Ranchi: कोरोना काल में सबसे ज्यादा हौसलाअफजाई अगर किसी की हुई है, तो वे और कोई नहीं बल्कि डॉक्टर्स हैं. सरकार ही नहीं बल्कि आम जनता भी उनकी तारीफ करती है. खासकर सरकारी अस्पतालों में बिना किसी लोभ-लालच के काम करने वाले डॉक्टरों की पूरे देश में वाहवाही हो रही है. लेकिन झारखंड सरकार सरकारी अस्पतालों में काम करने वाले ऐसे ही नव नियुक्त डॉक्टरों को सैलेरी देने में लाचार है.
मुख्य सचिव के आदेश के बाद भी नहीं मिली 380 नवनियुक्त डॉक्टरों को सैलेरी
10 मई को झारखंड के मुख्य सचिव कार्यालय की तरफ से झारखंड के सभी विभाग के सचिवों को एक निर्देश जारी किया गया. निर्देश में यह साफ था कि राज्य में सभी रेगुलर, अनुबंध कर्मी या दैनिक भुगतान वाले कर्मियों का वेतन 25 मई तक हर हाल में भुगतान कर दिया जाए. सीएस के निर्देश में यह भी था कि भुगतान को लेकर अगर किसी तरह की विभागीय परेशानी है, तो उसे विभाग के सचिव स्तर पर निबटाया जाए. लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने खबर लिखे जाने की तारीख तक नव नियुक्त डॉक्टरों को वेतन भुगतान नहीं किया था. मई महीना मिलाकर पांच माह बीतने को हैं, लेकिन मुख्य सचिव के आदेश के बाद भी डॉक्टरों का भुगतान नहीं हो पाया है.
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डॉक्टरों ने सीएम से लगायी गुहार
पांच महीने से वेतन का इंतजार करने के बाद राज्य के अस्पतालों में नियुक्त 380 मेडिकल ऑफिसर्स अब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिख कर वेतन न मिलने की बात से अवगत कराया है. मेडिकल ऑफिसर्स की ओर से भेजे गये पत्र में कहा गया है कि 380 मेडिकल ऑफिसर्स की नियुक्ति 29 दिसंबर 2020 को हुई. लिखा है कि हमने जनवरी से काम शुरू किया है. काम शुरू करने के बाद से अब तक हमें वेतन नहीं मिला है. हमने संबंधित विभाग से बात की, पर कोरोना का हवाला देकर बात को टाल दिया गया. आज हमें काम करते हुए पांच महीने बीतने को हैं, लेकिन वेतन मिलने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं.
पत्र में लिखा है कि अगर वेतन का भुगतान इस महीने नहीं किया गया, तो उनके सामने भूखे मरने की नौबत आ जायेगी. इसलिए वेतन का भुगतान किया जाये. डॉक्टर्स ने यह भी लिखा है कि नवनियुक्त मेडिकल ऑफिसर्स में से कई रिम्स में भी काम कर चुके हैं. पर वहां भी जो काम किया, उसका दिसंबर महीने का वेतन नहीं मिला. डॉक्टर्स ने सीएम से वेतन जारी करने का अनुरोध किया है.
Good Reporting.