Lagatar Desk : ट्विटर ने भारत में ‘सोशल मीडिया मध्यस्थ’ का अपना दर्जा खो दिया है. केंद्र सरकार की नयी गाइडलाइंस का पालन न करने के कारण ट्विटर को यह दर्जा गंवाना पड़ा है. इसके साथ ही ट्विटर ने सूचना प्रौद्योगिकी (IT) अधिनियम के तहत प्राप्त कानूनी कार्रवाई से सुरक्षा खो दी है. समाचार एजेंसी ANI ने सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी है. मध्यस्थ का दर्जा खोने के बाद ट्विटर पर यूजर्स की पोस्ट की जिम्मेदारी होगी और आपत्तिजनक पोस्ट के लिए ट्विटर के खिलाफ कार्रवाई की जा सकेगी.
What happened in UP was illustrative of Twitter’s arbitrariness in fighting fake news. While Twitter has been over enthusiastic about its fact checking mechanism, it’s failure to act in multiple cases like UP is perplexing & indicates its inconsistency in fighting misinformation.
— Ravi Shankar Prasad (@rsprasad) June 16, 2021
अब यूजर्स की पोस्ट के लिए जिम्मेदार होगा ट्विटर
ट्विटर को अब यूजर्स के कंटेट के होस्टिंग प्लेटफॉर्म की जगह एक पब्लिशर माना जायेगा. इसका मतलब सामान्य मीडिया की तरह वह अपने प्लेटफॉर्म पर डाले जाने वाली हर पोस्ट के लिए जिम्मेदार होगा. यानी अगर किसी यूजर की पोस्ट कानून के खिलाफ पायी जाती है, तो आईटी अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत इसके लिए ट्विटर पर भी केस और कार्रवाई की जा सकेगी.
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बार-बार कहने के बावजूद नहीं किया गाइडलाइंस का पालन
सरकारी सूत्रों के अनुसार अभी तक ट्विटर ही एकमात्र ऐसा बड़ा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म है जिसने नयी गाइडलाइंस के अनुसार अधिकारियों की नियुक्ति नहीं की है. जबकि सरकार के स्तर से उसे इसके बार-बार कहा जाता रहा है. एक सूत्र ने बताया कि जिसने भी नयी गाइडलाइंस का पालन नहीं किया है, वह अपना मध्यस्थ दर्जा खो चुका है. अब ट्विटर पर भी भारतीय कानून की सभी धाराएं लागू होंगी.
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गाइडलाइंस का पालन करने की हर कोशिश होगीः ट्विटर
मध्यस्थ का दर्जा हटने के मामले पर अपनी प्रतिक्रिया में ट्विटर ने कहा कि हम गाइडलाइंस का पालन करने की हर मुमकिन कोशिश कर रहे हैं. इसके तहत इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय को प्रक्रिया के तहत उठाये जा रहे हर कदम की जानकारी दी जी रही है. अंतरिम मुख्य अनुपालन अधिकारी की नियुक्ति की जा चुकी है. मंत्रालय के साथ जल्द ही इसकी जानकारी साझा की जायेगी.
क्या है नयी गाइडलाइंस का मामला
इस साल 25 फरवरी को केंद्र सरकार ने नये आईटी नियम जारी किये थे. इनमें कंपनियों के लिए निम्नलिखित जानकारी सरकार को देना जरूरी किया गया था-
- भारत में अपने अधिकारी और ऑफिस का पता.
- शिकायत सुनने वाले अधिकारी की नियुक्ति.
- शिकायत का समाधान और आपत्तिजनक कंटेट की निगरानी.
- सबसे पहले मैसेज भेजने वाले की जानकारी देना.
- शिकायत रिपोर्ट और आपत्तिजनक सामग्री हटाना आदि
सभी कंपनियों को तीन महीने के अंदर इन नियमों को लागू करने का समय दिया गया था.
ट्विटर ने नहीं किया नियम का पालन, भेजे गये कई नोटिस
केंद्र सरकार के गाइडलाइंस के बाद सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ने इन नियमों का पालन करते हुए अधिकारियों की नियुक्ति कर दी. ट्विटर ने इसे लागू करने में टाल-मटोल की. इसके बाद 26 मई को सरकार ने उसे पहला नोटिस भेजा. 5 जून को ट्विटर को आखिरी नोटिस भेजा गया. 6 जून को ट्विटर ने इसका जवाब देते हुए कहा कि उसने कुछ अधिकारियों की नियुक्त कर दी. एक हफ्ते में मुख्य अनुपालन अधिकारी की नियुक्ति कर दी जायेगी.
10 दिन बाद तक ट्विटर ने नहीं की नियुक्तिः सरकार
ट्विटर के जवाब के बाद सरकार ने कहा कि ट्विटर ने नियमों के तहत अधिकारियों की नियुक्ति नहीं की. उसने मुख्य अनुपालन अधिकारी की नियुक्ति पर भी 10 दिन बाद भी कोई जवाब नहीं दिया. इन्हीं सब कारणों से ट्विटर का मध्यस्थ का दर्जा छीन लिया गया है.