Ramgarh: लॉकडाउन और बेमौसमी बारिश ने किसानों की कमर तोड़ दी है. पतरातू प्रखंड के कई गांवों के किसान इस बेमौसमी बारिश से बेहाल हो गये हैं. एक तो लॉकडाउन में किसानों को अपनी फसल बेचने में परेशानी हो रही थी. वहीं दूसरी तरफ उनके खेतों में लगी सब्जियां बरसात से खराब हो रही हैं. पतरातू प्रखंड के लादी, चिकोर पाली, निम्मी, मतकम्मा, देवरिया, सुदी, साकी, बल कुदरा, लपंगा जैसे कई गांवों के किसान इस दोहरी मार को नहीं झेल पा रहे हैं. आपको बता दें कि पतरातू प्रखंड के इन सुदूरवर्ती गांवों की बड़ी आबादी खेती बाड़ी पर निर्भर रहती है. इन दिनों लॉकडाउन के कारण यहां की सब्जियां बाहर नहीं जा पा रही हैं. जिससे किसानों को अपनी सब्जियों की सही कीमत भी नहीं मिल रही है. उन्हें स्थानीय बाजारों में ही अपनी सब्जियों को औने-पौने दामों पर बेचना पड़ रहा है. जिससे किसानों को अपना मेहनताना भी निकलना मुश्किल हो गया है.
किसान बिगन महतो बताते हैं कि 25 हजार की पूंजी लगाकर उन्होंने टमाटर और मिर्च लगाई थी, जो बारिश में बर्बाद हो गई. पिछले वर्ष भी किसानों का यही हाल हुआ था. सरकारी आदेश के बाद पिछले वर्ष, यहां के सैकड़ों किसानों द्वारा फसल क्षतिपूर्ति फॉर्म भर कर अंचल कार्यालय पतरातू में जमा किया गया. लेकिन एक वर्ष बीत जाने के बाद भी उन्हें मुआवजा राशि नहीं मिल पाई है. जिससे पतरातू के किसानों की चिंता बढ़ गई है. किसानों ने प्रशासन, विधायक और सांसद से मांग की है कि पिछले वर्ष हुए किसानों के नुकसान की भरपाई के लिए भुगतान जल्द कराया जाए. और इस वर्ष हुए किसानों के नुकसान को आपदा राहत कोष या अन्य फंडों से राहत दे.