसाद द्वारा व्याख्यान दिया जाएगा.
हीमोफीलिया मरीजों के प्रबंधन विषय पर डॉ संजय सिंह देंगे जानकारी
इमरजेंसी में हीमोफीलिया मरीजों के प्रबंधन और उनका उपचार कैसे करें विषय पर मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ संजय सिंह व्याख्यान देंगे. संजय गांधी पोस्टग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस लखनऊ के डॉ संजीव, पश्चिम बंगाल की जेनेटिक कॉउंसलर (स्टेट कोऑर्डिनेटर) डॉ दीपांजना दत्ता, रिम्स के सीनियर फिजियोथेरेपिस्ट डॉ देवेंद्र मुंडा, एस एंड बी फिजियोथेरेपी क्लिनिक रांची के कंसलटेंट फिजियोथेरेपिस्ट डॉ नयना राजपूत, रिम्स पिडोडोंटिक्स विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ स्वाति शर्मा, सह्याद्रि सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल पुणे के डॉ शशीकांत आप्टे, कोलकाता के डॉ प्रशांत कुमार मंडल भी शामिल होंगे.
इंटरनेशनल ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल की दी जाएगी जानकारी
हीमोफीलिया ट्रीटमेंट सोसाईटी रांची चैप्टर के सचिव संतोष जायसवाल ने कहा कि पहली बार वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ हीमोफीलिया के सहयोग से कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है. जिला स्तर के डॉक्टरों के लिए पहली बार प्रशिक्षण का आयोजन किया गया है. प्रशिक्षण के दौरान डॉक्टरों का इंटरनेशनल ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल की जानकारी दी जाएगी. दवा के डोज की जानकारी दी जायेगी, ताकि मरीजों को बेहतर तरीके से इलाज किया जा सके.
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